जो आंगनवाड़ी कार्यकर्ता मुख्यालय पर नहीं रहेंगी उनकी सेवाएं समाप्त होंगी: कलेक्टर.
टीकमगढ़..महिला एवं बाल विकास विभाग की योजनाओं की समीक्षा बैठक बुधवार को कलेक्टर अभिजीत अग्रवाल की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में हुई। बैठक में अग्रवाल ने निर्देश दिए कि जो आंगनवाड़ी कार्यकर्ता मुख्यालय पर नहीं रहेंगी उनकी सेवाएं समाप्त होंगी। उन्होंने कहा कि शासन के निर्देश पर कार्य नहीं करने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के विरूद्ध पूर्व में भी कार्रवाई की गई थी । लेकिन इन आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा भविष्य में गलती नहीं करने का वचन दिया गया था, इसलिए उन्हें एक मौका और दिया गया था। अग्रवाल ने निर्देशित किया कि यदि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता दोबारा शासकीय कार्य में लापरवाही करते हुए मुख्यालय पर नहीं रहती हैं । केन्द्र संचालन सुचारू रूप से नहीं करती हैं ,ऐसी कार्यकर्ताओं को पद से पृथक करने की कार्रवाई की जाएगी।
बैठक में कलेक्टर अग्रवाल ने जिले में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की प्रगति एवं एनआरसी में कुपोषित बच्चों की भर्ती की समीक्षा की। उन्होंने जिले के बल्देवगढ़, टीकमगढ़ ग्रामीण एवं जतारा परियोजनाओं में कम वजन के बच्चों के वजन के परीक्षण के लिए विशेष वजन अभियान चलाने के निर्देश दिए। इस अवसर पर जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी डी एस मीना, सहायक संचालक दिनेश दीक्षित, जिला स्वास्थ्य प्रेरक रितिका भार्गव, परियोजना अधिकारी टीकमगढ़ शहरी सीमा श्रीवास्तव, ग्रामीण श् वेता चतुर्वेदी, बल्देवगढ़ परियोजना अधिकारी शशिकिरण यादव, दिगौड़ा महेश दोहरे सहित जिले की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं पर्यवेक्षक उपस्थित रहीं।
कलेक्टर बोले,अपने बच्चों को टीका लगवाने ले जाएगें स्कूल
कलेक्टर अभिजीत अग्रवाल की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में मीजल्स-रूबेला अभियान अंतर्गत अंतर्विभागीय बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में कलेक्टर अग्रवाल ने निर्देशित किया कि जिले का एक भी बच्चा मीजल्स-रूबेला टीकाकरण से वंचित नहीं रहे। उन्होंने बताया कि मीजल्स-रूबेला का टीका उच्च गुणवत्तायुक्त और पूरी तरह सुरक्षित है। इसलिये सभी बच्चों को संक्रमण से बचाने के लिये यह टीका अनिवार्य है। यह टीका डब्ल्यूएचओ द्वारा प्रमाणित है। अग्रवाल ने कहा कि इस संबंध में स्कूलों में बच्चों के अभिभावकों को मीटिंग आयोजित कर समझाईश दी जाए जिससे शत-प्रतिशत बच्चों को टीकाकरण का लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि मैं स्वयं अपने बच्चों का टीकाकरण कराने के लिए किसी एक स्कूल में लेकर जाऊंगा ,जिससे अन्य बच्चों के मन में टीकाकरण के प्रति जो भ्रांतियां हैं उनको दूर किया जा सके।