भाजपा के लिए मॉडल बनी… शिव-विष्णु की जोड़ी

सत्ता और संगठन के समन्वय से योजनाओं के क्रियान्वयन में मप्र देश में अव्वल
-प्रदेश में विकास और विस्तार के प्रयोग बने मिसाल


भोपाल/मंगल भारत।
मा भाजपा की प्रयोग भूमि मप्र में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के रूप में एक ऐसी जोड़ी मिली है जिसने देश के सामने मिसाल पेश की है। इस जोड़ी के कारण प्रदेश में सत्ता और संगठन का ऐसा अद्भुत समन्वय देखने को मिल रहा है, जिसके कारण किसी भी योजना का क्रियान्वयन करने में मप्र देश में अव्वल बना हुआ है। आज भाजपा के लिए शिव-वीडी की जोड़ी मॉडल बनी हुई है। यही नहीं इन्होंने मप्र को एक ऐसा मॉडल राज्य बना दिया है जिसका अनुशरण अन्य राज्य कर रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जहां केंद्र के साथ ही राज्य की
योजनाओं के क्रियान्वयन में शासन-प्रशासन को पूरी तरह सक्रिय किए हुए हैं, वहीं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा नित्य नए नवाचारों से संगठन को मजबूत बना रहे हैं। मुख्यमंत्री लगातार विभागों की समीक्षा कर रहे हैं। वहीं वीडी शर्मा और उनकी टीम संगठन में नवाचार ला रही है और अनेक अनूठे प्रयोग कर रही हैं। यदि यह प्रयोग सफल रहते हैं तो इसे भाजपा के दूसरे राज्यों में भी लागू किया जाएगा। यही वजह है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व प्रदेश भाजपा संगठन के कामकाज से संतुष्ट हैं।
बूथ विस्तारक योजना बनेगी मिसाल
प्रदेश भाजपा की इकाई अपने पितृ पुरुष कुशाभाऊ ठाकरे की जन्म शताब्दी मना रही है। इस अवसर पर पार्टी ने अत्यंत महत्वाकांक्षी बूथ विस्तारक योजना को सफल बनाने के लिए 20 जनवरी से अभियान शुरू किया है। इस योजना के अंतर्गत भाजपा के मंत्री, विधायक, सांसद और अन्य नेता बूथ स्तर पर पार्टी को मजबूत करने के लिए 100 घंटे देंगे। पार्टी ने 20 हजार बूथ विस्तारक निकालने का दावा किया है। इसके अलावा अनूठा संगठन ऐप बनाया गया है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा और उनकी टीम इस अभियान को सफल बनाने के लिए लगी हुई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद इस अभियान में दिलचस्पी ले रहे हैं और वे खुद भी बूथ विस्तारक के रूप में काम करेंगे। जिस उत्साह से सत्ता और संगठन के लोग इसमें लगे हुए हैं उससे बूथ विस्तारक योजना मिसाल बनने जा रही है।
सीएमके निर्णय से मजबूत होगा भाजपा का आधार
उधर मुख्यमंत्री ने ग्राम पंचायतों, जनपद पंचायतों और जिला पंचायतों में प्रशासकीय समितियां गठित कर उन्हें सरपंच जनपद अध्यक्ष और जिला पंचायत अध्यक्ष के अधिकार दे दिए हैं। अब सरपंच 15 लाख जनपद अध्यक्ष 25 लाख और जिला पंचायत अध्यक्ष 50 लाख तक की राशि खर्च कर सकेंगे। वित्तीय अधिकार मिलने से ग्रामीण क्षेत्र में विकास कार्य हो सकेंगे। मध्य प्रदेश में पंचायती राज 4 करोड़  आबादी को प्रभावित करता है। ऐसे में मुख्यमंत्री की कोशिश है कि कार्यकर्ताओं को संतुष्ट किया जाए साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में पार्टी का आधार भी मजबूत हो। इससे विकेंद्रीकरण भी बढ़ेगा तथा स्थानीय विकास की बागडोर स्थानीय जनता के पास ही रहेगी। कोविड जैसी महामारी से निपटने के लिए भी सरकार के पास पंचायत स्तर पर नेटवर्क उपलब्ध हो जाएगा। प्रदेश में सरकार द्वारा नियुक्त पंचायती राज की वापसी से कांग्रेस को झटका लगना स्वाभाविक है क्योंकि इससे भाजपा ग्रामीण क्षेत्र में मजबूत होगी और भविष्य के चुनाव में उसे लाभ होगा।
सत्ता और संगठन हर कसौटी पर खरे
प्रदेश में सत्ता और संगठन के समन्वय का आंकलन इसी से किया जा सकता है कि यहां विकास और विस्तार के प्रयोग पूरी तरह सफल रहे हैं। वहीं प्रदेश की सत्ता और संगठन हर कसौटी पर खरे उतरे हैं। सूत्रों के अनुसार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख डॉक्टर मोहन भागवत ने हाल की अपनी जबलपुर और नरसिंहपुर यात्रा के दौरान प्रदेश सरकार और संगठन के कामकाज का फीडबैक लिया था। मध्य क्षेत्र इकाई ने सत्ता और संगठन दोनों के कामकाज पर अनुकूल रिपोर्टिंग की है। संगठन की दृष्टि से मप्र भाजपा के लिए हमेशा से महत्वपूर्ण रहा है। संघ और भाजपा का नेतृत्व चाहता था कि मप्र का संगठन दूसरे राज्यों के लिए प्रेरणा का काम करें। इस  दृष्टि से इसे सर्वस्पर्शी और मजबूत बनाने की दिशा में पहल की जा रही है।