मप्र जाति छिपाने वालों पर कसने लगी नकेल

  • फर्जी जाति प्रमाण पत्र से नौकरी करने वालों की तेज हुई पड़ताल

भोपाल/मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। मप्र में जाति छिपाने वालों पर नकेल कसने की तैयारी शुरू कर दी गई है। इसके लिए फर्जी जाति प्रमाण पत्र से नौकरी करने वालों की पड़ताल शुरू हो गई है। फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाकर 16 इंजीनियर जल संसाधन विभाग में नौकरी कर रहे हैं। उधर, मछली पालन विभाग में 5 सहायक संचालकों के खिलाफ भी जांच शुरू हो गई है। आयुक्त अनुसूचित जाति से इंजीनियरों की सूची मिलते ही जल संसाधन विभाग ने चीफ इंजीनियरों से इनके रिकॉर्ड तलब किए है। उधर, भाजपा विधायक देवेंद्र वर्मा के मामले में मप्र हाई कोर्ट ने 90 दिन का अल्टीमेटम दिया है। इसके बाद खंडवा एसपी ने जांच की फाइल ढूंढने के निर्देश दिए हैं।  गौरतलब है कि प्रदेश में फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर सरकारी नौकरी पाने और पदोन्नति का लाभ उठाने का सिलसिला सालों से चल रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 2 हजार पदों पर अधिकारी और कर्मचारी फर्जी जाति प्रमाण पत्र के जरिए नौकरी कर रहे हैं। इनमें से 835 की खिलाफ तो विभिन्न पुलिस थानों एफआईआर दर्ज है। इनमें से 604 के खिलाफ न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया जा चुकी है। वहीं फर्जी जाति प्रमाण पत्र पर नौकरी करने के मामले में ग्वालियर जिले में 145, मंदसौर में 33, रतलाम में 50, निवाड़ी में 80, रीवा में 14, भोपाल में 323, सीहोर में 28, राजगढ़ में 50, विदिशा में 14 तथा गुना में 10 लोगों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज किए गए है।
16 इंजीनियर फर्जी जाति प्रमाण पत्र से कर रहे नौकरी
जांच में अब नया मामला जल संसाधन विभाग में 16 इंजीनियरों का सामने आया है। अनुसूचित जाति राज्य स्तरीय छानबीन समिति ने जल संसाधन  विभाग के 16 इंजीनियरों के जाति प्रमाण फर्जी और संदेहास्पद पाए गए हैं। इस संबंध में अपर संचालक अनुसूचित जाति संजय वार्ष्णेय ने जल संसाधन विभाग के उप सचिव को 12 जनवरी को पत्र लिखकर इनके विरुद्ध कार्रवाई करने को लिखा हैं। उक्त पत्र के मिलते ही जल संसाधन विभाग ने इन 16 इंजीनियरों का रिकॉर्ड संभागीय 7 मुख्यालयों से तलब किया है। संचालक मत्स्योद्योग ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी और पदोन्नति का लाभ उठाने के मामले में जीएडी का पत्र मिलने पर सहायक संचालक सीहोर किशनलाल मांझी, इंदौर के श्याम बिहारी सिंह, विदिशा के विभूति लाल मीना, सतना के नारायण प्रसाद रैकवार तथा खरगोन के ओम प्रकाश वर्मा के मामले पीएस को नोटशीट लिखकर मामले में कार्रवाई करने की अनुशंसा की है।
भाजपा विधायक की जाति की जांच शुरू
खंडवा से भाजपा विधायक देवेंद्र वर्मा के जाति प्रमाण पत्र के मामले में हाईकोर्ट के निर्देश के बाद जांच शुरू हो गई है। कांग्रेस नेता कुंदन मालवीय ने शिकायत की थी कि वर्मा आरक्षित सीट से चुनाव लड़े थे, जबकि इनकी जाति सिलावट है, जो कि एससी में आती है। इनके पिता किशोरीलाल भी सिलावट थे। छानबीन समिति में की गई शिकायत में देवेंद्र वर्मा के भाई-बहन के स्कूलों के दस्तावेज भी लगाए गए थे। छानबीन समिति ने इस मामले में 4 फरवरी 2021 को एसपी खंडवा से रिपोर्ट तलब की थी, लेकिन रिपोर्ट को पेंडिंग रखा गया। खंडवा एसपी विवेक सिंह का कहना है कि इस संबंध में जांच प्रतिवेदन मांगा गया था, दस्तावेजों की कमी के कारण भेजा नहीं जा सका।
इन इंजीनियरों के खिलाफ मामला
जल संसाधन विभाग में अधीक्षणयंत्री मनोहरलाल कुमावत, कुबेर प्रसाद बागरी, कार्यपालन यंत्री भागचंद कोरी, हरिकिशन मालवीय, रघुवीर सिंह तथा सहायक यंत्री श्यामलाल मालवीय, शिवशंकर प्रजापति, राजकुमार प्रजापति, दयाराम कहार, अशोक कुमार मेहरा, विनोद बावने, प्रमोद कुमार मालखेड़े, मोहम्मद खालिद, अनिल कुमार गढ़वाल, आशाराम सिंह किरार तथा श्यामकुमार मेहरा का नाम शामिल हैं। जल संसाधन विभाग के प्रशासनिक अधिकारी ओपी गुप्ता का कहना है कि आयुक्त अनुसूचित जाति से इन इंजीनियरों की सूची मिलने के बाद फील्ड में पदस्थ अधिकारियों के संबंध में चीफ इंजीनियर कार्यालय से इनका रिकॉर्ड मांगा गया है। रिकॉर्ड मिलने पर परीक्षण के बाद इनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।