सीबीएसई 12वीं की परीक्षा में ज्यादा नंबर पाने की टेंशन अब नहीं!

  • प्रवेश परीक्षा के मार्क्स पर होगा केंद्रीय विश्वविद्यालयों में एडमिशन

भोपाल/मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। केंद्रीय विश्व

विद्यालयों में एडमिशन के लिए 12वीं के नंबरों की बाधा दूर हो गई है। 12वीं में 90 पर्सेंट से ज्यादा नंबर पाने वाली रेस से राहत मिल गई है। यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए छात्रों पर ज्यादा परसेंट लाने का तनाव रहता था लेकिन अब नया सिस्टम लागू हो गया है। सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों के स्नातक कोर्स में एडमिशन के लिए अब बोर्ड एग्जाम यानी 12वीं में प्राप्त अंकों का कोई वेटेज नहीं मिलेगा। जी हां, केंद्रीय विश्वविद्यालयों और उससे संबद्ध कॉलेजों में अंडरग्रेजुएट एडमिशन के लिए अब 12वीं के नंबरों का पात्रता मानदंडों के अलावा छात्रों के दाखिले पर कोई असर नहीं पड़ेगा। यह नियम 2022-23 शैक्षणिक सत्र से शुरू हो जाएंगे। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने घोषणा की है कि इस साल केंद्रीय विश्वविद्यालयों में स्नातक पाठ्यक्रमों में छात्रों के दाखिले का आधार विश्वविद्यालय संयुक्त प्रवेश परीक्षा में प्राप्त अंक होंगे। हालांकि विश्वविद्यालयों को बोर्ड एग्जाम के मार्क्स पर न्यूनतम पात्रता निर्धारित करने की अनुमति होगी। गौरतलब है कि हजारों छात्र देशभर में हर साल दाखिले के लिए इस तरह की कट ऑफ का सामना करते हैं। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। नई व्यवस्था से छात्रों को फायदा होगा। इससे बच्चों को देश में लेवल प्लेइंग फील्ड मिलेगी। अब छात्रों को अलग-अलग केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए अलग-अलग प्रवेश परीक्षा नहीं देनी होगी। छात्र एक कॉमन टेस्ट की मदद से देश के किसी भी केंद्रीय विश्वविद्यालय के अंडर ग्रेजुएट कोर्स में दाखिला ले पाएंगे।
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी करेगी संयुक्त प्रवेश परीक्षा
2022-23 शैक्षणिक सत्र से विश्वविद्यालय संयुक्त प्रवेश परीक्षा का आयोजन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी करेगी। ये परीक्षा कंप्यूटर बेस्ड होगी जिसमें छात्रों को सेंटर पर जाकर कंप्यूटर की मदद से मल्टीपल च्वॉइस सवालों का जवाब देना होगा। परीक्षा का पाठ्यक्रम, एनसीईआरटी के 12वीं कक्षा के सिलेबस से मिलता-जुलता ही होगा। विश्वविद्यालय संयुक्त प्रवेश परीक्षा 13 भाषाओं में होगी। छात्र अपनी पसंद की भाषा का चयन कर इस परीक्षा को दे सकते हैं। इनमें अंग्रेजी, हिंदी, असमिया, बंगाली, गुजराती, कन्नड़, मलयालम, मराठी, ओडिया, पंजाबी, तमिल, तेलुगु और उर्दू भाषा शामिल है। केंद्रीय विश्वविद्यालयों में अंडर ग्रेजुएट कोर्स में दाखिले के लिए आवेदन अप्रैल 2022 के पहले सप्ताह से शुरू होंगे। छात्रों को जुलाई के पहले हफ्ते में ये परीक्षा देनी होगी। एक पेपर भाषा का रहेगा। 13 भाषाओं में से किसी भी भाषा का चुनाव किया जा सकता है। इसके अलावा 27 मुख्य विषय हैं। एक छात्र ज्यादा से ज्यादा 6 विषयों के लिए परीक्षा दे सकता है। इसके आधार पर केंद्रीय विश्वविद्यालय के अंडर ग्रेजुएट कोर्स में दाखिला मिलेगा।
12वीं के अंक बन सकते हैं न्यूनतम आधार
जानकारी के अनुसार बारहवीं के नंबर पूरी तरह खत्म नहीं होंगे। केंद्रीय विश्वविद्यालय बारहवीं के नंबरों को दाखिले के लिए न्यूनतम आधार बना सकते हैं। उदाहरण के लिए दिल्ली यूनिवर्सिटी ये कर सकती है कि वो बारहवीं में कम से कम 60 प्रतिशत नंबर लाने वाले बच्चों को ही कॉमन टेस्ट के आधार पर दाखिला दे, या बनारस विश्वविद्यालय दाखिले के लिए बारहवीं में 70 प्रतिशत न्यूनतम नंबरों को आधार बना दे। ये फैसला कोई भी केंद्रीय विश्वविद्यालय अपने से कर सकता है। मतलब साफ है कि बारहवीं में प्राप्त नंबर पूरी तरह खत्म नहीं होंगे।