भाजपा के विष्णुदत्त 24*7 उपलब्ध

  • सामर्थ और सेवा के दो वर्ष

भोपाल/मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। मध्यप्रदेश ऐसा

राज्य है, जहां पर भाजपा के पितृ पुरुष कहे जाने वाले कुशाभाऊ ठाकरे से लेकर राजमाता सिंधिया सहित कई दिग्गज नेताओं ने पार्टी को पल्लबित और पुष्पित करने में अपना योगदान दिया है। यही वजह है कि पार्टी में मप्र के संगठन को सबसे बेहतर माना जाता है। प्रदेश के संगठन की दुहाई पार्टी के बड़े नेताओं द्वारा दूसरे राज्यों के संगठन को दिया जाता है। समय के साथ पार्टी में भी बड़े बदलावों के रास्ते पर चलाने का तय किया गया। इस चुनौती भरे समय में जब  राष्ट्रीय सवयं सेवक संघ के प्रचारक के रुप में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद को गढ़ने में अपना योगदान देने वाले वीडी शर्मा को पार्टी ने प्रदेश की कमान दी तो कई तरह के कयासों का दौर शुरू हो गया था, लेकिन जल्दी ही उन्होंने न केवल सभी आशंकाओं को निर्मूल साबित कर दिया बल्कि संगठन को नए सिरे से मजबूती प्रदान करने के लिए उसका नया ढांचा तक खड़ा कर दिया। इसके बाद तो उनके द्वारा न थकेंगे और न हारेंगे वाले मंत्र पर चलते हुए सांगठनिक गतिविधियों को नया आयाम देने की जो मुहिम शुरू की गई वह अनवरत रुप से जारी है।
खास बात यह है कि वीडी द्वारा सांगठनिक गतिविधियों में नवाचार करते हुए उसे जनसरोकारों से जोड़ दिया। उनकी संघ शिक्षा का असर ही है कि वे अपने से पूर्व कई प्रदेश अध्यक्ष रहे पार्टी नेताओं पर भारी पड़ रहे हैं। इसकी वजह है उनका कामकाज उम्मीदों से अधिक अच्छा रहना। उन्हें जब प्रदेश की कमान दी गई थी, तब पार्टी प्रदेश की सत्ता से न केवल बाहर थी, बल्कि संगठन में अमूलचूल परिवर्तन की चुनौती उनके सामने थी। उनके प्रदेश की कमान सम्हालने के एक माह बाद ही राजनीति ने ऐसी करवट बदली की प्रदेश की सत्ता में एक बार फिर से पार्टी की वापसी हो गई, जिसकी वजह से उन्हें पार्टी के लिए शुभ माना जाने लगा। इसके बाद तो वे चरेवैती के उस पथ के राहगीर बनते नजर आने लगे जो अपने लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ता है। उनका यह लक्ष्य संगठन को बेहद मजबूत बनाने से लेकर पार्टी के दूर दराज इलाके में रहकर मेहनत करने वाले कर्मठ कार्यकर्ता को श्रेय दिलाकर आगे लाने का है। यही वजह है कि प्रदेश में बूथ के कार्यकर्ता से लेकर वे मंडल तक के कार्यकर्ताओं से संवाद और संपर्क का अभियान लगातार जारी रखे हुए हैं। भाजपा में समर्पित व निष्ठावान कार्यकर्ताओं को आगे लाने की पंरपरा रही है। यही वजह है कि उनकी इन्ही विशेषताओं को देखते हुए बीते लोकसभा चुनाव 2019 के उस चुनावी सभा की याद आ जाती है, जब तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने मंच से कहा था कि विष्ण दत्त शर्मा भविष्य में भाजपा के बड़े नेता बनेंगे। यह घोषणा उनके द्वारा तब की गई थी जब वीडी शर्मा लोकसभा चुनाव के प्रत्याशी थे। उनके द्वारा छात्र जीवन से ही किए गए समर्पण के दो दशकों से अधिक समय को बतौर प्रदेशध्यक्ष बनाकर 15 फरवरी 2020 को सम्मान दिया गया। अब उनके प्रदेशाध्यक्ष का तीसरा कार्यकाल शुरू हो गया है। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के लिए अवसर तलाशने और उसके कार्ययोजना तैयार करने का श्रेय भी उन्हें ही जाता है। प्रदेश में पार्टी की सत्ता में वापसी कराने के तत्काल बाद कोरोना जैसी महामारी ने दस्तक दे दी। इस गठिन समय में जब सरकार से लेकर आम आदमी तक परेशान था जब उनके द्वारा राजनीति को सेवा का माध्यम बनाते हुए कार्यकर्ताओं को जन सहयोग देने के लिए मैदान में उतारने का अहम काम कर दिया गया। कोरोना महामारी का यह वो समय था जब देश में पूरी तरह से लॉकडाउन लगाया गया था। इसकी वजह से पूरे देश में बेहद डरावना मौहाल बना हुआ था। जिससे देशभर में बड़े पैमाने पर मजदूरों में पलायन शुरू हो गया। इसकी वजह से लोग अपनी रोजमर्रा की जरूरतों के साथ-साथ भोजन राशन तक के लिए परेशान थे, तब प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने सेवा ही संगठन अभियान की शुरूआत करते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं के माध्यम से तीन माह तब अनवरत रुप से जरूरतमंदों की मदद पहुंचाने का काम किया। इस दौरान भोजन हो, सूखा राशन हो, मास्क हो, सैनिटाइजर हो, आवागमन व्यवस्था हो या चिकित्सा सुविधा, भाजपा का पूरा प्रदेश संगठन 24 घंटे लोगों की सेवा में जुट गया। यह वो समय था जब प्रदेश में बीडी शर्मा की पहल पर भाजपा कार्यकर्ता जनसेवा कर रहे थे , तो वहीं विपक्ष इस कठिन समय मे भी चुनाव केंद्रित राजनीतिक तमाशाई बनकर आम लोगों के दुख-दर्द से बेपरवाह रहकर सियासी तिकड़मों में लगा हुआ था। दरअसल छात्र जीवन से संघ से संस्कारित हुए वीडी के जीवन पर पं. दीनदयाल उपाध्याय के उस वाक्य सूत्र का असर ऐसा हुआ की वे सत्तारुढ़ दल के प्रदेशाध्यक्ष होने के बाद भी उस पर चलने को ही अपना लक्ष्य मानकर अमल कर रहे हैं। दरअसल पं दीनदयाल का सपना उस अंतोदय का रहा है, जिसमें उनके द्वारा अंतिम पंत्ति के अंतिम व्यक्ति की सहायता के रुप में देख गया था। यही वजह है कि उनके संगठन से लेकर निजी कामकाज में इसी महान भाव की झलक दिखाई देती है। उनके द्वारा अब संगठन में प्रदेश स्तर पर नई कार्यशैली का भी विकास किया गया है।