स्व सहायता समूहों द्वारा तैयारी की गईं मिलेगी चार जोड़ी ड्रेस.
भोपाल/मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। दो साल बाद आखिकार प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पहली से आठवीं क्लास तक पढ़ने वाले 66 लाख विद्यार्थियों को गणवेश मिलना तय हो गया है। यह बात अलग है कि इस बार उन्हें नकद राशि की जगह तैयार की गई गणवेश प्रदान की जाएंगे। इन्हें महिला स्वसहायता समूहों द्वारा तैयार किया जाएगा। यह गणवेश हालांकि जब तक मिलेगी जब तक सत्र समाप्ती की करीब पहुंच जाएगा। इसकी वजह है अब कहीं जाकर सरकार इन गणवेशों के बारे में फैसला कर सकी है। इसके बाद अब स्व सहायता समूहोंं को इसके लिए आदेश देने के साथ ही अन्य तरह की सुविधाएं दी जाएगी, जिसके बाद ड्रेस बनने का काम शुरू हो पाएगा। माना जा रहा है कि इस पूरी प्रक्रिया में कम से कम दो माह लग सकते हैं, जिसकी वजह से बच्चों को ड्रेस मिलने में कम से कम दो से तीन माह का समय लग सकता है। इसकी वजह से बच्चों को सत्र समाप्ती के ठीक पहले तक ही गणवेश मिल सकेगी। अच्छी बात यह है कि इस बार बच्चों को दो की जगह चार जोड़ी ड्रेस मिलेगी। इसमें इस साल की दो और बीते कोरोना काल के सत्र की दो जोड़ी ड्रेस शामिल है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में सरकारी स्कूलों में पहली से आठवीं तक के विद्यार्थियों को नि:शुल्क दो जोड़ी ड्रेस दी जाती हैं। पूर्व के सालों में ड्रेस की राशि विद्यार्थियों की खातों में डाली जाती थी। जिससे विद्यार्थियों के अभिभावक अपनी मर्जी से कही से भी ड्रेस सिलवा सकते थे। बाद में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर यह काम स्व सहायता समूहों को दिया गया था , लेकिन तब वह गणवेश बेहद कम गुणवत्ता की निकली थीं। इसके बाद कोरोना की वजह से स्कूल बंद रहे। अब इस सत्र में स्कूल खुले हुए करीब चार माह का समय होने जा रहा है , लेकिन अब तक बच्चों को ड्रेस नहीं मिल सकी है। इसके बाद ये कयास लगाए जा रहे थे कि स्व-सहायता समूह के माध्यम से ही ड्रेस सिलवाने का कार्य किया जाएगा। लेकिन स्व-सहायता समूह की पिछले बार की क्वालिटी व खामियों को देखते हुए विभाग ने इस बार तय किया है कि ड्रेस की गुणवत्ता देखने के बाद ही पूरी राशि का भुगतान किया जाएगा।
हर साल आता है 390 करोड़ का खर्च
प्रदेश के सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को दो जोड़ी ड्रेस के लिए छह सौ रुपए की राशि दी जाती है। इस पर हर साल राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा 390 करोड़ रूपए खर्च किए जाते हैं। लेकिन इस बार पिछले सत्र व वर्तमान सत्र की चार जोड़ी ड्रेस वितरित की जाएगी। इसकी वजह से यह राशि दोगुनी खर्च करनी पड़ेगी। रोजगार दिलाने के लिए प्रशासन ने जिले के सभी शासकीय स्कूलों के बच्चों को दी जाने वाली यूनीफार्म की सिलाई इन समूहों से कराने के लिए निर्देश जारी कर दिए हैं।
सीएम राइज स्कूल के बच्चों को मिलेगी नगद राशि
स्कूल ड्रेस वितरण के लिए राज्य शिक्षा केंद्र ने अलग-अलग प्रस्ताव तैयार किए है। इसके तहत सीएम राइज के स्कूलों में पहली से आठवीं तक के विद्यार्थियों को उनके बैंक खाते में दो जोड़ी ड्रेस के लिए 600 रुपए की राशि दी जाएगी। साथ ही सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले पांचवीं-आठवीं के विद्यार्थियों के बैंक खाते में राशि डाली जाएगी। जबकि सरकारी स्कूलों की शेष कक्षाओं में स्व-सहायता समूह के माध्यम से ड्रेस बनवाई जाएगी।