यूपी चुनाव के बाद सूबे को मिल सकते हैं चार नए मंत्री

भोपाल।मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। मप्र में विधानसभा

के आम चुनाव होने में अब महज डेढ़ साल का ही समय रह गया है, ऐसे में अब सूबे के मंत्रिमंडल विस्तार के कयास लगने शुरू हो गए हैं। इन कयासों को बल मिलने की वजह है हाल ही में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा द्वारा अपनी टीम में 5 नए पदाधिकारियों की नियुक्ति की जाना। खास बात यह है कि इन पदाधिकारियों की नियुक्ति के लिए प्रदेश संगठन को न केवल पार्टी संविधान में संशोधन करना पड़ा , बल्कि राष्ट्रीय नेतृत्व से विशेष अनुमति भी लेनी पड़ी है। दरअसल जिन लोगों को नया पदाधिकारी बनाया गया है उनमें संघ व श्रीमंत के पसंद के नेता शामिल हैं। इसके साथ ही माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार में जिन चार चेहरों को शामिल किया जाएगा उनमें श्रीमंत , संघ और संगठन के अलावा मुख्यमंत्री की पसंद का एक-एक चेहरा शामिल हो सकता है। दरअसल प्रदेश में कुल 35 मंत्री बनाए जा सकते हैं , जिनमें से मुख्यमंत्री सहित 31 पद भरे हुए हैं। इन चार पदों के लिए प्रदेश में आधा दर्जन से अधिक ऐसे चेहरे दावेदार बने हुए हैं , जो न केवल बेहद वरिष्ठ हैं , बल्कि पूर्व में भी मंत्री रह चुके हैं। माना जा रहा है कि उप्र विधानसभा के चुनाव परिणाम आने के बाद प्रदेश में मंत्रिमंडल का विस्तार किया जा सकता है। इस विस्तार में खासतौर पर क्षेत्रीय संतुलन को साधने का प्रयास किया जा सकता है। इसकी वजह है अभी भी विंध्य व महाकौशल का इलाका इस मामले में पीछे  है, जिसकी वजह से इन दोनों ही अंचलों से मंत्रिमंडल में जगह देने की मांग लगातार उठ रही है। जो विधायक मंत्री पद के दावेदार बने हुए हैं उनमें अजय विश्नोई, राजेन्द्र शुक्ला, केदार शुक्ला, नागेंद्र सिंह, संजय पाठक ,रामपाल सिंह, पारस जैन, महेंद्र हार्डिया, सीतासरन शर्मा और यशपाल सिंह सिसोदिया के नाम प्रमुख रुप से शामिल हैं।
दोनों पूर्व संगठन मंत्रियों को मिली जगह  
प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की टीम में संगठन के संविधान के अनुसार उपाध्यक्ष और मंत्री पद पर 12-12 नेताओं की नियुक्ति पहले ही हो चुकी थी। संगठन के  ताजा हुए विस्तार में दो पूर्व संभागीय संगठन मंत्री केशव भदौरिया और श्याम महाजन भी हैं। श्रीमंत के करीबी माने जाने वाले पूर्व विधायक बृजराज सिंह चौहान और क्षितिज भट्ट को भी संगठन में शामिल किया जाना था। पूर्व विधायक नागर सिंह चौहान को संगठन में उपाध्यक्ष बनाने के पीछे पार्टी की आदिवासी अंचल के समीकरण साधने की मंशा दिख रही है। पूर्व भाजपा अध्यक्ष प्रभात झा के कार्यकाल में भी चौहान प्रदेश मंत्री रह चुके हैं। इस विस्तार के साथ ही प्रदेश अध्यक्ष  ने सांसद गजेंद्र सिंह पटेल को प्रदेश उपाध्यक्ष पद से मुक्त कर दिया है। वे राष्ट्रीय अजजा मोर्चा में पदाधिकारी बनाए जा चुके हैं।  एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत के तहत संगठन ने एक यह पद खाली करा लिया है।