भोपाल।मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। नए साल में सूबे
के मुखिया शिवराज सिंह का नायकत्व जागा हुआ दिखने लगा है। इसकी वजह है उनके मैदानी दौरों पर की जाने वाली कार्रवाई। वे इन दिनों लगातार गांव-गांव घूमकर आम आदमी की परेशानियों के साथ ही किसानों की नष्ट हुई फसल का भी जायजा ले रहे हैं। इस दौरान जिस अफसर या फिर कर्मचारी की शिकायत मिल रही है उस पर कार्रवाई तत्काल की जा रही है।
इसकी बानगी बीते दो दिन से सामने आ रही है। बीते रोज जब वे राजगढ़ प्रवास पर पहुंचे तो उन्हें जिले के प्रभारी जिला आपूर्ति अधिकारी सुरेश वर्मा और खिलचीपुर तहसील के सहायक आपूर्ति अधिकारी जसराम जाटव के खिलाफ सार्वजनिक वितरण प्रणाली के क्रियान्वयन में अनियमितताओं की जमकर शिकायतें मिलीं, जिसकी वजह से सीएम द्वारा मौके पर ही दोनों पर त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे ,परिणाम स्वरुप शाम होते-होते दोनों को ही निलंबित कर दिया गया। यही नहीं इसके एक दिन पहले जब शिवराज फसल नुकसान का जायजा लेने अशोकनगर और निवाड़ी जिले के प्रवास पर गए तो वहां जब किसानों ने अपना दुकड़ा रोया तो मुख्यमंत्री ने सीधे-सीधे अफसरों को चेतावनी देने से भी गुरेज नहीं किया की अगर सर्वे के दौरान कोई गड़बड़ी की गई या फिर नुकसान कम बताया गया तो वे संबधित को नौकरी करने लायक भी नहीं छोड़ेगें। यही नहीं अब वे पहले की अपेक्षा अधिक सख्ती दिखा रहे हैं। फिर मामला आम आदमी का हो या फिर सरकारी अंलम्बदारों का। यही वजह है कि आपदा प्रबंधन समूहों की बैठक में सीएम ने कलेक्टरों को साफ निर्देश दिए हैं कि जो भी व्यक्ति कोरोना जांच के समय गलत पता और गलत फोन नंबर दे उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएं। उन्होंने कहा कि ये लोग संक्रमण फैलाने वाले बनेंगे। इनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। वहीं, 15 से 18 साल के किशोरों के साथ अन्य पात्र व्यक्तियों के कुछ जिलों में कम टीकाकरण पर उन्होंने नाराजगी जताई। कहा कि कोई भी बहाना नहीं चलेगा। हमें परिणाम चाहिए। चौहान जब राजगढ़ पहुंचे तो वहां पर ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री से राशन की कालाबाजारी की शिकायतें करना शुरू कर दिया। इससे वे बेहद नाराज हुए और उनके द्वारा मंच पर ही कमिश्नर गुलशन बामरा तक को तलब कर तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दे दिए । यही नहीं उनके द्वारा सभी जिलों की राशन दुकानों को निरीक्षण करने का भी निर्देश दे दिया गया। इस दौरान उन्होनें मंच से ही प्रशासन को निर्देश देते हुए कहा कि जिसने भी गरीबों का राशन खाया उसे छोड़ूंगा नहीं। जिसकी भी जिम्मेदारी है उसे तत्काल निलंबित किया जाता है। इस दौरान उनके द्वारा कमिश्नरबामरा को निर्देशित किया कि ऐसे लोगों के खिलाफ न केवल एफआईआर कराओ , बल्कि उनकी गिरफ्तारी भी होनी चाहिए यह भी तय करें। इस तरह का तमाशा नहीं चलेगा। दरअसल ग्रामीणों ने अपनी शिकायत में बताया कि उन्हें शासकीय उचित मूल्य की दुकानों से पर्याप्त खाद्यान प्राप्त नहीं हो रहा है। दुकानदारों द्वारा पूरी सामग्री प्राप्ति पर उनसे हस्ताक्षर कराकर कम मात्रा में खाद्यान्न सामग्री दी जा रही है। सामग्री का वितरण प्रतिमाह न होकर दो तीन माह में एक बार होता है एवं दुकानदारों द्वारा रजिस्टर पर सभी माहों के हस्ताक्षर एक साथ कराए जा रहे हैं।
मवेशियों की मौत पर भी देंगे मुआवजा
मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों से कहा कि जहां-जहां ओले गिरे हैं, उन हर स्थानों पर नहीं जा सकता। किसानों का संकट की घड़ी में साथ देने के लिए शिवराज मुख्यमंत्री बना है। अच्छी फसल आ रही थी। अचानक ओलों की बरसात हो गई। अभी खेत देखे। दूर से देखो तो थोड़ा हरा दिखता है, लेकिन यहां कुछ नहीं बचा। सरकार फसल के लिए तो राहत राशि देगी। मवेशियों की मौत पर भी मुआवजा देगी। मुर्गा-मुर्गी मरे हों, तो उसका भी मुआवजा मिलेगा। ओला गिरने से घर की कवेलू (खप्पर) भी टूटी है, तो उसके लिए भी पैसा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसान भाइयों चिंता मत करना, यह संकट आया है और संकट से पार निकाल कर हम ले जाएंगे। 18 तारीख तक सर्वे पूरा कर लिया जाएगा और सूची को पंचायत भवन पर लगाएंगे। इसके बाद किसी का सर्वे रह गया होगा, तो फिर से कराएंगे और 25 जनवरी से मुआवजा वितरण करना शुरू कर दिया जाएगा।
एक दिन पहले ही दी थी चेतावनी
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इसके एक दिन पहले निवाड़ी जिले के सियाखास गांव पहुंचे। यहां उन्होंने बर्बाद फसलों का जायजा के समय उनका जुदा अंदाज देखने को मिला। ग्रामीणों से चर्चा करने के लिए शिवराज कार की छत पर चढ़ गए। सीएम ने कहा कि हर खेत में मैं नहीं पहुंच सकता, सांसद और विधायक पहुंच रहे हैं। उन्होंने कहा कि फसल ही नहीं, ओलों से टूटे घरों के कवेलू का भी मुआवजा दूंगा। उनका जो भी नुकसान हुआ है, उसकी पूरी भरपाई की जाएगी। इस दौरान उनके द्वारा साफ कहा गया कि किसान की फसल के सर्वे में कोई चूक ना हो जाए, ईमानदारी से सर्वे करना, जरूरत पड़े तो मुआवजा के लिए एक दो प्रतिशत ज्यादा लिख देना। अगर कम लिखा तो मैं नौकरी करने के लायक नहीं रहने दूँगा। उन्होंने कहा कि मैं दुख की घड़ी में आया हूं। मैंने खुद अपनी आंखों से फसलें देखी हैं। किसान के दर्द को पहचानता हूं और तकलीफ जानता हूं। किसान ने दिन रात मेहनत करके, कर्जा लेकर खाद- बीज डाला और पानी से नहीं पसीने से अपनी फसलों को सींचा, तब अन्न के दाने हमारे घर पर आते हैं।
मक्खनदेवी को दिलाए 50 हजार
निवाड़ी जिले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने काफिला रोककर पीड़ित महिला मक्खन देवी रजक निवासी बाबा खिरक पृथ्वीपुर से मुलाकात की। उन्हें 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। मक्खन रजक की सरसों और मटर की फसल ओलावृष्टि से बर्बाद हो गई थी। खास बात यह है कि यह राशि भी कुछ घंटो बाद ही महिला के पास पहुंच भी गई। महिला किसान वृद्धा राजकुंअर बाई तो मुख्यमंत्री को देखकर फूट-फूटकर रोने लगीं और उनसे लिपट गई। वृद्धा ने रोते हुए बताया कि हमारे पास तो सिर्फ यही था, अब इसमें भी कुछ नहीं बचा है। मेरा एक बेटा घर पर बीमार है, उसने तीन दिन से कुछ नहीं खाया।मुख्यमंत्री ने वृद्धा राजकुँअर बाई को ढांढस बंधाया और कहा कि चिंता मत करो, अभी फसल देखकर कुछ व्यवस्था करता हूं।