प्रदेश में विधानसभा चुनाव की मतगणना में अब एक दिन ही रह गया है, लेकिन अब तक कोई यह बता पाने की स्थिति में नहीं है कि प्रदेश में नई सरकार किस दल की बनने वाली है। ऐसे में तीन दिन पहले आए विभिन्न एग्जिट पोल ने अनुमान पर कुहासा घटाने के बजाए और बढ़ा दिया है। कुछ एग्जिट पोल कांगे्रस तो कुछ भाजपा की सरकार बनाते हुए दिख रहे हैं। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार प्रदेश में त्रिशंकु विस की स्थिति भी बन सकती है। इस स्थिति की संभावना को देखते हुए तीसरी
ताकतों की पूछपरख होना तय है। इससंभावना के चलते ही मतगणना के पहले दोनो प्रमुख दलों कांग्रेस व भाजपा के रणनीतिकारों ने छोटे-छोटे दलों व उनके जीतने वाले संभावित प्रत्याशियों से अभी से संपर्क करना शुरु कर दिया है। इस स्थिति में बसपा और सपा का कांगे्रस का साथ देना तय माना जा रहा है। वहीं भाजपा और कांग्रेस से बागी होकर चुनावी मैदान में उतरे नेता अपनीे ही दल को पहली प्राथमिकता बता रहे हैं। गौरतलब है कि दोनों दलों के एक दर्जन बागी निर्णायक स्थिति में दिख रहे हैं।
बसपा मान रही खुद को किंगमेकर
बहुजन समाज पार्टी इस बार स्वयं को किंगमेकर के रुप में मानकर चल रही है। बसपा प्रदेशाध्यक्ष प्रदीप अहिरवार का मानना है कि उसके सहयोग के बगैर प्रदेश में सरकार नहीं बन सकती है। इस बार उनकी पार्टी प्रदेश में 15 सीटें जीत रही हैं। 30 सीटों पर वह त्रिकोणीय मुकाबले में है इसलिए यह आंकड़ा बीस से ज्यादा भी पहुंच सकता है। अहिरवार ने कहा कि मप्र में बसपा त्रिशंकु विस की स्थिति में किस दल को समर्थन देगी यह पार्टी अध्यक्ष मायावती ही तय करेंगी। बसपा ने 227 सीटों पर इस बार अपने उम्मीदवार उतारे हैं। पिछली बार बसपा के चार विधायक जीते थे।
सपा को नौ सीट पर विजय होने का भरोसा
समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता यश यादव का कहना है कि उनकी पार्टी लगभग 20 सीटों पर कड़ी चुनौती दे रही है इसमें से 9 सीटें जीतने की उन्हें पूरी उम्मीद है। इस बार किसी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलेगा। इसलिए सपा की भूमिका अहम होगी। ज्ञात हो कि समाजवादी पार्टी ने गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के साथ गठबंधन करके यह विस चुनाव लड़ा है। सपा 52 और गोंगपा 73 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। सपा त्रिशंकु की स्थिति में कांगे्रस के साथ गठबंधन करेगी इसकी पूरी संभावना है।
रामकृष्ण कुसमरिया देंगे भाजपा का साथ
भाजपा के बागी उम्मीदवार रामकृष्ण कुसमरिया दो सीटों, दमोह व पथरिया से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। पथरिया में उनकी स्थिति काफी मजबूत है। कुसमरिया कहते हैं कि अगर त्रिशंकु की स्थिति बनी और उन्हें अहम भूमिका निभाने को मिली तो यह भूमिका वो अपनों के लिए ही निभाना पसंद करेंगे। वे जीतने के बाद भाजपा को समर्थन दे सकते हैं। कुसमरिया यह भी कहते हैं कि उनकी जीत सुनिश्चित है, जीतने के बाद वो अपने क्षेत्र की जनता से संवाद करेंगे। जनता कहेगी कि मंत्री बनना है तो मंत्री भी बनेंगे, नहीं तो सदन में निर्दलीय विधायक की भूमिका निभाएंगे।
निर्दलीय के नाते विकल्प खुले हैं
कांग्रेस से बागी होकर वारासिवनी सीट से चुनाव लड़ रहे प्रदीप जायसवाल का कहना है कि उनकी पहली प्राथमिकता कांगे्रस को समर्थन देना होगी लेकिन इसके अलावा स्थिति कुछ और हुई तो निर्दलीय उम्मीदवार होने के नाते भी सारे विकल्प खुले हैं। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के विकास को आधार बनाकर अपना फैसला करेंगे। ऐसा माना जा रहा है कि प्रदीप जायसवाल कांगे्रस या भाजपा दोनों में से किसी को भी समर्थन दे सकते हैं।