शिवराज खुद या भूपेन्द्र को बनाना चाहते हैं नेता प्रतिपक्ष

चुनाव के कुछ समय पहले पार्टी के लिए आरक्षण को लेकर माई का लाल वाला बयान देकर मुसीबत खड़ी करने वाले शिवराज सिंह चौहान सत्ता जाने के बाद भी पद का मोह नहीं छोड़ पा रहे हैं। वे चाहते हैं कि पार्टी उन्हें विस में नेता प्रतिपक्ष के रुप में नामांकि त करे। इसके लिए वे प्रयासरत भी दिख रहे हैं। हालांकि पार्टी उनकी दावेदारी से असहमत है। पार्टी लोकसभा चुनाव व शिवराज के बयान और एस्ट्रोसिटी एक्ट से नुकसान से सबक लेते हुए नेता प्रतिपक्ष के पद पर किसी ब्रहाम्ण नेता को देना चाहती है।

पार्टी की मंशा इसके सहारे राजनैतिक समीकरण साधने की जुगत में है। यही वजह है कि संगठन इस पद पर गोपाल भार्गव , नरोत्तम मिश्रा और राजेन्द्र शुक्ल के नाम पर गंभीरता से विचार कर रहा है। इधर पूर्व मुख्यमंत्री चौहान चाहते हैं कि अगर पार्टी उनके नाम पर सहमत नहीं होती हैं तो उनकी पसंद और बेहद करीबी नेता भूपेंद्र सिंह को यह जिम्मेदारी सौंपी जाए। दरअसल श्री चौहान सदन के भीतर और बाहर अपनी प्रभावी मौजूदगी दर्ज कराने के लिए स्वयं को इस पद के लिए दावेदारी कर रहे हैं पर पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व उनके नाम पर तैयार नहीं हैं। अब माना जा रहा है कि यही स्थिति रही तो वे अपने करीबी व पूर्व गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह का नाम आगे करने की तैयारी कर रहे हैं। गौरतलब है कि 15वीं विस का पहला सत्र 7 जनवरी से शुरू हो रहा है। भाजपा इससे एक दिन पहले विधायक दल की बैठक करने जा रही है, जिसमें नेता प्रतिपक्ष के नाम की विधिवत घोषणा की जाएगी।
भार्गव पर बन सकती है सहमति
मौजूदा विस में वरिष्ठ विधायक गोपाल भार्गव ने तो नेता प्रतिपक्ष के लिए दावेदारी तेज कर दी है। वे आठ बार से विधायक हैं। इस नाते संसदीय प्रक्रिया के जानकार भी हैं। यही नहीं उनकी गिनती प्रदेश के तेज तर्रार विधायकों में की जाती है। हाल ही में श्री भार्गव अपनी दावेदारी पुख्ता करने के लिए संघ के दफ्तर समिधा पहुंचकर वरिष्ठ पदाधिकारियों से भी मुलाकात कर चुके हैं।
समाप्त होगी ब्राह्मणों की नाराजगी
चार महीने बाद होने वाले लोकसभा चुनाव के मददेनजर भाजपा सवर्ण समाज की नाराजगी दूर करने के लिए ब्राह्मण विधायक को नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी पर बैठा सकती है। यदि यही फार्मूला लागू किया जाता है तो गोपाल भार्गव, नरोत्तम मिश्रा, राजेंद्र शुक्ल में से किसी एक के नाम को हरी झंडी मिल सकती है। तीनों ही विधायक वरिष्ठ और अनुभवी हैं।