- संगठन हुआ सख्त, जिलाध्यक्षों को रहना पड़ेगा टिकट से महरुम
भोपाल/मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। भाजपा में संगठन
को ही सर्वोपरि माना जाता है, लेकिन इसके बाद भी कुछ विधायक और सांसद ऐसे हैं, जो सत्ता की हनक में संगठन को कम महत्व देते हैं। ऐसे सांसदों व विधायकों पर अब संगठन नकेल कसने जा रहा है। इसकी शुरुआत उन सांसदों व विधायकों से की जा रही है, जिनके द्वारा पार्टी की समर्पण निधि संग्रहण में सहयोग नहीं किया गया है। अब प्रदेश संगठन ने ऐसे जनप्रतिनिधियों की रिपोर्ट जिलों से तलब की है। यही नहीं आगामी विधानसभा चुनावों में पार्टी द्वारा जिलाध्यक्षों को टिकट नहीं देगी यह भी तय कर लिया गया है। इसकी वजह है जिलाध्यक्ष के चुनाव में प्रत्याशी बनने की वजह से चुनावी प्रबंधन में अव्यवस्था फैलती है। संगठन का मानना है कि टिकट पाकर जिलाध्यक्ष अपनी चुनावी तैयारियों में व्यस्त हो जाते हैं और जिले की बाकी सीटों की चुनावी तैयारियां प्रभावित होती हैं। दरअसल बीते रोज प्रदेश संगठन द्वारा प्रदेश पदाधिकारी, जिलाध्यक्ष और जिला प्रभारियों सहित पार्टी के विभिन्न मोर्चा- प्रकोष्ठ के अध्यक्षों की कामकाजी बैठक बुलाई गई थी। बैठक में इस संबंध में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने यह सुझाव दिए थे, जिस पर राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिवप्रकाश ने सहमति जताते हुए कहा कि इसमें थोड़ा सा संशोधन कर लिया जाए। उन्होंने शालीन भाषा में कहा कि जिलाध्यक्ष रहते हुए हमें चुनाव नहीं लड़ना है (इसका आशय यह है कि जो भी जिलाध्यक्ष चुनाव लड़ने के सपने देख रहा हैं, वह पद छोड़ दें)। पार्टी सूत्रों के मुताबिक कुछ चुनिंदा नेता देर रात तक संगठन और चुनाव समिति संबंधी मुद्दों पर विचार विमर्श करते रहे। दरअसल संगठन समर्पण निधि के लक्ष्य को हासिल न कर पाने की वजह से इन दिनों नाराज है। बैठक में विधायक-सांसदों से कहा गया कि संगठन के कामकाज में कोई बहाना नहीं चलेगा। समर्पण निधि अभियान हो या संगठन के अन्य काम, विधायक-सांसदों को समय देना पड़ेगा। कोई छूट नहीं दी जाएगी। जहां कम मतों से भाजपा ने जीत हासिल की है, ऐसी सीटों पर पार्टी अब विशेष फोकस करेगी। नेताओं ने कहा कि ऐसी प्रत्येक सीट पर एक प्रभारी नियुक्त कर दिया जाए। नियमित तौर पर वहां प्रवास हों ओर हर बूथ पर प्रत्यक्ष संपर्क हो। बैठक में बूथ अध्यक्ष, महामंत्री और एजेंट का त्रिदेव प्रशिक्षण कार्यक्रम बनया गया। बैठक में राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिव प्रकाश ने स्पष्ट कर दिया कि 20 अप्रैल तक समर्पण निधि एकत्र की जाए और लक्ष्य हासिल किया जाए। बैठक में मिशन-2023 के तहत चुनावी रणनीति और आने वाले दिनों में किस प्रकार काम करना है, इस पर बात हुई।
फिर से चलेगा समर्पण निधि अभियान
बैठक में महामंथन के दौरान समर्पण निधि में दो बार अभियान चलने के बावजूद लक्ष्य पूरा नहीं होने को लेकर चर्चा की गई। इस दौरान तत्काल फिर से समर्पण निधि अभियान चलाने का तय किया गया है। बैठक में राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिव प्रकाश ने स्पष्ट कर दिया कि 20 अप्रैल तक समर्पण निधि एकत्र की जाए और लक्ष्य हासिल किया जाए। शिव प्रकाश ने कहा कि योजना बनाकर काम करेंगे तो अच्छे परिणाम मिलेंगे। प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव ने साफ कहा कि समर्पण निधि के लक्ष्य पाने के लिए हर वर्ग तक जाएं। किस विधायक-मंत्री और सांसद ने कितनी मदद की और कितनी राशि दी, इसकी रिपोर्ट चाहिए।
हितानंद शर्मा के प्रचारक जीवन के कामों पर चर्चा
संगठन महामंत्री बनने के बाद पहली ही बैठक में हितानंद शर्मा ने अपनी कामकाज की शैली की झलक दिखा दी। इस बैठक में उनके द्वारा बारीकी से की पूछताछ की गई। इस दौरान उनके भाषण की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा तारीफ की। इस दौरान उनके कामकाज चर्चा का विषय बने रहे। हितानंद 1995 में संघ कार्य के लिए परिवार छोड़ कर अशोकनगर के विस्तारक के रुप में निकले थे। इसके बाद अशोकनगर, चंदेरी और चाचौड़ा में नगर प्रचारक रहे। इसके बाद 2002 में श्योपुर के जिला प्रचारक और 2007 में शिवपुरी का और 2011 में उन्हें विदिशा विभाग का प्रचारक बनाया गया। इसके बाद उन्हें 2015 में विद्याभारती के प्रांत संगठन मंत्री बनाया गया। उन्हें नये लोगों को जोड़ने और पुराने लोगों को इकट्ठा करने का मास्टर माना जाता है। हितानंद के खाते में शिवपुरी, विदिशा, बरेली और सिरोंज के संघ कार्यालय के निर्माण का श्रेय जाता है। वे ऐसे व्यक्ति हैं, जो सुबह-सुबह बिना योजना के 10 से 15 कार्यकर्ताओं से सहज मिलने निकल जाते हैं।
किसने-क्या कहा
– मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बूथ विस्तारक और समर्पण निधि में जैसा काम हुआ, बीते 35 सालों में इस स्तर का काम नहीं देखा। 92 फीसदी बूथ डिजिटल हो गए हैं। शिवराज ने कार्यकर्ताओं से कहा कि योजनाओं का लाभ आपको ही जनता तक पहुंचाना है।
– प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव ने कहा, समर्पण निधि अभियान में सामूहिकता के साथ जुटें। डॉक्टर, के इंजीनियर, स्कूल संचालक एवं समाज के हर प्रबुद्धजनों से जुड़ने का आह्वान करें। लक्ष्य निर्धारित करें और रोडमैप बनाकर काम करें। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में हर जिले एवं विधानसभा में विशेष संपर्क अभियान चलाएं।