किन किसानो का नहीं होगा मध्य प्रदेश मे कर्जा माफ आइये जानते है इस खबर के बारे मे.
मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही सबसे पहला तोहफा किसानों को दिया था। किसानों का कर्ज माफ कर जहां कांग्रेस पार्टी अपने आप पर गर्व महसूस कर रही तो वहीं इस रेस में भाजपा भी पीछे नहीं रहना चाहती। अब असम सरकार ने भी किसानों की कर्ज माफी की घोषणा कर दी है। लेकिन ये घोषणा जितनी बड़ी और किसानो के लिए राहत देने वाली दिखती है, उतनी है नहीं।
मध्य प्रदेश में सरकार ने किसानों की कर्जमाफी को लाागू करने के लिए 22 सदस्यीय क्रियान्वयन समिति का गठन किया है। लेकिन कर्जे से छुटकारा कुछ खास किसानों को ही मिलने वाला है मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा घोषित बाकि सरकारी कर्मचारी, पंच-सरपंच, सांसद और इंकम टैक्स भरने वाले, मुख्यमंत्री लोन माफी के लाभ नहीं उठा सकते। इसके आलावा भी कर्ज माफ कराने के लिए कई मानदंड पर खरा उतरना होगा जो सरकार द्वारा निश्चित किया गया है।
किन किसानों को नहीं मिलेगा लोन मांफी का फायदा :
1 जिन किसानों की अपनी रजिस्टर्ड कंपनी है और इसी के दवारा वो अपनी फसल बाजार में बेचते हैं, उनका कर्ज माफ नहीं होगा |
2 जिन किसानों को पेंशन 15,000 रुपये तक प्राप्त होती है उनका लोन माफ नहीं किया जाएगा। हालांकि सेना से सेवानिवृत किसानों को इस नियम से बाहर रख कर राहत दी गई है।
3 अगर किसान ने कई आर्गेनाइजेशन से ऋण लिया है तो किसी भी एक संस्था से लिया गया लोन ही माफ किया जायेगा ।
कर्ज माफी की घोषणा के साथ कहा गया कि किसानों का लोन सिर्फ 2 लाख तक माफ किया जाएगा। लेकिन ठीक इसके दूसरे दिन से सरकार ने इस बात पर योजना बनाना शुरू कर दी कि इस योजना के मानदंड क्या तय किए जाएं। इस तरह से 3.40 लाख किसानों को कर्ज माफी योजना का फायदा मिल सकता है। मध्य प्रदेश सरकार पर इस योजना को पूरा करने के लिए 38 हजार करोड़ का बजट तैयार करना पड़ेगा ।