कांग्रेस के कुनबे में… रार चालू आहे!

  • बेचारे कांग्रेसी कार्यकर्ता पूछ रहे हैं सवाल असली बंटाधारी कौन

भोपाल/मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। आपसी गुटबाजी

और बर्चस्व की प्रतिस्पर्धा की वजह से डेढ़ साल से भी कम समय में पार्टी की सरकार गंवाने के बाद भी कांग्रेस में हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। हालत यह हैं कि अब तो पार्टी में एक दूसरे नेताओं के बेहद करीबी माने जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और कमलनाथ के बीच लगातार दूरियां बढ़ती ही जा रही हैं। यह दूरियां बढ़ने की मुख्य वजह है कमलनाथ सरकार का गिर जाना।
इन नेताओं के बीच दूरियां बढ़ने का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि हाल ही में इनके बीच हॉट टॉक तक हो चुकी है। इसका एक वीडियो भी अब सामने आ चुका है। इस बीच पार्टी में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के विरोधी माने जाने वाले पूर्व मंत्री और पार्टी के आदिवासी विधायक उमंग सिंघार ने एक ट्वीट कर इस मामले में राजनीति को और गर्मा दिया है। उनका यह ट्वीट वैसे तो सीएम शिवराज सिंह चौहान के विरोध में लिखा दिखता है, लेकिन निशाना कहीं और प्रतीत हो रहा है। दरअसल बीते लंबे समय से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह दो परियोजनाओं के प्रभावितों के हितों की मांग को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर हमलावर बने हुए थे। उनका आरोप था कि वे बीते डेढ़ माह से मिलने का समय मांग रहे हैं, लेकिन चौहान उन्हें मुलाकात का समय ही नहीं दे रहे हैं। इसकी वजह से इस मामले में लगातार प्रदेश में राजनैतिक ड्रामा चल रहा था। इस बीच जब दिग्विजय सिंह सीएम हाउस पर धरना देने जा रहे थे, तभी हवाई अड्डे पर सीएम शिवराज और पूर्व सीएम कमलनाथ की मुलाकात हो गई। इस मुलाकात में दोनों नेताओं के बीच हंसते हुए एक फोटो जमकर वायरल हो गया। इस फोटो के वायरल होने के बाद तरह -तरह के कायास लगाए जाने लगे। इस बीच राजगढ़ में टेम और सुठालिया बांध के मुद्दे पर प्रभावित किसानों के प्रतिनिधिमंडल की सीएम शिवराज सिंह से मुलाकात कराने के लिए पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह 21 जनवरी को धरने पर बैठ गए थे, इस धरने में शामिल होने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ भी पहुंचे थे। वहां पर दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों  के बीच जमकर गर्मागरम बहस हो गई। इस दौरान कमलनाथ पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह से कह रहे हैं कि चार दिन पहले जब हमारी आपसे मुलाकात हुई थी, तब तो आपने यह बात तो मुझे बताई ही नहीं। दिग्विजय ने कहा आपको बताने की जरूरत इसलिए नहीं थी कि हम तो डेढ़ महीने से समय मांग रहे हैं, अब सीएम से मिलने के लिए भी आपके जरिए समय मांगे हम लोग। कमलनाथ ने कहा ये तो सच है। बहरहाल इसके बाद कमलनाथ और दिग्विजय सिंह की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात भी हुई और सीएम ने उन्हें जांच का भरोसा भी दिलाया। इन नेताओं की मुलाकात के बाद बीते रोज पूर्व मंत्री उमंग सिंगार का ट्वीट सामने आया है। इसमें सिंगार ने लिखा है कि, तीन दिन  से मध्यप्रदेश में चल रहे हाई वोल्टेज पॉलिटिकल ड्रामे का पटाक्षेप, राजनेताओं को मर्यादित व शिष्टाचार की राजनीति करनी चाहिए शिवराज जी। सिंगार के इस ट्वीट के बाद सियासत चालू हो गई है। उनके इस ट्वीट को इशारों ही इशारों में तंज कसने के रूप में देखा जा रहा है। इधर कांग्रेस और भाजपा के नेता इस ट्वीट को अपने-अपने हिसाब से मायने निकालकर एक दूसरे पर हमलावर हो रहे हैं। फिलहाल तकरार वाले वीडियो के सामने आने के बाद यह तो तय हो गया है कि कांग्रेस के कुलीनों में अब भी रार जारी है। यह रार क्या गुल खिलाएगी यह तो आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन यह तो तय है कि कांग्रेस में एकता के किए जाने वाले दावे हवा हवाई ही हैं। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में जब कांग्रेस की कमलनाथ सरकार थी, तब कहा जाता था की पर्दे के पीछे रहकर सरकार को दिग्विजय सिंह ही चला रहे हैं।  उन्हें सुपर सीएम की तरह देखा जाता था, लेकिन जब सरकार पर संकट आया तो वे नाथ को सरकार न गिरने का भरोसा दिलात रहे और सरकार गिर गई। इसके बाद से सिंह व नाथ के बीच संबंध बिगड़ते गए। हालांकि इस मामले में पार्टी नेता उमंग सिंगार का बचाव करते हुए कहते हैं कि उनके द्वारा अपने ट्वीट में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधा है। वे शिवराज सिंह चौहान को नसीहत दे रहे हैं।  यही वजह है कि अब कांग्रेस कार्यकर्ता यह तलाश रहे हैं कि पार्टी का बंटाधार करने वाला असली नेता कौन है।
दिग्विजय और उमंग की नहीं बैठती है पटरी
उमंग के ट्वीट पर सियासत की बड़ी वजह है उनकी दिग्विजय सिंह के साथ पटरी नहीं बैठना। दोनों नेताओं को पार्टी में एक दूसरे का बड़ा विरोधी माना जाता है। प्रदेश में कमलनाथ सरकार में मंत्री रहते उमंग ने कहा था कि परदे के पीछे से दिग्विजय सिंह ही सरकार चला रहे हैं। इसके बाद उमंग सिंगार ने दिग्विजय सिंह पर भू माफिया और शराब माफिया को संरक्षण देने का आरोप तक लगाया था। उनके इस आरोप के बाद कांग्रेस में अंदरूनी कलह खुलकर सामने आ गई थी।
नाथ को नहीं दिग्विजय पर भरोसा : मिश्रा
पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ द्वारा सीएम शिवराज सिंह से मुलाकात पर गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने तंज कसते हुए कहा है कि  कमलनाथ को दिग्विजय सिंह पर भरोसा नहीं होगा, इसलिए उन्हें अकेले नहीं मिलने दिया। कमलनाथ की दिग्विजय सिंह के प्रति इतनी अविश्वसनीयता ठीक नहीं है । गृह मंत्री ने कहा कि सीएम से मिलने का समय दिग्विजय सिंह ने मांगा। डेढ़ महीने तक मिलने के लिए सभी जतन किये और जब मिलने का समय आया तो कमलनाथ साथ में लेकर मिलने पहुंच गए। यह तो यही बताता है कि कांग्रेस के इन दोनों वयोवृद्ध नेताओं के बीच परस्पर विश्वास का अभाव है। गृह मंत्री ने कहा कि यह अविश्वसनीयता दोनों की मित्रता पर भी प्रश्न चिन्ह लगाती है। वैसे सार्वजनिक रूप से तो यह दोनों अपनी मित्रता का दावा करते दिखते है लेकिन सच कुछ और दिख रहा है।