बिहार: एनडीए में दरार? अब एलजेपी ने जताई नाराजगी

पटना बिहार में नैशनल डेमोक्रैटिक अलायंस (एनडीए) के घटक दलों में अनबन का एक और संकेत मिल रहा है। राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) के एनडीए से अलग होने के बाद अब एनडीए के एक अन्य सहयोगी की तरफ से असंतुष्टि की आवाज उठ रही है। लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के नेता चिराग पासवान के दो ट्वीट्स ने यह संकेत दे दिया है कि बिहार में एनडीए गठबंधन में अब भी सबकुछ ठीक नहीं है। आरएलएसपी के एनडीए से नाता तोड़ने के बाद चिराग का यह ट्वीट राज्य में एनडीए के लिए नई मुश्किलें पैदा कर सकता है। चिराग ने ट्वीट कर लिखा है कि बीजेपी नेताओं से मुलाकात हुई लेकिन सीटों को लेकर ठोस बात नहीं हो पाई है।

चिराग पासवान ने ट्वीट कर लिखा, ‘टीडीपी और आरएलएसपी के एनडीए गठबंधन से जाने के बाद यह गठबंधन नाजुक मोड़ से गुजर रहा है। ऐसे समय में बीजेपी गठबंधन में फिलहाल बचे हुए साथियों की चिंताओं को समय रहते सम्मानपूर्वक तरीके से दूर करें।’

चिराग पासवान ने दिए नुकसान के संकेत
थोड़ी देर बाद ही चिराग पासवान ने एक और ट्वीट कर लिखा, ‘गठबंधन की सीटों को लेकर बीजेपी के नेताओं से मुलाकात हुई लेकिन अभी तक कुछ ठोस बात आगे नहीं बढ़ पाई है। इस विषय पर समय रहते बात नहीं बनी तो इससे नुकसान भी हो सकता है।’

बीजेपी, एलजेपी, आरएलएसपी साथ लड़े थे
गौरतलब है कि 2014 के लोकसभा चुनाव बिहार में बीजेपी, एलजेपी और उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएसपी मिलकर चुनाव लड़े थे। एलजेपी कुल सात सीटों पर चुनाव लड़ी थी और छह पर उसे जीत मिली थी। वहीं आरएलएसपी तीन पर चुनाव लड़ी थी और सभी सीटें जीतने में कामयाब रही थी। इस बार सीटों के बंटवारे पर नाराज चल रहे उपेंद्र कुशवाहा ने एनडीए का साथ छोड़ दिया है। अब एलजेपी भी अगर एनडीए का साथ छोड़ती है तो बीजेपी की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।

10 दिसंबर को एनडीए से अलग हुए कुशवाहा
इससे पहले 10 दिसंबर को मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के बाद कुशवाहा ने पीएम नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा था। उन्होंने कहा कि पीएम ने बिहार को विशेष पैकेज का वादा किया था लेकिन वह नहीं मिला। कुशवाहा ने आरोप लगाया कि केंद्र की एनडीए सरकार से बिहार को जो आस थी वह पूरी नहीं हुई। बता दें कि बिहार में सीट बंटवारे पर कुशवाहा काफी समय से बीजेपी से नाराज चल रहे थे। वह राज्य में ज्यादा सीटों पर दावेदारी कर रहे थे लेकिन बीजेपी ने उनकी मांग को तवज्जो नहीं दी थी।