मोदी ने तैयार किया राज्यों के लिए 25 वर्षीय प्लान

  • हर संसदीय क्षेत्र के एक सैकड़ा कमजोर बूथों की होगी पहचान

भोपाल/मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। सूबे में भले ही

अगले साल के अंत में विधानसभा के और उसके अगले साल लोकसभा के चुनाव  होंगे  , लेकिन अभी से भाजपा कमजोर बूथों का चयन कर उन पर काम करने की तैयारी में है। इसके लिए स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पहल की गई है। उनके द्वारा हर संसदीय क्षेत्र के ऐसे सौ-सौ बूथों का चयन करने के लिए सांसदों से कहा गया है, जहां पर पार्टी का प्रदर्शन ठीक नहीं रहा है। उन्होंने कहा है कि इन बूथों के कमजोर प्रदर्शन के कारणों का पता लगाएं और उन्हें ठीक करने का प्रयास करें। इसका फायदा पार्टी को लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा चुनावों में भी मिलेगा। चार राज्यों में चुनावी जीत के बाद अब भाजपा 2024 आम चुनावों  की तैयारियों में जुट गई है।
बीजेपी आलाकमान ने चारों राज्यों में जीत के बाद उन राज्यों के नेताओं से बातचीत की। भाजपा आलाकमान 2024 के राष्ट्रीय चुनाव की तैयारी के लिए पिछले सप्ताह से योजना बनाने में लगा हुआ है।  दरअसल मोदी ने राज्यों के लिए ऐसा प्लान तैयार किया है जिसकी वजह से भाजपा व देश को अगले ढाई दशक तक नेतृत्व मिलता रहे। मोदी के इस प्लान का असर पांच में से जिन चार राज्यों में भाजपा को बहुमत मिला है, उन राज्यों की सरकार के गठन में दिखेगा। यही वजह है कि इन चार राज्यों में बीजेपी सरकार का गठन के लिए उसके स्वरूप और मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने वाले चेहरों को लेकर बीजेपी में शीर्ष स्तर पर बैठकों का दौर जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वरिष्ठ नेताओं की मैराथन बैठकों में नई सरकारों के गठन के खाके को अंतिम रूप दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने निर्देश दिया है कि बीजेपी और देश को अगले 25 वर्ष तक नेतृत्व मिले इसके लिए सरकारों में युवाओं को खास महत्व देना है। बताया जा रहा है कि भविष्य की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए चारों राज्यों में मंत्रिमंडल बनाने की रणनीतिक तैयारी भी चल रही है। इसके लिए सभी जीते गए विधायकों का डेटा तैयार किया जा रहा है। इन विधायकों को मंत्री बनाते समय कुछ खास बातों का ध्यान रखा जा सकता है। इनमें जातीय और क्षेत्रीय समीकरण का संतुलन अहम होगा। ओबीसी और अनुसूचित जाति वर्ग के विधायकों को मंत्रिमंडल में उचित प्रतिनिधित्व देने पर भी मंथन हो रहा है। बीजेपी में इस बात पर भी मंथन चल रहा है कि नई मंत्रिपरिषद में युवाओं, महिलाओं और उच्च शिक्षा प्राप्त विधायकों को प्राथमिकता दी जाए। योगी आदित्यनाथ की पिछली सरकार के 11 मंत्री चुनाव हार चुके हैं। चार मंत्री दूसरी पार्टियों में चले गए हैं। इस तरह मंत्रिपरिषद में 15 पद खाली हो गए हैं। पुराने कुछ मंत्रियों का प्रदर्शन ठीक नहीं रहा है, इसलिए उनकी छुट्टी हो सकती है। इस तरह यूपी में करीब 20 नए मंत्री बनाए जाने हैं। इनमें अनुसूचित जाति खासतौर से जाटव वर्ग को प्रतिनिधित्व देने की बात कही जा रही है क्योंकि जाटवों ने बड़ी संख्या में बीएसपी के बजाए बीजेपी को वोट दिया है। इन चारों राज्यों की सरकारों के गठन में किए जाने वाले इस तरह के प्रयोगों का असर मप्र की शिव सरकार पर भी पड़ना तय माना जा रहा है। संभावना जताई जा रही है कि शिव सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में इसी तरह का प्रयोग किया जा सकता है। शिव मंत्रिमंडल में अभी चार पद रिक्त हैं। माना जा रहा है कि जल्द ही चार नए मंत्री बनाए जा सकते हैं।
पीएम मोदी ने कार्यकर्ताओंको दिया मंत्र
सूत्रों का कहना है कि मंत्रियों का चुनाव कुछ कारकों को ध्यान में किया जाएगा। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आलाकमान ने जाति और क्षेत्रीय गणना, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति और ओबीसी अन्य पिछड़ा वर्ग का उचित प्रतिनिधित्व, और युवाओं, महिलाओं और शैक्षणिक योग्यता पर जोर दिया है। पीएम मोदी ने अपने नेताओं को अगले 25 सालों तक देश में सरकार बने रहने का प्लान बनाने को कहा। पीएम मोदी ने कथित तौर पर अपने लोगों को सलाह देते हुए कहा कि भाजपा और देश के लिए नेतृत्व सुनिश्चित करने के लिए युवाओं का विशेष महत्व है।