भोपाल मध्यप्रदेश में वैसे तो मुख्य मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच है लेकिन यहां 100 से ज्यादा दल अपना दमखम दिखा रहे हैं. इनमें से कुछ ही दल सक्रिय हैं. मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस-बीजेपी के अलावा दल हैं जो इन दोनों पार्टियों का खेल बिगाड़ सकते हैं. इनमें से बसपा दोनों को तगड़ी चुनौती दे सकती हैं. 28 नवंबर को होने वाले मध्यप्रदेश चुनाव के लिए 120 पार्टियों के प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं.
बसपा: 72 सीटों पर बीएसपी उलट-फेर करने की स्थिति में
बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी भी अपने-अपने क्षेत्रों में सक्रिय हो गए हैं. बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रदेश में भोपाल सहित आठ स्थानों पर चुनावी सभाएं ली. बीएसपी के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप अहिरवार ने बातचीत में बताया कि इस बार मध्यप्रदेश में उनके बगैर सरकार नहीं बनेगी. 2 अप्रैल को जो एससी-एसटी के आंदोलन के बाद मध्यप्रदेश में अंडर करंट है जो 6 फीसदी वोट से 10 फीसदी में कन्वर्ट होगा. इससे प्रदेश में 30-35 सीटें जीतने की स्थिति बन रही है. हम 72 सीटों पर बीजेपी को सीधी टक्कर दे रहे हैं.15 साल की एंटी इनकंबेंसी का फायदा कांग्रेस को उतना नहीं मिलेगा जितना बीजेपी को मिलेगा.
सपा: कांग्रेस-बीजेपी के वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश
समाजवादी पार्टी ने 52 सीटों पर प्रत्याशी उतारकर कांग्रेस-बीजेपी के वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश की है. इसके लिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बालाघाट, मैहर, बेगमगंज सहित कई अन्य स्थानों पर चुनावी सभाएं ली हैं. वे लगातार सक्रिय रहकर ये संदेश देना चाह रहे हैं कि वह वोट कटवा पार्टी नहीं बल्कि सीटों को जीतने की चाहत भी रखती है. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कांग्रेस से गठबंधन करने से इनकार कर दिया था. इसलिए मध्य प्रदेश में समाजवादी पार्टी गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है. इससे आदिवासी अंचल में बीजेपी को नुकसान हो सकता है.
आप: मध्यप्रदेश के चुनावी दंगल में पहली बार एंट्री
208 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारकर आम आदमी पार्टी ने मध्यप्रदेश के चुनावी दंगल में पहली बार एंट्री की है. वह लगातार भाजपा-कांग्रेस पर आरोप लगा रही है. उसके प्रत्याशी भी पूरी ताकत से मैदान में प्रचार कर रहे हैं. उनकी मदद के लिए दिल्ली के मंत्री और विधायक भी प्रचार की कमान संभाले हैं. आप ने ज्यादातर उन उम्मीदवारों को टिकट दिया है जो अपने क्षेत्र में दबदबा रखते हैं लेकिन वह बीजेपी और कांग्रेस का टिकट पाने में नाकाम रहे.
गोंगपा: आदिवासी अंचलों में बीजेपी-कांग्रेस को बिगाड़ सकती है खेल
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी आदिवासी बेल्ट में एक बड़ी ताकत है. इसके प्रत्याशी भी प्रचार में सक्रियता दिखा रहे हैं. गोंगपा ने 73 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं. आदिवासी अंचलों में पार्टी लगातार प्रचार कर रही है और उसे उम्मीद है कि वे बीजेपी-कांग्रेस दोनों को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
सपाक्स : एससी-एसटी एक्ट संसोधन से हुआ जन्म, अब चुनावी दंगल में
एससी-एसटी एक्ट में हुए संशोधन के विरोध में मैदान में उतरी सपाक्स पार्टी (सामान्य, पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक वर्ग अधिकारी कर्मचारी संस्था) ने 110 प्रत्याशियों को टिकट दिए हैं. पार्टी का आंदोलन लगातार जारी रहा. प्रत्याशी जनसंपर्क-प्रचार कर रहे हैं. विंध्य क्षेत्र में ये काफी अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं. हालांकि चुनाव आयोग से इनकी पार्टी को मान्यता देर से मिली जिसके कारण काफी उलझन हुई लेकिन उसके बाद सपाक्स के प्रत्याशी चर्चा का विषय बने हुए हैं.