एट्रोसिटी एक्ट से भयभीत संघ भरवा रहा समानता का संकल्प पत्र

प्रदेश में फिर से भाजपा की सरकार बनवाने के लिए अब संघ ने भी मोर्चा संभाल लिया है। भाजपा के साथ ही संघ को कई इलाकों में केन्द्र द्वारा लाए गए एट्रोसिटी एक्ट और सूबे के मुखिया शिवराज सिंह चौहान की दंभोक्ति वाली माई के लाल की घोषणा अब बुहत भारी पड़ती नजर आ रही है। जिसके चलते भाजपा के रणनीतिकार परेशान हैं। इस मामले में चला गया भाजपा का दांव भी अब बेकार साबित हो रहा है , लिहाजा इस एक्ट के विरोध में प्रभावी इलाकों में अब संघ को मोर्चा सं हालना पड़ रहा है। संघ ने इस सिथति से निपटने के लिए लोगों से संकल्प पत्र भरवाना शुरू कर दिया है। इस पत्र में राजनीतिक

स्वच्छता के लिए व्यक्तिगत हित, राग द्वेष, जाति और पंथ से ऊपर उठकर मतदान करने और अपने आसपास के क्षेत्र में अन्य लोगों को भी मतदान के लिए पे्ररित करने का संकल्प दिलाया जा रहा है। इसकी शुरुआत शुक्रवार को गुरुनानक जी के प्रकाश पर्व से शुरु की गई है। इस दौरान संघ ने भोपाल शहर में अलग-अलग कालोनियों में छोटे बड़े कार्यक्रम किए। इन कार्यक्रमों में शामिल हुए 22 हजार लोगों से संकल्प पत्र भरवाए गए और उन्हें अपने आसपास के कम से कम दस लोगों को यह संकल्प पत्र भरवाने का लक्ष्य दिया गया। इस हिसाब से पूरे भोपाल में अगले दो से तीन दिन में 2 लाख 20 हजार से अधिक संकल्प पत्र और भरवाए जा सकते हैं। संकल्प पत्र में 1966 पेजावर स्वामी सहित अन्य संतों द्वारा दिए गए श्लोक हिन्दव : सोदरा: सर्वे, न हिन्दू: पतितो भवेत। मम दीक्षा हिंदू रक्षा, मम मंत्र: समानता। का भी उल्लेख किया गया है। इसका अर्थ है कि कोई भी हिंदू दलित नहीं होता और समानता मेरा मंत्र है।
यह दिया जा रहा तर्क
संघ का तर्क है कि एट्रोसिटी एक्ट के कारण समाज में फैली जातीय वैमनस्यता का असर खत्म करने के लिए राष्ट्रहित में यह संकल्प दिलवाया जा रहा है।