सरकार द्वारा प्रदेश के छात्र व छात्राओं को दिए जाने वाले स्मार्ट फोन अब उसके लिए मुसीबत बनते जा रहे हैं। इन स्मार्ट फोन मेें कई तरह की खामियां पाई गई हैं। इन्हें सीएम फैलो ने भी सही पाया है। इसके लिए हाल ही में कराए गए एक अध्ययन रिपोर्ट में कहा गया हैं कि सरकार को इस तरह के स्मार्टफोन नहीं देना चाहिए। अगर सरकार को देना ही है तो अपग्रेड फीचर्स वाला फोन दिया जाना चाहिए। रिपोर्ट में यह भी कहा है कि स्क्रीन छोटी होने से छात्रों के लिए यह फोन अनुपयोगी है। कमजोर फीचर वाला फोन देने से सरकार की छवि खराब हो रही है। यह स्टडी रिपोर्ट हाल ही में स्कूल आफ गुड गवर्नेंस को दी गई गई है। हालांकि स्कूल आफ गुड गवर्नेंस ने इस रिपोर्ट पर अमल करना तो दूर उसे सार्वजनिक तक नहीं किया है। इस रिपोर्ट को लेकर प्रोग्राम के विशेषज्ञों का कहना है कि इसे छात्रों के फीडबैक के आधार पर तैयार किया गया है।
छात्रों ने बताया फोन को घटिया
सीएम फैलो प्रोग्राम के तह सीएम की योजनाओं का आंतरिक मूल्यांकन किया जाता है। यह जनता का फीडबैक लेकर रिपोर्ट स्कूल आफ गुड गवर्नेंस को सौंपता है। स्मार्ट फोन को लेकर 51 जिलों के करीब एक हजार छात्रों से प्रश्नोत्तरी आधारित फीडबैक लिया गया। अधिकांश छात्रों ने इस फोन को घटिया करार दिया।
यह है कमी
– यह स्मार्ट फोन जैसा आभास ही नहीं देता। हर मामले में कमजोर है।
– फीचर्स बहुत कमजोर है। ये नार्मल फोन की तरह है। जो बड़ी कक्षाओं के छात्रों के लिए उपयोग नहीं है।
– बैटरी बहुत कमजोर है।
– रैम बहुत कम है। इससे स्पीड नहीं मिलती। प्रोसेसर धीमा है। इसके कारण छात्रों के उपयेाग की कई ऐप डाउनलोड नहीं किए जा सकते हैं।
– इंटरनल और एक्सटरनल मेेमोरी कम होने से छात्र इस फोन को पसंद नहीं कर रहे हैं। कई जगह यह फोन काम ही नहीं करता है।
पहले भी उठे थे सवाल
सरकार 12वीं पास करके कालेज में प्रवेश लेने वाले छात्रों को तीन साल से स्मार्ट फोन बांट रही है। इस फोन का प्राइमरी कैमरा, 2 मेगा पिक्सल, फ्रंट कैमरा 0.3 मेगा पिक्सल और रेम 512 एमबी है। इसे लेकर छात्रों ने पहले भी विरोध किया है।