गाय, गोशाला, हिंदुत्व…ये वो मुद्दे हैं जो अमूमन भारतीय जनता पार्टी से जोड़कर देखे जाते रहे हैं.
लेकिन अभी-अभी ख़त्म हुए विधानसभा चुनावों में इन मुद्दों का जिक्र कांग्रेस के घोषणा पत्र में शामिल था.
कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में गोशालाओं पर ख़ास ध्यान देने के अलावा राजस्थान के हिंदू शरणार्थियों का भी ख्याल रखा है.
हालांकि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस इन मसलों पर ख़ामोश रही है पर राजस्थान और मध्य प्रदेश में उसे ये मुद्दे ज़रूरी लगे.
और अब जब कांग्रेस मध्य प्रदेश और राजस्थान में चुनाव जीत गई है तो ऐसे में इन सवालों का उठना तय है कि कांग्रेस इन वादों को कैसे पूरा करेगी.
राजस्थान का हाल
जयपुर में मौजूद वरिष्ठ पत्रकार नारायण बारेठ बताते हैं, “राजस्थान में विधान सभा चुनावो में कांग्रेस ने जनता से लंबे-चौड़े वादे किए हैं. इनमें से कुछ वादों को हिंदुत्व से जोड़ कर देखा जा सकता है. इनमें पशु कल्याण के साथ गोशाला के लिए अनुदान बढ़ाने की भी बात कही गई है.”
राजस्थान में बात केवल गाय या गोशाला तक ही सीमित नहीं है. राजस्थान में पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थियों का मुद्दा भी शामिल है.
“कांग्रेस ने पाकिस्तान से आए हिंदू शरणाथियों के लिए एक निकाय बनाने की बात भी घोषणा पत्र में की है.”
कांग्रेस प्रवक्ता सत्येंद्र राघव सफ़ाई देते हुए कहते हैं, “इन बातों को हिंदुत्व से जोड़कर देखना ठीक नहीं होगा. पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में गोशालाओं का अनुदान बढ़ाने की बात कही है.”
“पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों ने भी इस मुद्दे पर काम किया है. राज्य में पशुपालन अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा है और लाखों लोगों की आजीविका का साधन है. इसमें कोई नई बात नहीं है.”
पाकिस्तानी हिंदुओं के मुद्दे को हिंदुत्व से जोड़ने की बात पर इन शरणार्थियों के लिए काम कर रहे हिंदू सिंह सोढा कहते हैं, “ये कोई हिंदुत्व की बात नहीं है. ये एक मानवीय मुद्दा है और इंसानी अधिकारों से जुड़ा मामला है. क्योंकि इनमें अधिकांश लोग दलित और आदिवासी समुदाय से आते हैं.”
सोढा कहते हैं, “जो भी पार्टी इनके अधिकारों और हालात पर कुछ करे, हम उसका स्वागत करते हैं.”
कांग्रेस ने राजस्थान के लिए अपने घोषणा पत्र में कहा है, “पार्टी इनके सर्वांगीण विकास का वादा करती है. क्योंकि ये समाज के कमजोर वर्ग से आते हैं.”
“पार्टी इनके लिए अलग से एक निकाय गठित करने का वादा करती है. ताकि योजनाबद्ध रूप से इनकी समस्याओं का समाधान किया जा सके.”
क्या कांग्रेस पूरे कर पाएगी वायदे
राजनीतिक विश्लेषक अवधेश अकोदिया कहते हैं यह पहली बार नहीं है कि कांग्रेस ने गाय को अपने घोषणापत्र या फिर अपने कार्यक्रम में जगह दी है.
अकोदिया कहते हैं, “हमें याद होना चाहिए कभी गाय और बछड़ा इस पार्टी का चुनाव चिन्ह भी रहा है. राजस्थान में निराश्रित गाय एक बड़ा मुद्दा है. शहरों और गावों में दोनों में. गावों में बड़ी तादाद में निराश्रित गायें हैं. सरकार कैसे इसका समाधान करेगी, यह अभी साफ़ नहीं है”.
“लेकिन क्या सरकार गोशालाएं बनाएगी, ये अभी कहा नहीं जा सकता. कांग्रेस इसे लेकर भी सतर्क है कि बीजेपी गाय को एक भावनात्मक मुद्दे के रूप में उठाती रही है. अभी देखना होगा कि कांग्रेस सरकार क्या योजना लेकर सामने आती है.”
पाकिस्तान से आए हिन्दू विस्थापितों के वादे की चुनौती के बारे में अकोदिया कहते हैं, “इनकी नागरिकता का मामला केंद्र से संबधित है. इसमें केंद्र का भी सहयोग ज़रूरी है. अगर सरकार यहाँ उनको बसाती है तो पाकिस्तान से आने वाले लोगों की संख्या बढ़ सकती है.”
अकोदिया कहते है. “कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार भी इन हिन्दुओं के पुनर्वास का काम करती रही है. क्योंकि इनमें ज्यादातर या तो दलित है या आदिवासी समुदाय से हैं. वे निवर्तमान बीजेपी सरकार के ख़िलाफ़ उपेक्षा की शिकायत करते रहे हैं.”
मध्य प्रदेश का हाल
भोपाल में मौजूद वरिष्ठ पत्रकार शुरैह नियाज़ी बताते हैं, “मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने चुनाव से पहले वचन पत्र जारी करके कई वादे जनता से किए थे.”
“इनमें से कई वादे ऐसे हैं जो ख़ासतौर पर हिंदुओं को आकर्षित करने के लिए किए गए थे.”
मध्य प्रदेश में कांग्रेस के इन वादों की एक लंबी फेहरिस्त है.
• मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में वादा किया है कि राज्य के हर ग्राम पंचायत में गोशाला खोलेंगे और चिन्हित क्षेत्रों में गो-अभ्यारण्य बनाए जाएंगे.
• इनके संचालन और रखरखाव के लिए सरकार अनुदान देगी. गोशाला में गोबर, उपले और गोमूत्र और अन्य वस्तुओं का व्यावसायिक स्तर पर उत्पादन कराएंगे.
• इसके अलावा मुख्य मार्गों पर गोवंश के संरक्षण और देखभाल के लिए अस्थाई शिविर की व्यवस्था, दुर्घटना में घायल गायों का उपचार और मृत गायों के अंतिम संस्कार की व्यवस्था करेंगे.
• कांग्रेस ने गोसंरक्षण अधिनियम को लागू करने और इस अधिनियम में विवादित धाराओं के संशोधन की अनुशंसा का भी वादा किया था.
• कांग्रेस पार्टी ने अपने वचन पत्र में प्रदेश में ‘मां नर्मदा न्यास अधिनियम’ बनाने का वादा भी किया है.
• इसके अलावा नए आध्यात्मिक विभाग के गठन की बात भी कही गई है.
• संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने और नए संस्कृत स्कूल खोलने, ‘सूर्य पुत्री मां ताप्ती नदी’, ‘मां मंदाकिनी नदी’ और ‘मां क्षिप्रा नदी न्यास’ के गठन का भी वादा किया गया है.सचिन पायलट, राहुल गांधी और अशोक गहलोत
• शास्त्रों में उल्लेखित सभी पवित्र नदियों को जीवित इकाई बनाने के लिए कानून बनाएंगे. पुजारियों का मानदेय बढाएंगे.
• चित्रकूट से शुरू होने वाली राम पथ गमन का प्रदेश सीमा तक निर्माण करेंगे.
• प्रदेश में धार्मिक स्थलों पर लगने वाले मेलों और आयोजनों पर भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी और सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे.
• मठ मंदिरों की संपत्तियों को अतिक्रमण मुक्त करने और पुजारी और महंत के नाम जोड़ने के संबंध में नए नियम बनाए जाएंगे.
• मठ मंदिर में संत का नामांतरण गुरु शिष्य परंपरानुसार हो तथा पुजारियों का वंश परंपरानुसार हो इस संबंध में नियम बनाए जाएंगे.छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी ‘गंगा मैया की सौगंध’ खाती रही
• कांग्रेस ने शासकीय मंदिरों और अन्य धर्मों के ऐतिहासिक स्थानों के संधारण के लिए विशेष पैकेज (बुनियादी सुविधाएं जैसे- पेयजल, स्ट्रीट लाइट, प्रसाधन, नाली, सड़क और कूड़ेदान) देने की भी बात वचन पत्र में की है.
क्या कहते हैं जानकार?
राजनीतिक विश्लेषक दीपक तिवारी का कहना है कि कांग्रेस के लिये इस तरह के वादों को पूरा करना बहुत मुश्किल है.
वो कहते हैं, “राज्य पर लगभग 2 लाख करोड़ रुपये का कर्ज़ है. उसके अलावा पैसा बिलकुल भी नही है. नये टैक्स लगाये नही जा सकते क्यों लोकसभा चुनाव आ रहे है. ऐसे में ये वादे कैसे पूरे होंगे ये सोचने वाली बात है.”
दीपक तिवारी यह भी कहते है कि शायद कांग्रेस ने सोचा होगा कि किसी तरह से सत्ता में आये उसके बाद देखेंगे. वहीं शिवराज सिंह चौहान की चलाई जा रही स्कीम को बंद करने के बारे में भी सोचा होगा लेकिन आज की परिस्थिति में वह भी नामुमकिन नज़र आ रहा है क्यों विपक्ष बहुत ज्यादा ताक़तवर है और स्वयं शिवराज उसमें मौजूद हैं.
वहीं राजनीतिक विश्लेषक गिरिजा शंकर इन वादों को पूरा करना मुश्किल नहीं मानते.
उनका कहना है, “यह आसानी से किया जा सकता है. इस वक़्त सबसे ज्यादा पैसा एसटैब्लिशमेंट पर खर्च होता है और इसके अलावा अधिकारियों की फिजूलखर्ची भी है जिसे रोक दिया जाये तो आसानी से कुछ महीनों में ही स्थिति सुधर सकती है.”
“वहीं नेता अप्रिय फ़ैसले लेने से डरते हैं. लोकप्रिय निर्णय लेना बुरा नहीं है लेकिन आपको देखना होगा कि आपका खर्च ठीक रहे. ज़रूरत पड़ने पर कुछ अप्रिय निर्णय लेकर भी स्थिति को सुधारा जा सकता है.”
अब क्या कहती है कांग्रेस
वचन पत्र में कांग्रेस के इन वादों के बारे में जब प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि पार्टी सत्ता में आ गई है और सारे वादों को पूरा किया जाएगा.
भूपेंद्र गुप्ता ने कहा, “चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी ने जो भी वादे किए हैं, सब पूरे किए जाएंगे. इन वादों के लिए भी सरकार अलग से धन का प्रावधान करेगी.”
“पार्टी को हर वर्ग का समर्थन मिला है और हम हर वर्ग का ख़याल रखेंगे. एक भी वादे से हम पीछे हटने वाले नही है.”
हालांकि कांग्रेस पार्टी को अपने वादों को पूरा करने के लिये भारी धन की आवश्यकता है और पिछली सरकार ख़ाली ख़ज़ाना छोड़ कर जा रही है.
लेकिन पार्टी के नेता आश्वस्त हैं कि उन्हें हर हाल में पूरा किया जाएगा.