सवा करोड़ लोगों को मिलेगा शिव का अमृत

  • शिवराज का चुनावी मास्टर स्ट्रोक

    भोपाल/मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। तेरा तुझको

  • अर्पण क्या लागे मेरा की तर्ज पर काम करने वाले सूबे के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने एक बार फिर अपने पिटारे से लोगों को राहतों का तोहफा देने का काम शुरू कर दिया है। यह तोहफे ऐसे समय दिए जा रहे हैं , जब प्रदेश में अगले साल विधानसभा के आम चुनाव होने हैं। उनके द्वारा बीते रोज की गई घोषणाओं से प्रदेश के करीब सवा करोड़ लोगों को सीधा फायदा होना तय है। इनमें 88 लाख विद्युत उपभोक्ता तो 30 लाख आवासहीन लोग शामिल हैं। अगर इनमें किसानों व अन्य योजनाओं के लाभार्थियों की संख्या को शामिल कर लिया जाए तो यह आंकड़ा करीब दो करोड़ के आसपास पहुंच जाता है। प्रदेश में इतने लोगों को एक साथ राहत मिलना राजनैतिक रुप से बड़े फायदे के रुप में देखा जा रहा है। इसका असर डेढ़ साल बाद होने वाले विधानसभा चुनावों के परिणामों पर पड़ना तय है। खास बात यह है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस तरह की घोषणाएं ऐसे समय की गई हैं, जबकि प्रदेश के सरकारी खजाने की हालत अच्छी नहीं है। सरकार को लगभग हर साल करीब 50 हजार करोड़ रुपए का नया कर्ज लेना पड़ रहा है। फिलहाल इन घोषणाओं को शिव के चुनावी मास्टर स्ट्रोक के रुप में देखा जा रहा है, हालांकि इसका कितना फायदा होगा या नुकसान इसका पता तो अगले साल चुनाव परिणाम आने पर ही चल सकेगा। शिवराज द्वारा की गई किसान कर्ज माफी की योजना को मास्टर स्ट्रोक के रुप में देखे जाने की अपनी वजह है। दरअसल कमलनाथ सरकार ने अपने चुनावी घोषणापत्र में किसानों से कर्ज माफी की थी , जिसकी वजह से किसानों ने कर्ज का भुगतान नहीं किया और उनका कर्ज भी माफ नहीं किया। इसकी वजह से उन पर ब्याज का भार बढ़ गया और वे डिफाल्टर की श्रेणी में आ गए। अब उनके कर्ज के ब्याज की राशि का भुगतान सरकार करेगी। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोनाकाल के उपभोक्ताओं के बिजली बिल भी माफ किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि 88 लाख उपभोक्ताओं के 6 हजार 400 करोड़ रुपए माफ किए जाएंगे। राज्यपाल के अभिभाषण पर हुई चर्चा का उत्तर देते हुए मुख्यमंत्री ने घोषणाओं की झड़ी लगा दी। सीएम ने कांग्रेस सरकार की कर्ज माफी योजना को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि पहले दो लाख का कर्ज माफ करने की बात कही पर बाद में उसमें कई किन्तु-परन्तु लगा दिए। कर्ज माफ होने के चक्कर में कई किसानों ने व्याज ही नहीं भरा और वे डिफाल्टर हो गए। उन्होंने कहा कि ऐसे किसानों का ब्याज का बोझ उतारने का काम भाजपा की सरकार करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने कोरोना काल में बिजली के बिल की वसूली स्थगित कर दी थी। इसके बाद समाधान योजना लाकर इन्हें किश्तों में जमा करने की सुविधा दी थी। अब विधानसभा के सदस्यों की राय पर कोरोनाकाल के बिजली बिल माफ किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि जिन 48 लाख उपभोक्ताओं ने 189 करोड़ बिजली के बिल के रूप में भरे थे, उन सभी की राशि का समायोजन आगामी बिजली बिलों में किया जाएगा।
    यह सौगातें भी देने की घोषणा
    सीएम शिवराज ने कई अन्य तरह की सौंगातें देने की भी घोषणाएं की हैं। इनमें मुख्यमंत्री कन्यादान योजना फिर से धूमधाम से प्रारंभ करने के साथ ही लाड़ली लक्ष्मी योजना को री-डिजाइन कर योजना में जिनके नाम काटे गए नामों को फिर  से जोड़ना तक शमिल हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री ने रामनवमी पर्व पूरे प्रदेश में धूमधाम से मनाने, इंदौर-भोपाल में महिला इंडस्ट्रियल पार्क बनाने , मप्र में सरकारी नौकरियां दने का लक्ष्या एक लाख करने , माफिआओं से मुक्त कराई गई जमीन पर गरीबों के मकान बनेंगे। इसके लिए उन्हें पट्टे देने की घोषणाएं भी शामिल हैं।
    गरीबोंं की छत के लिए दस हजार करोड़
    मुख्यमंत्री ने इस दौरान कहा कि उनकी सरकार में कोई भी व्यक्ति कच्ची झोपड़ी में न रहे इसके लिए सरकार द्वारा नए बजट में दस हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।  योजना के तहत न केवल ऐसे लोगों को मकान बनाने के लिए राशि दी जाएगी , बल्कि उन्हें जमीन के पट्टे भी दिए जाएंगे। उनका कहना  है कि इस साल 30 लाख मकान बनाने का लक्ष्य रखा गया है , जबकि 23 लाख मकान बनकर तैयार हैं। 28 मार्च को एक साथ प्रदेश में करीब सवा पांच लाख मकानों में लोगों को प्रवेश कराने की भी योजना है।
    दो साल में किसानों को मिले पौने दो लाख करोड़
    मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार की पहली प्राथमिकता किसान है। कांग्रेस सरकार में फसल बीमा का प्रीमियम तक नहीं भरा गया। हमारी सरकार बनते ही वर्ष 2018- 19 का फसल बीमा का 22 सौ करोड़ रुपए से अधिक का प्रीमियम भरा गया। हमने 19 लाख 4 हजार किसानों के खातों में तीन हजार 372 करोड़ रुपए डालने का काम किया। उन्होंने कहा कि पिछले दो सालों में किसानों के खातों में विभिन्न योजनाओं के माध्यम से एक लाख 72 हजार करोड़ रुपए डाले गए है।
    विधायक निधी में एक करोड़ की वृद्धि
    विधायक निधि की बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा रास्ता बहुत कठिन है पर खुद चुना है। उन्होंने कहा कि विधायक निधि दो से बढ़ाकर तीन करोड़ कर दी जाएगी। उसमें भी स्वेच्छा अनुदान की राशि 50 लाख कर दी जाएगी। पहले स्वेच्छा अनुदान की राशि 15 लाख थी। गौरतलब है कि सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायक लंबे समय से विधायक निधि बढ़ाने की मांग कर रहे थे। उनकी मांग उचित थी, इसलिए सरकार ने उसे स्वीकार कर लिया। विपक्ष द्वारा इस दौरान लगाए गए आरोपों के उत्तर में चौहान ने कहा कि विपक्ष ने कहा कि मोदी जी का नाम क्यों लिया? मोदी जी से आपको क्या आपत्ति है। वे भारत के प्रधानमंत्री हैं। उन्होंने कश्मीर में धारा 370 समाप्त कर दी, तीन तलाक का काला कानून समाप्त कर दिया, सर्जिकल स्ट्राइक कर पाकिस्तान को ठिकाने लगा दिया, 180 करोड़ लोगों को कोरोना की वैक्सीन लगवा दी। हमारे विरोधी मित्रों ने भ्रम फैलाने की कोशिश की कि यह मोदी वैक्सीन है, लगवा मत लेना और बाद में अंधेरे में जाकर खुद ही लगवा आए मोदी वैक्सीन, बोलने लायक भी इसलिए बचे, क्योंकि वैक्सीन लग गई।
    28 मार्च को सवा पांच लाख आवासहीनों को मिलेंगे मकान
    मुख्यमंत्री ने बताया कि 2011 की सूची में हमने तीस लाख गरीबों को मकान देने का प्रावधान किया था। आज मैं गर्व से कह सकता हूं कि हमने 23 लाख मकान बनाकर कंप्लीट कर दिए है। इस साल के अंत तक तीस लाख मकान बनाकर कंप्लीट कर दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि 28 मार्च को हम पूरे प्रदेश में 5 लाख 21 हजार मकानों के गृह प्रवेश का कार्यक्रम मध्यप्रदेश में रखेंगे। इसमें प्रधानमंत्री भी वर्चअली  शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि अब हमने पति-पत्नी और बच्चों को परिवार की इकाई माना है। अब है इन्हें मुख्यमंत्री भू-अधिकार योजना के तहत जमीन का पट्टा दिया जाएगा।