भाजपा के 5 दर्जन विधायक संगठन के निशाने पर

  • राव ने दी नसीहत, लगाई फटकार

भोपाल/मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। भाजपा संगठन

द्वारा लगाई गई क्लास के पहले ही दिन संगठन के निशाने पर पांच दर्जन से अधिक विधायक निशाने पर आ गए। इनमें शिव सरकार के नौ मंत्री भी शामिल हैं। यह वे विधायक हैं जो ,संगठन के बार -बार निर्देश के बाद भी पार्टी द्वारा चलाए गए बूथ विस्तारक अभियान में मुंह दिखाई तक ही सीमित बने रहे। इन विधायकों को प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव की न केवल नसीहत का सामना करना पड़ा बल्कि, उनकी फटकार से भी दो चार होना पड़ा है। अब उनसे साफ- साफ कह दिया गया है कि या तो वे संगठन के हिसाब से सक्रियता दिखाएं या फिर आराम करें। इस दौरान उनके सामने संगठन की तरफ से बूथ विस्तारक योजना के अलावा समर्पण निधि का रिपोर्ट कार्ड भी रखा गया। संगठन के निशाने पर रहने वालों में कुछ सांसद भी शामिल हैं। दरअसल निशाने पर रहने वाले विधायकों ने संगठन के निर्देश के बाद भी अपने इलाके के बूथों पर तय दस दिन की अवधि तक सक्रियता ही नहीं दिखाई। इसी तरह से इन दो कार्यक्रमों में से किसी एक में पीछे रहने वाले विधायकों की संख्या करीब 90 रही है। यानि की महज 37 विधायक ही संगठन के कामकाज पर खरे उतरे हैं।
प्रदेश में भाजपा के विधायकों की संख्या 127 है। इन विधायकों व सांसदों को प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव ने हिदायत देते हुए कहा है कि कुछ मंत्री-विधायक कहते हैं कि हमको अभियान और कार्यक्रमों से फुरसत नहीं मिलने देते हैं। यह साफ है कि अगर किसी को विश्राम लेना है तो अभी ले लो। बहुत कार्यकर्ता दौड़ने  के लिए खड़े हैं। उन्होंने कहा कि बूथ डिजिटलाइजेशन में मप्र देश में सबसे आगे हंै , लेकिन इसके बाद भी यह भी देखना होगा कि कुछ विधानसभा में बूथ का काम 80 फीसदी से कम क्यों है।
हमें अधूरे काम को पूरा करना होगा। खास बात यह है कि कामकाज में खरे नहीं उतरने  वाले विधायकों व मंत्रियों को जिस समय नसीहत दी जा रही थी उस समय बैठक में सीएम शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर, ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रहलाद पटेल, वीरेंद्र कुमार भी मौजूद थे। 150 करोड़ रुपए समर्पण निधि (फंड) संग्रह के लक्ष्य में पिछड़े पर राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश और प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव ने नाराजगी जताते हुए कहा कि यह केवल निधि संग्रह नहीं बल्कि मत संग्रह भी है। संगठन को सर्वोपरि बताते हुए उन्होंने कहा कि मंत्री को जिलाध्यक्ष की बात माननी पड़ेगी। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि डिजिटल अभियान में फर्जीवाड़ा नहीं हो सकता है। ये सामने आया है कि 64 विधायक दस दिनों तक नहीं गए। जब मैं जा सकता हूं तो बाकी क्यों नहीं गए। यह जवाब दीजिए। अपनी मानसिकता बदलो। जो नहीं गए वो 5 दिन में जाओ। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि बूथ डिजिटलाइजेशन का काम कार्यकर्ताओं ने फौज की तरह किया है। अब 2023 मिशन दूर नहीं है। समय निकलते देरी नहीं लगती है। बैठक में सोशल मीडिया पर विपक्ष के मुद्दे उठाने पर संगठन की ओर से त्वरित और ठोस जवाब देने की जरूरत बताई गई। इसी तरह से  मंत्रियों के यहां सुनवाई न होने पर नाराजगी भी सामने आई। राव ने कहा कि पदाधिकारियों से बड़ा कोई मंत्री नहीं। मंत्री कार्यकर्ता की बात सुनें।
50 सीटों पर रहेगा फोकस
राव ने कहा कि हमने 50 हारने वाली सीटें चिन्हित की है। एक साल इन सीट पर फोकस किया जाएगा। आपको क्षेत्र में कसम खिलाकर भेजा जाएगा। 50 फीसदी वोट शेयर करना है। इसके लिए विधायकों को बूथ तक समन्वय रखना होगा। बूथ विस्तार अभियान के बारे में कहा कि यह हमारे लिए एक परीक्षा की तरह था, लेकिन हमने योजना के अनुसार काम किया। वहीं वीडी शर्मा ने कहा कि अभियान के दौरान कार्यकर्ता उन परिवारों, समाजों और वर्गों तक पहुंचे जहां पहले हमारा जाना नहीं हुआ था।
शिव प्रकाश व सीएम ने भी दी नसीहत
राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश बोले कि सांसद-विधायक बनने के बाद सोचने लगते है कि ये काम हमारा नहीं है। यह तो जिला प्रभारी, जिलाध्यक्ष और मंडल अध्यक्ष करेंगे। ऐसा भाव नहीं आए। संगठन महामंत्री ने पन्ना प्रभारियों की नियुक्ति न होने पर नाराजगी जताई। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि संगठन विस्तार के लिए काम करना हमारा दायित्व है। उन्होंने कहा कि मैं भले मुख्यमंत्री हूं, लेकिन मेरा असली पद कार्यकर्ता का है। मैं भी संगठन के विस्तार और बूथ के सशक्तिकरण के लिए अभियान के दौरान जिलों में गया।
सिंधिया का दिखा  क्रेज
प्रदेश कार्यालय में दिग्गज नेताओं ने अलग से भी बैठक की। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी बैठक के लिए कार्यालय पहुंचे। सिंधिया का के्रज और प्रभाव साफ दिखा। कार्यकर्ताओं से लेकर नेता तक सिंधिया से मिलने की मशक्कत में रहे। सिंधिया ने शिवप्रकाश, मुरलीधर राव, वीडी शर्मा, प्रहलाद पटेल सहित अन्य नेताओं के साथ अलग से चर्चा भी की। माना जा रहा है कि इसमें सियासी चर्चा हुई।
अब संघ के अनुषांगिक संगठन होंगे सक्रिय
मध्यप्रदेश में 10 फीसदी जनाधार बढ़ाने और मिशन 2023 की तैयारी में जुटी भाजपा की इस मुहिम में परोक्ष रूप से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अनुषांगिक संगठन भी पूरी मदद करेंगे। बीते विधानसभा चुनाव 2018 के नतीजों के चलते यह कदम उठाया जा रहा है। बीते चुनाव में भाजपा को सरकार बनाने लायक बहुमत नहीं मिल पाया था। इसलिए बूथ स्तर पर 10 फीसदी वोट बढ़ाने का लक्ष्य तय किया गया है। भाजपा ने बूथ स्तर पर सभी छोटे-बड़े नेताओं को भेजकर यह बूथ विस्तार अभियान की मुहिम चलाई है। लेकिन पार्टी का यह भी मानना है कि मैदानी स्तर पर इस मुहिम को सफल बनाने में संघ के अनुषांगिक संगठन ज्यादा मददगार साबित होंगे। इसके लिए विद्याभारती, किसान संघ, वनवासी कल्याण परिषद और भारतीय मजदूर संघ जैसे संगठनों की मदद भी ली जाएगी। हाल ही में संघ और भाजपा के बीच समन्वय बैठक में भी यह मुद्दा उठा था, उसके बाद इस मुद्दे पर मदद की अपेक्षा की गई है।