तेलंगाना के एग्जिट पोल में टीआरएस को स्पष्ट बहुमत

हैदराबाद। एग्जिट पोल के मुताबिक तेलंगाना में TRS को स्पष्ट बहुंमत मिलता दिखाई दे रहा है। विभिन्न चैनल और एजेंसियों के द्वारा किए गए सर्वें में चंद्रशेखर राव सत्ता में वापसी कर रहे हैं। टाइम्स नाउ-CNX के मुताबिक तेलंगाना में 119 में से TRS को 66, कांग्रेस को 37 और भाजपा को 7 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है। इस तरह से सत्तारुढ़ TRS की सत्ता में वापसी हो रही है।
रिपब्लिक टीवी के एग्जिट पोल के मुताबिक TRS को 50-65 सीटें, कांग्रेस को 38-52 और भाजपा को 4-7 सीटें मिल सकती है।
इंडिया टुडे-एक्सिस के मुताबिक TRS को 79-91 सीटें और कांग्रेस+ को 21-33 सीटें मिल सकती है।
सी-वोटर के एग्जिट पोल के मुताबिक TRS को 54 सीटें, कांग्रेस को 53 सीटें, भाजपा को 5 सीटें और अन्य को 7 सीटें मिल सकती है।
न्यूज नेशन के एग्जिट पोल के मुताबिक TRS को 55 सीटें, कांग्रेस को 53 सीटें भाजपा को 3 सीटें और अन्य को 8 सीटें मिलने का अनुमान है।
न्यूज X-NETA के मुताबिक TRS को 57, कांग्रेस को 46, बीजेपी को 6 और अन्य को 10 सीटें मिल सकती है।
इंडिया टीवी के मुताबिक TRS को 62-70, कांग्रेस को 32-38, टीडीपी को 1-3, भाजपा को 6-8 और अन्य को 6-8 सीटें मिलने की संभावना जताई है।
इस तरह से कुल मिलाकर विशेषज्ञों के मुताबिक एग्जिट पोल के अनुसार तेलंगाना की जो तस्वीर उभरकर सामने आ रही है उसमें TRS को 62, कांग्रेस को 44, भाजपा को 5 और अन्य को 8 सीटें मिल सकती है।
तेलंगाना के लिए लंबी लड़ाई लड़कर फतह हासिल करने वाली राज्य की जनता ने अपना नया निजाम चुनने के लिए अपना फैसला दे दिया है। अब जनता के फैसले पर अधिकारिक मुहर 11 तारीख को लगेगी जब मतदान के परिणाम घोषित किए जाएंगे। आइए गौर करते हैं तेलंगाना राज्य के चुनाव पर।
तेलंगाना में 119 सीट है विधानसभा की
तेलंगाना विधानसभा में 119 सीटें है और इन सभी सीटों पर चुनाव हो रहा है। 2014 के विधानसभा चुनाव पर नजर डालें तो टीआरएस ने 63 सीटें हासिल कर सत्ता पर कब्जा जमाया था। दूसरे नंबर पर कांग्रेस रही थी, जिसको 21 सीटें मिली थी। टीडीपी को 15 सीटें हासिल हुई थी और 20 सीटों पर अन्य ने बाजी मारी थी।
फिलहाल के चंद्रशेखर राव सूबे के सरदार यानी राज्य के मुख्यमंत्री है। चंद्रशेखर राव ने तेलंगाना को अस्तित्व में लाने में अहम रोल निभाया था। लिहाजा राज्य के लोगों ने उनको सर आंखों पर बिठाया और प्रदेश की कमान भी उनके हाथ में सौंपी।
विपक्ष ने बनाया ‘प्रजा कुटमी’ नाम का गठबंधन
इसके अलावा प्रदेश में राजनीति के अखाड़े पर नजर डालें तो टीडीपी, कांग्रेस और एआईएमआईएम भी ताल ठोक रहे हैं। पिछली बार चंद्रशेखर राव को जीत दर्ज कर सूबे की कमान संभालने में कोई खास दिक्कत नहीं आई थी। कुछ समय पहले तक जनता-जनार्दन और राजनीति के समीकरण भी उनकी तरफदारी करते नजर आ रहे थे। इसलिए उन्होंने अपनी दूसरी पारी के लिए कुछ जल्दी दांव लगाते हुए जल्द चुनाव का जुआ खेल लिया।
चुनाव का बिगुल बजते ही दूसरे खिलाड़ी भी सक्रिय हो गए और साथ ही गठबंधन का खेल शुरू हो गया। कभी तेलंगाना में चंद्रशेखर राव के लिए चुनौती शब्द बना नहीं था, लेकिन TDP-TJS-CPI और कांग्रेस ने ‘प्रजा कुटमी’ के नाम से गठबंधन कर कई जगहों पर चंद्रशेखर राव को संकट में डाल दिया है, लेकिन चंद्रशेखर राव के लिए राहत की बात यह है कि AIMIM के असदुदद्दीन ओवैसी उनके साथ है, जो कई मुस्लिम बहुल सीटों पर खासा रसूख रखते हैं।
ये दिग्गज हैं चुनावी मैदान में
चंद्रयानगुट्टा से AIMIM के अकबररुद्दीन ओवैसी का मुकाबला TRS के सीताराम रेड्डी से है। एलबी नगर सीट पर कांग्रेस के सुधीर रेड्डी TRS के राममोहन गौड़ से है। सिद्दीपेट में भाजपा के नरोत्तम रेड्डी का मुकाबला TJS के मरिकांति भवानी रेड्डी से हैं। गोशमहल में कांग्रेस के मुकेश गौड़ का मुकाबला TRS के प्रंम सिंह राठौर से हैं। चारमीनार में AIMIM के मुमताज खान का भाजपा के उमा महेंद्र से है।
निजाम की शाही शानौ-शौकत और बगावती तेवर के लिए पहचाने जाने वाले तेलंगाना राज्य के नए निजाम का फैसला 11 तारीख को होगा, लेकिन तीन- चार दिनों तक कयासों, अफवाहों जीत-हार के दावों और विश्लेषण का दौर बदस्तूर चलता रहेगा।