चुनावी साल के चलते प्रदेश में विभिन्न कारणों से सेवा से बाहर किए गए संविदा कर्मियों को सरकार एक बार फिर नौकरी का मौका देने की तैयारी कर रही है। इसकी शुरुआत प्रदेश में जल संसाधन विभाग से होने की संभावना है। इस सबंध में हाल ही में जल संसाधन विभाग के सभी मुख्य अभियंताओं को पत्र भेजकर इनसे सबंधित जानकारी तीन दिन में मांगी गई है। गौरतलब है कि प्रदेश के विभिन्न विभागों में इन दिनों संविदा कर्मियों की संख्या करीब 1.48 लाख है। इसमें सर्वाधिक संविदाकर्मी जल संसाधन, पीडब्ल्यूडी व लोक यांत्रिकी विभाग में कार्यरत हैं। पिछले दिनों अखिल भारतीय संविदा कर्मचारी महासंघ के प्रांतीय संयोजक अजय तिवारी ने मुख्यमंत्री को एक पत्र भेजकर निष्कासित संविदा कर्मियों की सेवा बहाली के बाद संविलियन, नियमितीकरण आदि करने की मांग की थी। उन्होंने अपने पत्र में संविदा कर्मियों की ओर से उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी थी। जिसके बाद सरकार स्तर पर उनकी मांगों पर कार्रवाई शुरू की गई है।
इस वजह से भी जागी उम्मीद
मुख्यमंत्री कार्यालय ने सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव व सचिवों को पत्र भेजकर कहा कि निष्कासित संविदा कर्मियों की सेवा बहाली के संबंध में कार्रवाई से संबंधित को अवगत कराने का कष्ट करें। मुख्यमंत्री कार्यालय ने पत्र में यह भी लिखा है कि कार्रवाई हो जाने के बाद विभाग के द्वारा की गई टर्मिनेशन की कार्रवाई संक्षिप्त रूप से अंकित कर प्रकरण अपने स्तर से विलोपित करने का कष्ट करें। इसके लिए मुख्यमंत्री कार्यालय से आंतरिक पत्राचार की जरूरत नहीं है। सरकार के इस कदम से हजारों कर्मचारियों को फिर उम्मीद जगी है।
इन विभागों में किया जाएगा रिव्यू
मुख्यमंत्री कार्यालय ने पीडब्ल्यूडी, पीएचई, जल संसाधन स्कूल शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य व पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को पत्र लिखिकर इस पर अगली कार्रवाई करने व संबंधित प्रांतीय संयोजक अजय तिवारी को अवगत कराने को कहा है। सूत्रों ने बताया कि इस पत्र के बाद एक बार फिर उक्त विभागों ने ऐसे निष्कासित संविदा कर्मियों के मामलों का रिव्यू करने का निर्णय लिया है। इस रिव्यू के बाद यदि कोई खास कारण नहीं होगा तो ऐसे संविदा कर्मियों की बहाली की जाएगी। किंतु गंभीर मामला या फिर कदाचरण आदि के दोषी कर्मियों की बहाली का कोई औचित्य नहीं होगा।