बढ़ेगा निवेश… आएगी नौकरियों की बहार

नए साल में भोपाल में रफ्तार पकड़ेगा औद्योगिक विस्तार.

भोपाल/मंगल भारत। मप्र को औद्योगिक हब बनाने की दिशा में अब राजधानी भोपाल के आसपास उद्योगों का विस्तार हो रहा है। जिले के अचारपुरा, अगरिया छापर, अजामपुर, बीलखेड़ी, बैरसिया रोड पर बड़ी संख्या में उद्योग-धंधे लग रहे हैं। नए साल में राजधानी में उद्योगों को नई रफ्तार मिलेगी। उद्योगों की स्थापना के लिए शासन की नीतियों के तहत काम करते हुए सिंगल विंडो के जरिए अनुमतियां देने की कोशिश होगी। जानकारी के अनुसार नए साल में भोपाल के आसपास के औद्योगिक क्षेत्रों में करीब 1243 करोड़ का निवेश होगा। इससे 22 हजार लोगों के रोजगार मिलेगा। उद्योग विभाग के सूत्रों का कहना है मप्र में भोपाल के आसपास के औद्योगिक क्षेत्रों में निवेश की अपार संभावनाएं है। इसको देखते हुए नई इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने जमीनें देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
दरअसल, सरकार की योजना है कि पीथमपुर की तरह मध्यभारत के भोपाल को बड़ा औद्योगिक केंद्र बनाया जाए। इसके लिए सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है। दरअसल, देश-विदेश के कई बड़े निवेशक भोपाल के आसपास औद्योगिक इकाईयां स्थापित करना चाहते हैं। ऐसे निवेशकों के लिए सरकार ने राजधानी के आसपास के इंडस्ट्रियल एरिया में निवेश करने के लिए दरवाजे खोल दिए हैं। जानकारी के अनुसार राजधानी के आसपास रोजगार को बढ़ावा देने के लिए नई इंडस्ट्री लगाई जा रही हैं।
ये उद्योग काम कर रहे, कुछ कतार में: राजधानी के उद्योगों में एग्रीकल्चर के उपकरण सिंचाई के पाइप के नए मॉडल बनना शुरू हो गया है। वहीं रेलवे की लाइट से लेकर फ्लश, बाथरूम, सीट, फर्श भोपाल में बन रहे हैं। हाल ही में गोलखेड़ी में राजस्थान के हैंडीक्राफ्ट को जगह दी गई है। फूड उद्योग में गोविंदपुरा में तीन यूनिट अभी हाल में अपडेट होकर मिठाई के बड़े ऑर्डर बना रही हैं। जल्द ही ये यूनिट उद्योगों को लिए दी जा रही जगह में शिफ्ट हो जाएगी। ऐसे ही ईवी के दो बड़े प्रोजेक्ट भोपाल में जल्द शुरू होने जा रहा है। कलेक्टर आशीष सिंह का कहना है कि भोपाल में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए जो समस्याएं और बाधाएं आ रही हैं उनको दूर किया जा रहा है। इस संबंध में जिला उद्योग केंद्र के अफसरों के साथ बैठक हुई है। इसमें अनुमति और सब्सिडी की राह को आसान कर शासन की नीति के तहत काम किया जाएगा।
सात क्लस्टर में जमीनों का आवंटन
राजधानी के आसपास स्थित औद्योगिक क्षेत्रों में उद्योगों को मिलने वाली छूट और अनुमतियों की लंबी फेहरिस्त को कैसे आसान किया जाए इस पर गतदिनों कलेक्टोरेट में मंथन किया गया। कलेक्टर और जिला उद्योग केंद्र के अफसरों की बैठक में तय हुआ कि पूर्व के जो प्रस्ताव आए है, उनको तेजी से जगह देकर, उनको यहां डेवलप होने दिया जाए। ताकि भोपाल में और उद्योगपति आएं। अभी तक के सात क्लस्टर में भोपाल के अचारपुरा, अगरिया छापर, अजामपुर, बीलखेड़ी, बैरसिया रोड पर जमीनें दी जा रही हैं। इसके तहत 1243 करोड़ का निवेश इन क्लस्टर में होगा। इससे 22 हजार लोगों के रोजगार मिलेगा। हालाकि इसमें से कुछ इकाईयां स्थापित हो चुकी हैं, इनको सब्सिडी देकर और जान डालनी है। रोजगार की तलाश में इंदौर, मुंबई और दिल्ली जैसे शहरों में पलायन कर रहे लोगों को भोपाल में ही रोजगार मुहैया कराया जाएगा। कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि जहां विकास की जरूरत हो, वहां विकास कार्य कराए जाएं।
हजारों को मिलेगा रोजगार
प्रदेश में रोजगार के मद्देनजर उन उद्योगों को जल्द से जल्द स्थापित करने जमीनें आवंटित की जा रही हैं, जिनसे लोगों को रोजगार उपलब्ध हो सके। भोपाल ही नहीं आस-पास जिलों के लोगों को भी यहां रोजगार मिलेगा। जिला उद्योग केंद्र के अफसरों के साथ मिलकर नए उद्योगों को जमीनें आवंटित करते जा रहे हैं। नई इंडस्ट्री के लगने के बाद हजारों लोगों को रोजगार मिल सकेगा। फर्नीचर क्लस्टर 100 एकड़ पर बनेगा। यहां 350 करोड़ का निवेश होगा और 10000 लोगों को नौकरियां मिलेंगी। 28 एकड़ में 150 करोड़ की लागत से आरा मशीन लगेगी और 2000 नौकरियां लगेंगी। 10 एकड़ में 34.45 करोड़ की लागत से प्लास्टिक उद्योग स्थापित होगा और 605 लोगों को रोजगार मिलेगा। फूड उद्योग 37 एकड़ में बनेगा और 152 करोड़ का निवेश होगा। इसमें 1995 नौकरियां मिलेगी। वहीं 5 एकड़ में 15 करोड़ की लागत से रेलवे इंजीनियरिंग का उद्योग स्थापित होगा और 500 नौकरियां मिलेंगी। 21 एकड़ में लोहा व्यापारी संघ स्थापित होगा।