मालवा-निमाड़ में कठिन होती जा रही भाजपा की राह

मध्य प्रदेश में अपने सबसे मजबूत गढ़ में इस बार बीजेपी मुश्किल में है। 2013 के चुनाव में बीजेपी को बम्पर जीत देने वाले मालवा-निमाड़ में इस बार हालात बदले है और पार्टी का लाख कोशिशों के बाद भी पार्टी अपनों से मिल रही चुनौती को लेकर परेशान है। इस बार प्रदेश की 66 सीटों पर बीजेपी के लिए अपने ही चुनौती बने हैं! ये सवाल मालवा-निमाड़ में चुनावी बहस का बड़ा मुद्दा बन गया है। दरअसल इस बार टिकटों के बंटवारे के बाद मालवा और निमाड़ में बीजेपी के लिए अपनों ने ही चुनावी ताल ठोंक कर मुश्किलें बढ़ाने का काम कर दिया है।

हालांकि अब रुठों को मनाने का जिम्मा खुद सीएम शिवराज ने संभाल लिया है और अपने दौरों के जरिए सीएम बागियों को मनाने में जुटे है।
झाबुआ-अलीराजपुर: तीन सीटों पर कड़ी टक्कर
झाबुआ में भाजपा ने जीएस डामोर को प्रत्याशी बनाया तो मौजूदा विधायक शांतिलाल बिलवाल ने निर्दलीय फार्म भरा। थांदला में पिछला चुनाव निर्दलीय जीते कलसिंह भाभर को भाजपा ने उम्मीदवार बनाया। इससे नाराज होकर भाजपा के दिलीप डामोर ने चुनाव मैदान संभाला। अलीराजपुर में तीन बार के विधायक नागरसिंह चौहान की चौथी बार उम्मीदवारी के खिलाफ वकील सिंह ठकराला ने नामांकन दाखिल किया है।
शाजापुर-आगर- पांच सीटों पर बागियों ने बढ़ाई टेंशन
शाजापुर में विधायक अरुण भीमावत की उम्मीदवारी के विरोध में जेपी मंडलोई मैदान में आ डटे हैं। शुजालपुर में विधायक जसवंतसिंह हाड़ा का टिकट काटकर कालापीपल विधायक इंदरसिंह परमार को पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है। इसके विरोध में राजेंद्र सिंह राजपूत ने मैदान संभाल लिया है। कालापीपल में पार्टी ने डॉ. बाबूलाल वर्मा को मैदान में उतारा है,यहां से जिला पंचायत सदस्य नवीन ने टिकट नहीं मिलने पर नामांकन दाखिल भरा है। आगर में सांसद मनोहर उंटवाल की उम्मीदवारी का विरोध हो रहा है, राधू सिंह चंद्रावत ने चुनावी ताल ठोंकने को तैयार है। सुसनेर में मौजूदा विधायक मुरलीधर पाटीदार की उम्मीदवारी का विरोध पूर्व विधायक संतोष जोशी, फूलचंद वेदिया और भाजपा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह ने कर दिया है।
पश्चिमी निमाड़ : गनसिंह ने बढ़ाया सिरदर्द
खंडवा में कृषि उपजमंडी अध्यक्ष आनंद मोहे और कौशल मेहरा ने वर्तमान विधायक देवेंद्र वर्मा के खिलाफ चुनाव लडऩे का ऐलान किया है। हरसूद में भैयालाल माइकल ने मंत्री विजय शाह को चुनौती देते हुए निर्दलीय फार्म भरा है। मांधाता में चेतराम नायक ने भी पार्टी के खिलाफ फार्म भरा है। नेपानगर में भी गनसिंह ने पार्टी का सिरदर्द बढ़ा दिया है
धार-अपनों से घिरी भाजपा
सरदारपुर में टिकट काटे जाने से नाराज वेलसिंह भूरिया पार्टी के खिलाफ मैदान में है, बदनावर में नाराज पार्टी नेता राजेश अग्रवाल ने बगावत कर दी है। कुछ इसी तरह के हालात कांग्रेस पार्टी के अंदर भी है। हालांकि बीजेपी के अंदर मची बगावत को देखते हुए कांग्रेस ने रुठों को मनाने के लिए तुरुप का पत्ता चलने का प्लान तैयार कर लिया है. कमलनाथ के मुताबिक विधान परिषद में सभी को एडजस्ट करने का काम होगा।
बहरहाल मालवा-निमाड़ बीते चुनाव में बीजेपी के अभेद किले में तब्दील हो गया था। और यहां की कुल की 66 विधानसभा सीटों में से बीजेपी ने 57 सीटों पर भगवा लहराने का काम किया था। जबकि कांग्रेस सिर्फ 9 सीटों पर सिमट गई थी। लेकिन इस बार कांग्रेस को यहां पर वापिसी की उम्मीद है। और यही कारण है कि पार्टी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रचार का जिम्मा सौंप माहौल को अपने पक्ष में करने की कोशिश की है।