प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान के साले और अब कांग्रेस नेता संजय मसानी की मुश्किलें बढऩा तय मानी जा रही है। उनके खिलाफ एक शिकायत के बाद आयकर विभाग द्वारा जांच की जा रही हैं। माना जा रहा है कि इस मामले में आयकर विभाग उनके खिलाफ शिकंजा कस सकता है। चुनावी मौसम में संजय ने पाला बदलते हुए हाल ही में भाजपा छोडक़र कांग्रेस की सदस्यता ली है।
मजेदार बात यह है कि उनके खिलाफ शिकायत करने वाले आईटाआई एक्टीविस्ट भी कांग्रेस के बेहद करीबी हैं और वे भी इस चुनाव मेें मसानी के साथ ही कांगे्रस से टिकट मांग रहे हैं। जानकारी के मुताबिक प्रदेश के सरकारी चिकित्सक डॉ. आनंद राय ने संजय सिंह मसानी के खिलाफ एक शिकायत बीते समय आयकर विभाग से की थी। जिसमें कहा गया था कि संजय सिंह ने मप्र के जनसंपर्क विभाग से अधिमान्य पत्रकार बनने के लिए जो दस्तावेज दिए थे उनके अनुसार संजय सिंह मुरैना से प्रकाशित एक दैनिक अखबार के संवाददाता हैं और उन्हें दस हजार रुपए वेतन मिलता है। डॉ. राय ने इसी आधार पर आयकर विभाग को लिखा कि दस हजार कमाने वाले व्यक्ति के पास मुंबई, बालाघाट और भोपाल में संपत्तियां कैसे है। मूलत: पत्रकारिता करने वाले के पास खदानों के ठेके भी हैं और उन्होंने फिल्मों में भी निवेश किया है। डॉ. राय का दावा है कि उनकी शिकायत के आधार पर आयकर विभाग ने संजय सिंह की संपत्तियों की जांच शुरू कर दी है इस संबंध में आयकर विभाग ने एक गोपनीय पत्र के माध्यम से उन्हें सूचना भी दी है। डॉ. राय के अनुसार पूरी जांच गोपनीय है।
पार्टी बदलने से नहीं बदल जाते अपराध
मजेदार बात यह है कि अब संजय सिंह भाजपा छोडक़र कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। उम्मीद है कि कांग्रेस उन्हें बालाघाट की वारा सिवनी सीट से प्रत्याशी बनाएगी। दूसरी और डॉ. आनंद राय ने भी सरकारी नौकरी छोडक़र इंदौर की पांच नंबर सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लडऩे की तैयारी कर ली है। दोनों के एक ही पार्टी में आने के बारे में डॉ. राय का कहना है कि पार्टी बदलने से अपराध नहीं बदल जाते। वे संजय सिंह के खिलाफ की गई शिकायत पर अडिग हैं।