स्मार्ट फोन का उपयोग अब प्रत्याशियों की जासूसी में

विधानसभा चुनाव में इस बार स्मार्ट फोन का उपयोग अब प्रत्याशियों के लिए मुसीबत बनने लगा है। दरअसल विरोधी को चित्त करने के लिए अब इस फोन का खुलकर इस्तेमाल किया जा रहा है। इस फोन के जरिए ही अब विरोधियों की जासूसी करवाई जा रही है। इससे न केवन विरोधी प्रत्याशी के खिलाफ सबूत जुटाए जा रहे हैं, बल्कि उनके समर्थकों की भी निगरानी करवाई जा रही है। इस दौरान इस तरह के सबूत तलाशे जा रहे हैं , जिनका उपयोग विरोधियों के खिलाफ प्रचार में कर अपने पक्ष में माहौल बनाया जा सके। खास बात यह है कि इस काम

को किसी एक्सपर्ट जासूस नहीं, बल्कि प्रत्याशी के ही समर्थकों से करवाया जा रहा है। इसी तरह प्रत्याशी अपने पार्टी के अंदर समर्थकों के कामकाज की भी निगरानी कर रहे हैं। ये सारा काम स्मार्ट मोबाइल से हो रहा है। हर प्रत्याशी चुनाव में इसका बखूबी इस्तेमाल कर रहा है।
हर गतिविधि पर रखी जा रही नजर
प्रत्याशी प्रचार में व्यस्त हैं। उन्हें हर तरफ नजर भी रखनी है। समर्थकों को हर जगह एक वक्त में भेजना मुमकिन नहीं। इसलिए इसके लिए स्मार्ट फोन का उपयोग किया जा रहा है। प्रत्याशी जिन क्षेत्रों में नहीं जा पा रहे हैं, वहां समर्थकों और क्षेत्र के वरिष्ठ नेताओं को भेजा जा रहा है। हर प्रचार अभियान की बाकायदा फोटो मोबाइल से ली जा रही है। सामान्यतौर पर सोशल मीडिया में इसे प्रचार के लिए भेजा जा रहा है, लेकिन हर विधानसभा की सोशल मीडिया की विंग इसकी मॉनिटरिंग कर रही है। हर इलाके में प्रचार कर रहे समर्थकों की फोटो और वीडियो को प्रत्याशी के समर्थक देख रहे हैं। ये सुनिश्चित कर रहे हैं कि क्षेत्र में प्रचार अभियान चला कि नहीं। इसके अलावा इलाके में परिचितों से संपर्क कर भी पूछताछ की जा रही है।
भितरघातियों से ज्यादा भय
भाजपा-कांग्रेस के भीतर इस बार प्रत्याशी को लेकर भारी विरोध बना हुआ है। कई तो बागी बनकर सामने आ गए हैं। वहीं कुछ ऐसे हैं, जो अंदरूनी स्तर पर विरोध कर रहे हैं। प्रत्याशी ऐसे विरोधियों पर भरोसा नहीं कर रहे हैं, लेकिन काम उन्हीं के माध्यम से करवाया जा रहा है। ऐसे नेताओं पर भी प्रत्याशी और संगठन पैनी नजर रखवा रहा है। मोबाइल वीडियो और फोटो के माध्यम से उनके संपर्क और कामकाज की समीक्षा की जा रही है।
प्रत्याशी के खिलाफ मुद्दा दो, मुंह मांगा दाम लो
राजनीतिक दल के अलावा निर्दलीय प्रत्याशियों की हर गतिविधि पर नजर रखने के लिए मोबाइल का सहारा लिया जा रहा है। प्रत्याशियों के कई समर्थक विरोधियों ने पहले ही सेट कर रखे हैं। ये प्रत्याशी की हर गतिविधि और प्रचार का मोबाइल से वीडियो तैयार करते हैं। कई बार प्रत्याशी प्रचार के वक्त ऐसी भाषा या काम कर देते हैं, जो आचार संहिता उल्लंघन के दायरे में आता है। इसका फायदा विरोधी उठा सकते हैं। जासूस ऐसे ही फुटेज विरोधी को पहुंचाने का काम कर रहे हैं। इसके लिए उन्हें मुंह मांगा दाम भी मिल रहा है।
प्रचार में चुनिंदा मोबाइल के यूजर
कई प्रत्याशियों ने मोबाइल के खतरे को भांपकर प्रचार में चुनिंदा मोबाइल यूजर रखे हैं। इनका काम सिर्फ मोबाइल पर वीडियो और फोटो बनाना है। ये सभी भरोसे के समर्थक हैं। इधर संगठन ने भी पहले ही सभी प्रत्याशियों को मोबाइल के खतरे से अलर्ट कर रखा है। सोशल मीडिया में सतर्कता की हिदायत दी है।
सभा और भीड़ का भी आंकलन
प्रत्याशियों के प्रचार और चुनावी सभाओं के हालात पर भी जासूसी हो रही है। समर्थकों से विरोधी सभा में मौजूद भीड़ और प्रचार में शामिल लोगों की जानकारी लेने के लिए भी फोटो और वीडियो शेयर करवा रहे हैं।