मैं एक्सिडेंटल पीएम ही नहीं, एक्सिडेंटल फाइनैंस मिनिस्टर भी था: मनमोहन सिंह

नई दिल्ली पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि वह एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर ही नहीं, एक्सिडेंटल फाइनैंस मिनिस्टर भी रहे। उन्होंने अपनी किताब ‘चेंजिंग इंडिया’ के विमोचन के मौके पर याद किया कि कैसे तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ने उन्हें अचानक वित्त मंत्री बना दिया।

पूर्व पीएम ने कहा, ‘तब मैं यूजीसी में हुआ करता था। और हर दिन की तरह दफ्तर गया था। अचानक नरसिम्हा राव जी का फोन आया और उन्होंने मुझे कहा कि तैयार होकर शपथ ग्रहण के लिए आओ। और इस तरह मैं वित्त मंत्री बन गया। लोग कहते हैं कि मैं एक्सिडेंटल पीएम हूं, लेकिन मैं एक्सिडेंटल फाइनैंस मिनिस्टर भी रहा।’

आरबीआई-सरकार पति-पत्नी की तरह
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रह चुके सिंह ने केंद्रीय बैंक और केंद्र सरकार के संबंधों के बारे में कहा, ‘रिजर्व बैंक और सरकार का संबंध पति-पत्नी के संबंध की तरह है। दोनों के बीच मतभेदों को निपटाना जरूरी होता है ताकि दोनों सामंजस्य के साथ काम कर सकें।’ आगे उन्होंने कहा, ‘मजबूत और स्वतंत्र रिजर्व बैंक को केंद्र सरकार के साथ मिलकर काम करना पड़ता है, इसलिए मैं प्रार्थना करता हूं कि सरकार और रिजर्व बैंक एक दूसरे के साथ काम करने की कोशिश करेंगे’

‘भारत बनेगा वैश्विक अर्थव्यवस्था का बड़ा पावरहाउस’
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था का एक बड़ा ‘पावरहाउस’ बनना भारत के भाग्य में लिखा है। जाने-माने अर्थशास्त्री सिंह ने कहा कि 1991 के बाद से भारत की वार्षिक आर्थिक वृद्धि दर औसतन 7 प्रतिशत बनी हुई है। उन्होंने कहा, ‘सभी बाधाओं और व्यवधानों के बावजूद भारत सही दिशा में बढ़ता रहेगा। भारत के भाग्य में है कि वह वैश्विक अर्थव्यवस्था का पावर हाउस बने।’