जयपुर। राजस्थान में मतदान खत्म होने के बाद एग्जिट पोल जारी कर दिए गए हैं। राजस्थान विधानसभा में 200 सीटे हैं। यहां भाजपा और कांग्रेस, दोनों को ही बहुमत मिलता नजर नहीं आ रहा है। सरकार बनाने के लिए 101 सीटों की दरकार होती है। रिपब्लिक के मुताबिक, भाजपा को 97 सीटें मिलती नजर आ रही हैं। वहीं कांग्रेस के खाते में 91 सीटें जाने का अनुमान है। अन्य को 16 सीटें मिल सकती हैं।
टाइम्स नाऊ-सीएनएक्स के एग्जिट पोल में कांग्रेस को बढ़त दिखाई गई है। इसमें भाजपा को 85, कांग्रेस को 105 और बसपा को दो सीट मिलने की बात कही गई है।
एबीपी के एग्जिट पोल के फाइनल आंकड़ों राजस्थान की 199 सीटों पर भाजपा को 83 सीट, कांग्रेस को 101 और अन्य को 15 सीटें मिलती दिख रही हैं। उत्तर राजस्थान की 39 सीटों में 32 फीसदी वोट शेयर भाजपा को मिल रहा है, कांग्रेस को 39 प्रतिशत और अन्य को 29 प्रतिशत मिल रहा है। यहां 11 सीटें भाजपा को, 21 सीटें कांग्रेस और अन्य के खाते में 7 सीटें आ सकती हैं। पश्चिम राजस्थान की 43 सीटों पर भाजपा का वोट प्रतिशत 45 प्रतिशत बताया गया है वहीं कांग्रेस का 39 प्रतिशत होने का अनुमान है। अन्य का 15 प्रतिशत होने का अनुमान है। यहां 43 में से 22 भाजपा को, कांग्रेस को 19 और अन्य को दो सीटें मिल सकती हैं।
एबीपी के अनुसार मध्य राजस्थान की 36 सीटों में 38 फीसदी वोट भाजपा को मिलता दिख रहा है, कांग्रेस को 44.5 प्रतिशत वोट प्रतिशत और अन्य को 17.5 प्रतिशत वोट अन्य को मिलते दिख रहा है। यहां भाजपा 12 सीटों पर, कांग्रेस 20 सीटों पर और अन्य 4 सीटों पर जीत सकते हैं। राजस्थान के मत्स्य क्षेत्र में 29 सीट में 38 प्रतिशत वोट भाजपा को, 39 प्रतिशत कांग्रेस को और अन्य को 23 प्रतिशत वोट मिलता दिख रहा है। यहां 13 सीट पर भाजपा, कांग्रेस को 15 सीट और अन्य को 1 सीट मिल सकती हैं।
दक्षिण राजस्थान की 35 सीटों में 47 प्रतिशत वोट भाजपा के खाते में जाते दिख रहे हैं, कांग्रेस को 43.5 प्रतिशत वोट और अन्य को 9.5 प्रतिशत वोट मिल रहा है। यहां 18 सीट भाजपा को, 16 सीट कांग्रेस को और एक सीट अन्य को मिल सकती है। हड़ोती की 17 सीटों पर 38 प्रतिशत वोट भाजपा को, 44 प्रतिशत कांग्रेस को और 18 प्रतिशत अन्य को मिलता दिख रहा है। यहां 7 सीट पर भाजपा, 10 सीट पर कांग्रेस को जीत मिल सकती है। अन्य को यहां कोई भी सीट मिलती नहीं दिख रही।
इंडिया टुडे- एक्सिस माय इंडिया एग्जिट पोल के अनुसार राजस्था में कांग्रेस को 119-141 सीट और भाजपा को 55-72 सीट मिलती नजर आ रही है।
न्यूज 24 के मुताबिक राजस्थान में भाजपा को 70 से 80 और कांग्रेस को 110 से 120 सीट मिलती दिख रहीं हैं।
रिपब्लिक टीवी के अनुसार भाजपा को 83 से 103 सीट और कांग्रेस को 81 से 101 सीट मिल सकती हैं।
न्यूज नेशन के मुताबिक भाजपा को 89 से 93 और कांग्रेस को 99 से 103 सीट प्राप्त हो सकती हैं।
न्यूज एक्स के एग्जिट पोल अनुसार भाजपा को 80 और कांग्रेस को 112 सीट मिल सकती है।
हर बार की तरह इस बार भी चुनाव में मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच रहा। 1993 से अब तक हुए हुए पांच विधानसभा चुनावों में इन दोनों पार्टियों के बीच सत्ता की अदला-बदली होती रही है। यानि 20 साल से कोई भी पार्टी लगातार दूसरी बार सत्ता में नहीं वापसी नहीं कर पाई।
1952 से अब तक राजस्थान विधानसभा के 14 चुनाव हो चुके हैं। 9 बार कांग्रेस की सरकारें बनी तो 4 बार भाजपा सत्ता में रही। एक बार जनता पार्टी की सरकार रही थी। 1972 तक प्रदेश की राजनीति में कांग्रेस का एकतरफा दबदबा रहा। 1977 में पहला मौका आया जब कांग्रेस सत्ता से बेदखल हुई। तब जनता पार्टी ने 200 में से 151 सीटें जीत कर सरकार बनाई और भैरोंसिंह शेखावत पहले गैर-कांग्रेसी मुख्यमंत्री बने थे। हालांकि अगले दो चुनावों (1980 और 1985) में फिर कांग्रेस सत्ता में रही। 1980 से चुनाव मैदान में उतरी भाजपा को पहली कामयाबी 1990 में मिली। तब पार्टी को 85 सीटें मिली थीं। शेखावत फिर सीएम बने।
1993 में प्रदेश की दसवीं विधानसभा के लिए चुनाव हुए और 95 सीटों के साथ भाजपा फिर सत्ता में लौटी। राजस्थान के इतिहास में यह पहला और एक मात्र मौका रहा जब भाजपा लगातार दो बार सत्ता में रही। इसके बाद से भाजपा और कांग्रेस के बीच सत्ता की अदला-बदली चल रही है। 1998 में कांग्रेस ने धमाकेदार प्रदर्शन किया और 200 में से 153 सीटों जीत दर्ज की। यह पहला मौका था, जब कांग्रेस ने 150+ सीटें हासिल की। अशोक गहलोत सीएम बने।
2003 विधानसभा चुनाव में गहलोत दूसरी पारी नहीं खेल पाए और उनके नेतृत्व में लड़े गए चुनाव में कांग्रेस बुरी तरह हार गई। 120 सीटें जीतकर भाजपा सत्ता में लौटी, वसुंधरा राजे सीएम बनीं। 2008 में वसुंधरा भी लगातार दूसरी पारी नहीं खेल पाईं। 96 सीटें पाकर कांग्रेस सत्ता में लौटी, गहलोत फिर सीएम बने। 2013 में अदला-बदली का क्रम जारी रहा और भाजपा ने राजस्थान विधानसभा के इतिहास में अपनी सबसे बड़ी जीत दर्ज की। 163 सीटों के साथ वसुंधरा राजे फिर सीएम बनीं।
राजे के सामने 20 साल की परंपरा तोड़ने की चुनौती
मौजूदा मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के सामने 20 साल से चली आ रही इस परंपरा को तोड़ने की चुनौती है कि राजस्थान में लगातार दो बार किसी पार्टी की सरकार नहीं बनती। चुनौती इसलिए और भी बड़ी है क्योंकि इसी साल फरवरी में हुए लोकसभा उपचुनाव (अलवर, अजमेर) और विधानसभा उपचुनाव (मंडलगढ़) में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है।