सीआईसी ने पूछा, भगत सिंह को शहीद क्यों नहीं घोषित किया जा सकता

मंगल भारत नई दिल्ली केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने गृह मंत्रालय को इस बात की संभावना तलाशने के लिए कहा है कि क्या भगत सिंह को शहीद का दर्जा दिया जा सकता है? आयोग ने यह भी कहा है कि अगर ऐसा नहीं किया जा सकता तो सरकार इसका विस्तृत कारण बताए।

सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्यलु ने कहा है कि सरकार स्वाधीनता सेनानियों को सम्मानित करती है और उन्हें पेंशन भी देती है, लेकिन भगत सिंह जैसे क्रांतिकारियों के परिवारों को वित्तीय सहायता तो दूर, उन्हें शहीद का दर्जा तक नहीं दिया गया। आचार्यलु ने कहा, ‘भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की जयंती और पुण्यतिथि पर हर साल उन्हें शहीद घोषित करने की मांग की जाती है।

पंजाब सरकार ने सरबजीत सिंह को राष्ट्रीय शहीद घोषित किया था जिनकी कोट लखपत जेल में मौत हो गई थी। लेकिन भगत सिंह और अन्य की अनदेखी की गई।’ उन्होंने एक अखबार में 20 मई को छपी खबर का हवाला दिया जिसके मुताबिक पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने कहा है कि इन तीनों को शहीद का दर्जा नहीं दिया जा सकता क्योंकि उसका कोई कानूनी आधार नहीं है।

आचार्यलु ने कहा, पंजाब सरकार का कहना था कि किसी को भी शहीद के रूप में आधिकारिक मान्यता नहीं दी जा सकती क्योंकि संविधान का अनुच्छेद-18 राज्य को किसी को भी कोई उपाधि देने की अनुमति नहीं देता। इस पर उन्होंने कहा, ‘जब संविधान का अनुच्छेद-18 मेधावी हस्तियों को भारत रत्न और पद्म सम्मान देने से नहीं रोकता तो इस आधार पर भगत सिंह को शहीद का दर्जा नहीं देने की दलील तर्कपूर्ण नहीं लगती।’

बता दें कि यह मामला एक आरटीआई आवेदन से जुड़ा है जिसमें सरकार से पूछा गया था कि क्या भगत सिंह को शहीद का दर्जा दिया गया है? अगर नहीं, तो उसकी क्या कानूनी बाध्यताएं हैं। मालूम हो कि भगत सिंह और उनके क्रांतिकारी साथियों राजगुरु और सुखदेव को लाहौर साजिश मामले में ब्रिटिश हुकूमत ने 23 मार्च, 1931 को फांसी पर लटका दिया था।

आरटीआई आवेदक ने अपना सवाल राष्ट्रपति भवन से किया था, लेकिन वहां से इसे गृह मंत्रालय को फॉरवर्ड कर दिया गया। मंत्रालय ने इसे राष्ट्रीय अभिलेखागार को भेज दिया। संतोषजनक उत्तर नहीं मिलने पर आरटीआई आवेदक ने सीआईसी में अपील की।

preload imagepreload image
07:08