कमल बने कांग्रेसियों के लिए कड़कनाथ

बैठक में नेता आपस में भिड़े, जमकर चले आरोप प्रत्यारोप के तीर.

भोपाल/मनीष द्विवेदी।मंगल भारत। प्रदेश में आगामी आम विधानसभा चुनाव में अब करीब डेढ़ साल का समय ही रह गया है ऐसे में प्रदेश में अभी से भाजपा व कांग्रेस चुनावी तैयारियों में लग गई हैं। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने भी मिशन 2023 के लिए अब पूरा फोकस संगठन की मजबूती पर किया हुआ है। यही वजह है कि जिलाध्यक्षों की बैठक में कमलनाथ के तेवर कड़कनाथ के रुप में दिखाई दिए। इस दौरान उनके द्वारा जहां लापरवाहों को इस्तीफा देने की चेतावनी दी तो वहीं  सबसे अच्छा काम करने वाले जिलाध्यक्षों को पुरस्कृत करने की भी घोषणा की गई।
राष्ट्रीय महासचिव व प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक,सह प्रभारी संजय कपूर, सीपी मित्तल और सुधांशु त्रिपाठी, संगठन चुनाव के पीआरओ रामचंद्र खूटिया और कमलनाथ मौजूदगी के बाद भी इस बैठक में एक बार फिर नेताओं के बीच जारी आदावद खुलकर सामने आ गई। इस दौरान कई नेताओं ने एक दूसरे पर जमकर आरोप प्रत्यारोप के तीर चलाए , तो वहीं नरसिंहपुर जिलाध्यक्ष ने मंडलमं-सेक्टर के प्रदेश प्रभारी एनपी प्रजापति तक पर मनमानी के आरोप लगा दिए। हद तो यह हो गई जब बैठक में नरसिंहपुर के जिला कांग्रेस अध्यक्ष मैथिलीशरण तिवारी ने खुलासा किया कि वे जिलाध्यक्ष हैं, लेकिन उनसे हस्ताक्षर कराए बिना ही जिले में कमेटी बनाकर प्रदेश प्रभारी एनपी प्रजापति ने मंजूर कर ली। हद तो यह हो गई की मुझे इसकी जानकारी देना तक मुनासिब नहीं समझा गया। जिसकी वजह से उन्हें यह भी पता नहीं है कि कौन सा मंडलम बन रहा है और कौन सा सेक्टर बन रहा है।
जब प्रदेश प्रभारी के गृह जिले में यह हालत हैं, तो अन्य जिलों के हालात समझे जा सकते हैं। बात यही समाप्त नही हुई बल्कि पार्टी के लिए बेहद अहम माने जाने वाले ग्वालियर -चंबल इलाके के  मुरैना जिलाध्यक्ष व विधायक राकेश मावई और मप्र किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गुर्जर भी इसी तरह के मामले में आपस में न केवल भिड़ गए , बल्कि एक दूसरे पर कई गंभीर आरोप प्रत्यारोप भी लगाने से पीछे नही रहे। मंडलमं-सेक्टर के गठन में लगातार देरी की वजह से कमलनाथ बेहद नाराज दिखे। उन्होंने इस दौरान जिलाध्यक्षों को चेतावनी देते हुए कहा कि 25 फरवरी तक हर हाल में मंडलम-सेक्टर का गठन हो जाना चहिए, जिस जिले में काम नहीं होगा उस जिले का अध्यक्ष स्वयं ही 26 फरवरी को इस्तीफा दे दें। जिन जिलों में नियुक्तियां नहीं होंगी, उनके जिला अध्यक्षों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। हम मंडलम-सेक्टर के दम पर ही चुनाव जीतेंगे। उन्होंने कहा कि सबसे  ज्यादा सदस्यता करने वाले तीन जिला अध्यक्षों को पीसीसी द्वारा सम्मानित भी किया जाएगा। बैठक में सदस्यता अभियान की समीक्षा करते हुए नाथ ने कहा कि इस अभियान को गंभीरता से लें। 31 मार्च तक संगठन द्वारा तय किए गए 50 लाख सदस्य बनाने के लक्ष्य को हर हाल में पाया जाना है। इसके लिए बूथ पर कम से कम 100 सदस्य बनाए जाएं। इसमें पूरी ईमानदारी बरतें।

 बैठक से दिग्विजय सिंह व अरुण यादव ने बनाई दूरी
पार्टी की  इस बेहद महत्वपूर्ण बैठक में पूर्व सीएम  दिग्विजय सिंह और पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव नहीं पहुंचे । इन दोनों ही नेताओं द्वारा बैठक से दूरी बनाए रखने को पार्टी में व्याप्त गुटबाजी के रुप में देखा जा रहा है। दरअसल यादव और नाथ के बीच जारी आदावद तो जगजाहिर है , लेकिन दिग्विजय सिंह के न आने को भी अब नाथ व उनके बीच सबकुछ ठीक नहीं चलने की पहले से आ रही खबरों की पुष्टि के रुप में देख जा रहा है। यह बैठक संगठन की द़ृष्टि से कितनी महत्वपूर्ण थी इससे ही समझा जा सकता है कि इसमें प्रदेश प्रभारी वासनिक से लेकर सह प्रभारी संजय कपूर, सीपी मित्तल और सुधांशु त्रिपाठी, संगठन चुनाव के पीआरओ रामचंद्र खूटिया, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कांतिलाल भूरिया ,सुरेश पचौरी व पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह मौजूद थे। इस मामले में  नाथ का कहना हे कि सिंह का पहले से खरगोन जाने का कार्यक्रम था और उन्होंने इसकी सूचना दे दी थी। वहीं, यादव खंडवा में हैं।

चुनाव कार्यक्रम घोषित
प्रदेश कांग्रेस चुनाव के पीआरओ रामचंद्र खूटिया ने चुनाव कार्यक्रम घोषित करते हुए बताया कि अगस्त में प्रदेशाध्यक्ष का चुनाव हो जाएगा। उन्होंने बताया कि चक्रवर्ती शर्मा, तरुण त्यागी और क्रांति शुक्ला को एपीआरओ बनाया गया है। शुक्ला के पास ग्वालियर, चंबल और बुंदेलखंड के 25 जिलों का प्रभार रहेगा। तरुण त्यागी के पास भोपाल, छिंदवाड़ा, जबलपुर सहित 22 जिलों का प्रभार है। चक्रवर्ती शर्मा के पास उज्जैन, मंदसौर, इंदौर, धार, झाबुआ सहित 21 जिलों का प्रभार है। खूटिया के मुताबिक 31 मार्च को सदस्यता समाप्त होने के बाद 1 से 15 अप्रैल के बीच प्रतियोगियों की सूची का प्रकाशन होगा। इसके बाद 16 अप्रैल से 31 मई तब अध्यक्ष, प्राथमिक समितियों की कार्यकारिणी और ब्लॉक कमेटियों का चुनाव होगा। 1 जून से 20 जुलाई तक जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और कोषाध्यक्ष का चुनाव और  होगा। 21 जुलाई से 20 अगस्त तक पीसीसी जनरल बॉडी द्वारा पीसीसी अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, कोषाध्यक्ष और पीसीसी कार्यकारिणी तथा एआईसीसी सदस्यों का चुनाव होगा।

डिजिटली भी बनाए जाएंगे सदस्य
बैठक में डिजिटल मेंबरशिप के राष्ट्रीय प्रभारी के राजू ने इस संबंध में जिलाध्यक्षों को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह बहुत ही आसान है। इसके लिए प्रत्येक मतदान केन्द्र पर एक कार्यकर्ता की नियुक्ति की जाएगी। वह मोबाइल एप के माध्यम से सदस्य बनाएगा और उसकी जानकारी केन्द्रीय संगठन को देगा।  प्रत्येक सदस्य का सत्यापन भी किया जाएगा। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी मुकुल वासनिक ने कहा कि मेंबरशिप फॉर्म में जाति का उल्लेख किया गया है, इसके हमारे पास जनरल, ओबीसी, एससी, एसटी वर्ग का जातिवार डाटा एकत्रित हो जाएगा।