पिता को भी नहीं थी पद की लालसा, मुझे भी नहीं किसी पद की भूख: ज्योतिरादित्य सिंधिया

पिता को भी नहीं थी पद की लालसा, मुझे भी नहीं किसी पद की भूख: ज्योतिरादित्य सिंधिया

मंगल भारत

मध्यप्रदेश में सत्ता हासिल करने के बाद कांग्रेस को मुख्यमंत्री का नाम चुनने में काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा. राज्य में सीएम पद की रेस में दो प्रबल दावेदार थे. एक तरह अनुभवी कमलनाथ और दूसरी तरह युवा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया थे. जिसमें कांग्रेस ने अनुभव का तवज्जो देते हुए कमलनाथ को राज्य की कामना दे दी. सीएम रेस में कमलनाथ के बाजी मारने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया की प्रतिक्रिया भी सामने आ गई है.

एक इंटरव्यू में कांग्रेस के युवा नेता और गुना से संसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया कि उन्हें सीएम नियुक्त नहीं किये जाने पर किसी तरह का कोई पछतावा नहीं है. सिंधिया ने कहा कि मैंने पहले ही साफ कर दिया था कि पार्टी आलाकमान जो फैसला करेगी मैं वह स्वीकार करूंगा.

एनडीटीवी से बातचीत में सिंधिया ने कहा कि जीवन में यह सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है कि आप जो भी प्रचार करते हैं उसका अभ्यास करें. मैंने इस मामले को लेकर कहा था कि मैं कांग्रेस हाई कमान के फैसले के साथ ही जाऊंगा.

उन्होंने बताया कि जब कांग्रेस हाई कमान की ओर से मध्यप्रदेश के अगले मुख्यमंत्री के तौर पर कमलनाथ जी का नाम तय हुआ तो उन्होंने किसी तरह का कोई विरोध नहीं किया. वहीं जब सिंधिया से पूछा गया कि क्या उन्हें उपमुख्यमंत्री के पद का प्रस्ताव दिया गया था.

इस पर उन्होंने कहा कि मैं इस पर कुछ नहीं कह सकता हूँ. मैं पहले से ही संसद में कांग्रेस पार्टी का मुख्य सचेतक हूं. इसके आलावा पार्टी नेतृत्व तय करेगा कि मुझे कुछ और जिम्मेदारी दी जानी चाहिए या नहीं. पार्टी को जो भी ठीक लगेगा मैं वह करने को तैयार हूँ.

उन्होंने कहा कि सीएम बनाने में उम्र का अनुभव फैक्टर नहीं था. मुझे लगता है कि इसमें क्षमताएं महत्वपूर्ण कारक रही है उम्र और अनुभव नहीं. उन्होंने कहा कि मेरे पिता को भी किसी तरह के पद की लालसा नहीं थी और मुझे भी किसी पद की भूख नहीं है. मैं सिर्फ पार्टी के निर्देशों का पालन करता हूँ.