(मझौली/ मड़वास) साहब! हम गरीबों को आवास नहीं मिल रहा क्योंकि रिश्वत देने के लिए पैसे नहीं है।

*साहब!हम गरीबो को आवास नही मिल रहा क्योंकि रिश्वत देने के लिए पैसे नही हैं।* जी हां हम बात कर रहे है ग्राम पंचायत के नदहा निवासी छोटेलाल साहू की जो कि शासन द्वारा मिले नए आवास की प्राथमिकता लक्ष्य में 137 क्र. में अपनी पात्रता रखते हैं।बात दरअसल ऐसी है कि ग्राम पंचायत नदहा के छोटेलाल पिता हीरालाल साहू का आवास नए लक्ष्य के अन्तर्गत सम्मिलित है लेकिन सरपंच/सचिव तथा पी.सी.ओ.द्वारा सयुंक्त रूप से आवास देने के नाम पर हितग्राही से 10000/- की एडवांस राशि मांगी गयी है जो कि इस मजदूर आदमी के पास इतने राशि की पूर्ति न कर पाने के कारण आवास निरस्त कर देने का दवाब उपरोक्त जनप्रतिनिधि व कर्मचारियों के द्वारा बनाया जा रहा है। ऐसे एक नही,कई हितग्राही हैं जो कि शासन की अति महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री आवास-योजना में इनके द्वारा रिश्वत न दे पाने के कारण मानसिक रूप से प्रताड़ित किये जा रहे है,आज दिनांक की स्थिति का अवलोकन किया जाय तो इसी योजनान्तर्गत सी.एम.हेल्पलाइन में भी कुल मिला के 11-12 शिकायतें समाधान के लिए लंबित पड़ी हैं,अब तो शासन-प्रशासन के संज्ञान में आने के बाद ही इस बात की पुष्टि हो पाएगी कि इन गरीब किसान-मजदूरों का अपने हक के लिए न्याय किस स्तर तक हो पाया है।
बताते चलें कि उक्त पंचायत मे रिस्वत लेकर पी.एम. आवास योजना की प्राथमिकता सूची मे नाम जोडने और पृथक करने का मामला हो या फिर मजदूरी का भुगतान मजदूर के खाते मे न करते हुए अपने चहेतों के खाते मे डालकर हडप कर लेना नदहा पंचायत के लिए कोई नई बात नही है, पिछले दिनों ऐसा ही एक प्रकरण सामने आया जिसमे नदहा निवासी बेचन साहू ने बताया कि मेरी मजदूरी भुगतान की राशि 11000 हजार रुपए किसी अन्य के खाते मे ट्रांसफर हो जाने की बात सरपंच और सचिव द्वारा बताई जा रही है।

पूरे मामले पे यदि नजर दौडाई जाए तो एक बात बडी स्पष्ट हो रही कि ग्राम पंचायत नदहा के ग्रामीणों की दिशा एवं दशा दोनो की दुर्दशा का कारण ग्राम पंचायत के सरपंच/सचिव एवं पी.सी.ओ के संयुक्त तात्वाधान मे किया जा रहा है जो एक संवेदनशील विषय है।

नदहा पंचायत के ग्रामीण जनो ने समाचार के माध्यम से नवागत कलेक्टर से अपनी गुहार लगाते हुए अपनी समस्याओं का निराकरण करवाने की अपील की है।