डांट फटकार के बाद खत्म हुआ मंत्रियों का विवाद

भोपाल/मंगल भारत। बीते तीन दिनों से भाजपा में चल रहे


सियासी घमासान पर अब विराम लग गया है। इस मामले में अब एक दूसरे से अदावद रखने वाले मंत्री भी अब एकता की बात कर रहे हैं। फिलहाल विवाद को लेकर कोई भी नेता कुछ भी कहने को तैयार नही है। दरअसल भाजपा में चल रहे सियासी घमासान के बीच पार्टी के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश से लेकर तमाम संगठन के नेताओं ने मंत्रियों व अन्य नेताओं को तलब कर डांट फटकार की ऐसी घुट्टी पिलाई की वे मतभेद और मनभेद भूलकर एकता की बातें करने लगे हैं।
इसी क्रम में दो दिन पहले एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जो गुना-शिवपुरी के सांसद केपी यादव का था, जिसमें वे अप्रत्यक्ष रुप से श्रीमंत पर तंज कस रहे थे। इसके बाद उन्हें भी भोपाल तलब किया गया और फटकार लगाई गई। उन्हें इस तरह की बयानबाजी से दूर रहने की समझाइश दी गई है। उनसे कहा गया है कि भविष्य में ऐसा कोई बयान नहीं आना चाहिए जिससे पार्टी की छवि व नेताओं पर कोई असर पड़े। दरअसल उनके बयान के बाद उन्हें भोपाल तलब किया गया था। वे पार्टी दफ्तर शिवप्रकाश के साथ पहुंचे थे। इसी तरह से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के खिलाफ सोशल मीडिया पर पत्र जारी करने और नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह को नया प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने जैसी पोस्ट करने पर सागर महापौर संगीता तिवारी के पति व भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य सुशील तिवारी को नोटिस जारी करने के बाद भोपाल तलब किया गया है। इसका असर यह हुआ कि नोटिस की खबर लगते ही एक घंटे के भीतर तिवारी ने न केवल माफी मांगी, बल्कि खेद व्यक्त करते हुए कहा कि वे खुद सोशल मीडिया फ्रेंडली नहीं हैं। स्टाफ की गलती से यह पोस्ट हुआ था। उसे नौकरी से हटा दिया गया है। दरअसल पार्टी ने तिवारी को कठोर कार्रवाई की चेतावनी दी थी। उधर, सागर सांसद राजबहादुर ने बिना नाम लिए मंत्री राजपूत के बेटे को नसीहत दी है। उन्होंने कहा है कि पार्टी में नई एंट्री लेने वालों को ट्रेनिंग की जरूरत है। उनका यह बयान ऐसे समय आया है, जब नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह, गोपाल भार्गव और राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के बीच खींचतान की खबरें आयी थीं। सांसद ने मंत्री राजपूत के बेटे आकाश द्वारा सोशल मीडिया पर की गई पोस्ट पर कहा कि कुछ लोगों की पार्टी में नई एंट्री हुई है। ये लोग सोशल मीडिया पर कुछ भी लिख रहे हैं। भाजपा की रीति-नीति नहीं जानते। टारगेट करके भाजपा के कुछ नेताओं के विरोध में खड़े हुए हैं। जिस तरह समय-समय पर हमें पार्टी से ट्रेनिंग मिली है, ऐसे ही वरिष्ठ नेताओं से नई एंट्री वालों की भी ट्रेनिंग होनी चाहिए। दरअसल, एक दिन पहले ही आकाश ने भूपेंद्र सिंह की खुरई सीट को लेकर कहा था कि ‘अच्छा है हम खुरई में नहीं हैं, वरना बात करने पर ही जेल चले जाते। क्यों भाई साधु जी..।’
दिग्गज नेताओं ने की थी बैठक
मुख्यमंत्री से मिलकर इस्तीफा की धमकी देने वाले मंत्रियों को बड़े नेताओं ने न केवल डांट फटकार लगा थी , बल्कि भविष्य में इस तरह का कदम नहीं उठाने की चेतावनी भी दी थी। इस मामले के सामने आने के बाद दिल्ली से प्रहलाद पटेल, नरेन्द्र सिंह तोमर और कैलाश विजयवर्गीय को स्पेशल विमान से भोपाल भेजा गया था। इसके बाद से नाराज चल रहे मंत्री गोपाल भार्गव व गोङ्क्षवद सिंह राजपूत ने चुप्पी साध ली है।