33 सौ लोगों के साथ हुई 5 लाख की साइबर ठगी

33 सौ लोगों के साथ हुई 5 लाख की साइबर ठगी


मप्र ऐसा राज्य बन चुका है जहां पर साइबर ठगी में तेजी से वृद्वि हो रही है, हालांकि पुलिस द्वारा लगातार ऐसे मामलों में कार्रवाई की जा रही है , लेकिन इसके बाद भी इस तरह के अपराध पर लगाम नहीं कसी जा पा रही है। सरकारी आंकड़ों को देखें तो मप्र में बीते चार सालों में प्रदेश की एक साल की कुल जीडीपी की तुलना में यानि की 5 लाख 54 हजार करोड़ की ठगी हो चुकी है। इनमें भी 33 सौ लोग तो ऐसे हैं ,जिनके बैंक खातों को ही खाली कर दिया गया है। इस बीच पुलिस ने भी कार्रवाई करते हुए पीड़ितों को 64 हजार करोड़ रुपए वापस दिलाने में सफलता पाई है। इस मामले में जहां वर्ष 19 व 20 में कमी आयी थी , लेकिन बीते साल इस तरह के अपराधों में अचानक से 30 फीसदी की वृद्वि हुई है। यही नहीं इस साल अभी नए साल के दो माह में ही इस तरह के अपराध के 85 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। इन तेजी से बढ़ते अपराधों पर रोक के लिए अब पुलिस द्वारा भी कई तरह के कारगर कदम उठाए जा रहे हैं।

अपनी ही सरकार में अपराधी से खौफजदा हैं भाजपा  विधायक
भाजपा के एक विधायक ने ही अपनी सरकार के कानून व्यवस्था की पोल खोल दी है। यह विधायक है विदिशा जिले के सिरोंज विधानसभा क्षेत्र के उमाकांत शर्मा। उन्होंने अपने इलाके की पुलिस की पोल खोलते हुए पुलिस की अपराधियों से सांठगांठ को उजागर करते हुए विधानसभा में यहां तक कह दिया कि उनकी जान को एक जिला बदर अपराधी से खतरा बना हुआ है। वह खुलेआम धमकी दे रहा है की गोली मार देगा। उन्होंने सिरोंज के जिला बदर अपराधी बनने बेलदार के मामले में भी गलत जानकारी सदन में देने का भी आरोप लगाया। उन्होंने सदन में दिए गए उत्तर को गलत बताते हुए कहा कि मुझे दिए उत्तर में कहा गया कि कोई अपराधी जिला बदर क्षेत्र के अंदर नहीं रह रहा है, जबकि मुरवास थाने के 3 जिला बदर अपराधी भोपाल में नियमित रूप से रह रहे हैं और लटेरी आते जाते रहते हैं। उन्होंने यहां तक कहा कि बेलदार सिरोंज टीआई की मिलीभगत से तहसील व थाने से लेकर सभी सरकारी दफ्तरों में बैठा रहता था , लेकिन पुलिस उस पर कार्रवाई तक नहीं करती थी।

बोले कमलनाथ: शिवराज घोषणाओं पर नहीं होता अमल
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का कहना है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सिर्फ घोषणाएं ही करते हैं, उनकी घोषणाओं पर अमल ही नहीं किया जाता है। उन्होंने यह आरोप मुख्यमंत्री द्वारा आज बिजली बिल व डिफॉल्टर किसानों का ब्याज भरने संबंधी घोषणा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए लगाया है। नाथ का कहना है कि शिवराज द्वारा घोषणाएं तो पिछले 17 वर्षों से की जा रही हैं, लेकिन क्रियान्वयन हो तो बात है। उन्होंने उमा भारती के पत्थर फेंकने के सवाल पर कहा कि यह उमा जी का स्टाइल है कि वे कैसे विरोध करें, उनको यह शोभा देता है तो ठीक है? इस मामले में तो उनकी पार्टी और सरकार को ही तय करना है। सीएम शिवराज के सदन में उनकी उपस्थिति पर सवाल उठाने पर कमलनाथ ने कहा कि मैं अभी छिंदवाड़ा से आ रहा हूं , मुख्यमंत्री चाहते हैं कि मैं बैठकर उनके झूठ व झूठी घोषणाएं सुनू, उनकी नौटंकी देंखू ,यह मुझे स्वीकार नहीं है। सदन में मेरी पूरी पार्टी की मौजूदगी रहती है और वे सभी हमारे  साथी है।  सदन में पार्टी का पक्ष रखने में सक्षम भी हैं।

शत प्रतिशत बस्तियों में संघ के विस्तार का लक्ष्य
कोरोना काल समाप्त होते ही अब संघ का पूरा फोकस अपने काम के विस्तार पर लग गया है।  इसकी पहल स्वयं राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख डॉ मोहन भागवत ने की है। उनके द्वारा हाल ही में शहरी क्षेत्रों की बस्तियों में संघ का कामकाज और शाखाओं की संख्या तेजी से बढ़ाने का आव्हान किया गया है। दरअसल फिलहाल देश में अभी 45 फीसदी बस्तियों में ही संघ का काम है। यही वजह है कि सौ फीसदी बस्तियों में संघ के काम के लिए दो साल का लक्ष्य तय किया गया है। संघ प्रमुख ने इस आव्हान के साथ ही कहा है कि हमारा उद्देश्य संख्यात्मक आंकड़े अथवा ताकत वृद्वि करना नहीं है , बल्कि इसका उद्देश्य समाज की आंतरिक शक्ति को बढ़ाना है। गौरतलब है कि 2025 में संघ का शताब्दी वर्ष है, इसलिए  संघ ने कई कार्यक्रम हाथ में लिए हैं।