प्रदेश के कई शहरों में खुली जेल की सुविधा शुरू करने के बाद अब जेल प्रशासन भोपाल में भी खुली जेल की सुविधा शुरू करने जा रहा है। इसकी शुरुआत अगले साल के पहले माह में होने की संभावना है। फिलहाल भोपाल में यह सुविधा 15 कैदियों को मिल सकेगी। खुली जेल की सुविधा पाने वाले बंदी अपने साथ परिवारों को भी रख सकेंगे। यह सुविधा उन बंदियों को मिलेगी जिनका
व्यवहार अच्छा रहा है। फिलहाल प्रदेश की होशंगाबाद, सतना, जबलपुर, सागर और इंदौर में खुली जेल में अभी बंदी रह रहे हैं। इस सुविधा के लिए भोपाल सेंट्रल जेल परिसर में ही जेल की एक बिल्डिंग का रिनोवेशन करके उसे ओपन जेल बनाया जा रहा है। इस जेल में आजीवन कारावास के उन बंदियों को रखा जाता है जो आजीवन कारावास में 12 साल की सजा काट चुके होते हैं। उनका व्यवहार और चाल-चलन ठीक होता है। इन बंदियों को समाज की मुख्य धारा से जोडऩे के लिए ओपन जेल में शिफ्ट किया जाता है। ओपन जेल में परिवार के साथ रहकर बंदी जेल से बाहर रोजगार के लिए जाता है। बंदियों को जेल में कौशल उन्नयन का प्रशिक्षण दिया जाता है। इन बंदियों के रोजगार की व्यवस्था भी जेल प्रबंधन द्वारा की गई है। यह बंदी सुबह छह से शाम छह बजे तक कामकाज के लिए खुली जेल से बाहर रह सकते हैं। खुली जेल में रहने वाले बंदियों को वन बीएचके का फ्लैट दिया जाता है। जेल विभाग द्वारा उन्हें एक महीने का राशन उपलब्ध कराया जाता है।