MP: अपनी ही विधानसभा सीट पर प्रचार करने नहीं पहुंचे CM शिवराज, पत्नी और बेटे ने संभाली कमान

सीहोर जिले का बुधनी विधानसभा क्षेत्र साल 2003 से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कब्जे में है. यहां मुख्यमंत्री बनने के बाद चौहान ने उपचुनाव में साल 2006 में जीत दर्ज की थी.

भोपालः मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव प्रचार अपने पूरे चरम पर है. हर छोटा बड़ा उम्मीदवार अपने प्रचार में कोई कोर कसर नही छोड़ रहा है. फिर मामला प्रदेश की हाईप्रोफाइल सीटों पर क्यों ना हो सबसे वीवीआईपी सीट में से एक सीहोर जिले की बुधनी विधानसभा क्षेत्र में रोचक मुकाबला हो चला है. यहां मुख्यमंत्री के सामने कांग्रेस ने पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव को उतारा गया है, लेकिन सीएम शिवराज फॉर्म भरने के बाद अभी तक यहां अपने चुनाव प्रचार के लिए नहीं पहुंचे हैं.

मुख्यमंत्री चौहान जहां नामांकन भरने के बाद चुनाव प्रचार कार्यकर्ताओं और परिवार को सुपुर्द कर दोबारा न आने का वादा कर प्रदेश में प्रचार कर रहे हैं, तो दूसरी ओर अरुण यादव गांव-गांव और गली-गली घूम रहे हैं. सीएम शिवराज के लिए उनकी पत्नी साधना सिंह चौहान गांव की गालियां नाप रही हैं. बता दें क्षेत्र साल 2003 से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कब्जे में है. यहां मुख्यमंत्री बनने के बाद चौहान ने उपचुनाव में वर्ष 2006 में जीत दर्ज की थी. उसके बाद से चौहान लगातार जीत दर्ज करते आ रहे हैं.

चौहान ने वर्ष 2008 में 40 हजार से ज्यादा और वर्ष 2013 में 84 हजार से ज्यादा मतों के अंतर से जीत दर्ज की थी. ऐसे में मुख्यमंत्री चौहान एक बार फिर बुमें हैं. चौहान ने नामांकन भरने के बाद कार्यकर्ताओं की सहमति पर तय किया कि वे चुनाव प्रचार करने नहीं आएंगे और उनका चुनाव कार्यकर्ता ही लड़ेंगें. यही कारण है कि नामांकन भरने के बाद चौहान प्रचार करने नहीं पहुंचे हैं. उनके प्रचार की कमान पत्नी साधना सिंह और पुत्र कार्तिकेय सिंह चौहान संभाले हुए हैं.

बुधनी में सीएम शिवराज की पत्नी ने विकास को मुद्दा बनाया है, दोनों ही अन्य कार्यकर्ताओं के साथ घर-घर पहुंचकर बीते 15 सालों में हुए विकास कार्यो का ब्यौरा देते हुए सीएम शिवराज को फिर मुख्यमंत्री बनाने की अपील कर रहे हैं. वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पत्नी साधना सिंह ने निशाना साधते हुए कहा कि ‘कमलनाथ सबसे पहले अपने छिंदवाड़ा को तो बेहतर बना लें फिर बुधनी की तरफ देखें.’

साधना सिंह की मानें तो ‘बुधनी से का पारिवारिक रिश्ता है और यह उनकी जन्म भूमि, कर्म भूमि और राजनीतिक भूमि है.’ कांग्रेस का तो काम ही है आरोप लगाना हम कांग्रेस के आरोपों पर ध्यान नहीं देते अपने काम पर फोकस करते हैं. नर्मदा मैया की बहुत सेवा की है और उनकी सेवा से ही चौथी बार फिर सरकार बनने जा रही.’