89 दिन बाद कल होगी मोहन कैबिनेट की बैठक

विकास पर फोकस, नई योजनाओं को मिलेगी मंजूरी.

भोपाल. मंगल भारत। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता हटने के साथ ही सरकार एक्टिव मोड में आ गई है। प्रदेश में विकास कार्यों को गति देने के लिए 89 दिन बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव कैबिनेट की बैठक मंगलवार को करने वाले हैं ,जिसके लिए एजेंडा फाइनल करने का काम चल रहा है। इसमें करीब दो दर्जन प्रस्ताव चर्चा में लाए जाने की संभावना है। कैबिनेट बैठक में जल संंसाधन, लोक निर्माण विभाग, नगरीय विकास और आवास विभाग समेत अन्य विभागों के करोड़ों रुपए नए प्रोजेक्ट मंजूर करने और पूर्व में रुके व अटके प्रोजेक्ट को शुरू करने के लिए सहमति दी जाएगी। इधर चुनाव आचार संहिता खत्म होने के बाद प्रदेश में अगले मंगलवार से जिलों में कलेक्टर कार्यालय में होने वाली जनसुनवाई भी शुरू हो जाएगी। जीएडी (सामान्य प्रशासन विभाग) अब इसे फिर से शुरू करने का आदेश एक दो दिनों में जारी करेगा। राज्य सरकार प्रदेश में जल संवर्धन के लिए जल गंगा संवर्धन अभियान चला रही है। इस पर भी आने वाले दिनों में कुछ और फैसले हो सकते हैं। चुनाव आचार संहिता लागू होने के कारण मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और उनके मंत्री अभी तक जनता के हित में लागू की जाने की जाने वाली नई योजनाओं और कार्यक्रमों की घोषणा नहीं कर पा रहे थे। अब नई योजनाओं और कार्यक्रमों की घोषणा भी की जा सकेगी।
सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में जहां योजनाओं को मंजूरी दी जाएगी, आगामी कार्यक्रमों पर भी चर्चा की जाएगी। कैबिनेट के बाद सीएम चुनिंदा विभागों के मंत्रियों, एसीएस और पीएस से चर्चा करेंगे। अधिकारियों को अपने विभाग की समीक्षा रिपोर्ट बनाने को भी कहा गया है। कैबिनेट की पिछली बैठक 14 मार्च को हुई थी। इस बैठक में खासतौर पर चित्रकूट विकास प्राधिकरण के गठन, केन बेतवा परियोजना के लिए 24 हजार करोड़ रुपए की मंजूरी और पर्वतमाला योजना के अंतर्गत प्रदेश के कई जिलों में रोपवे शुरू करने का फैसला किया गया था। इसके बाद अब 89 दिनों के उपरांत पहली बैठक होने वाली है। अब नए निर्माण कार्य भी शुरू किए जा सकते हैं। इसी माह 15 जून से मानसून सक्रिय हो जाएगा, इसलिए सरकार अब बारिश के पहले होने वाले काम तेज करेगी। खासतौर सडक़ों को बनाने का काम लोक निर्माण विभाग, नगरीय विकास और आवास विभाग तथा एमपीआरडीसी, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के अफसर शुरू कर सकेंगे। इसके लिए अब चुनाव आयोग से परमिशन लेने की बंदिश खत्म हो गई है। बारिश के पहले उखड़ी सडकों का निर्माण, रखरखाव तथा नई सडक़ों को बनाने का काम किया जाएगा। बजट के काम में तेजी आएगी। विधानसभा सचिवालय पहले ही एक जुलाई से मानसून का ऐलान कर चुका है जो 19 जुलाई तक चलेगा।
बजट पर रहेगा फोकस
प्रदेश सरकार का फोकस प्रदेश के नए वित्त बजट को लेकर रहेगा। जो जुलाई के पहले सप्ताह में विधानसभा में पेश किया जाएगा। इसके लिए विभागीय मंत्री भी विभाग प्रमुखों के साथ बैठके करेंगे। यही प्रदेश में अब आईएएस, आईपीएस अफसरों की नई जमावट भी की जाएगी।
4 साल के विकास कार्यों पर चर्चा
जानकारी के मुताबिक इस बैठक में आगामी 4 सालों में जीएसडीपी दोगुना करने की योजना पर मंथन किया गया है। राजस्व स्रोत एवं खनन राजस्व को 50000 करोड़ तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है। बैठक में सीएम मोहन यादव की तरफ से दूसरे राज्यों में स्थित राज्य सरकार की संपत्तियों को लाभदायक और राजस्व प्राप्त करने वाला बनाने पर भी जोर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री यादव ने कहा है कि शहरी क्षेत्रों की क्षेत्रीय योजना और नए क्षेत्रों का नियोजित विकास जैसे विषयों पर गंभीरता से काम करना जरूरी हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि जैसे ही लोकसभा का चुनाव संपन्न हो जाएगा, सभी अपने अपने विभाग के विकास कार्यों को आगे बढ़ाने में जुट जाएं। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री यादव ने प्रदेश में विकास कार्यों को रफ्तार देने के लिए गत दिनों वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर जल्दी से जल्दी सभी कार्यों को निपटाने का निर्देश दे चुके हैं। मुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक में मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, वित्त विभाग मौजूद रहे। वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हुई इस बैठक के दौरान सीएम डॉ. मोहन यादव ने आगामी सालों के विकास कार्यों के रौडमैप पर विस्तार से चर्चा की है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे रोडमैप के मुताबिक कार्य को अंजाम दें।
मंत्रियों के प्रभार पर भी होगी चर्चा
सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री की इसी दिन संगठन नेताओं से भी चर्चा होनी है। अगले हफ्ते तक मंत्रियों को जिलों के प्रभार भी आवंटित कर दिए जाएंगे। मंत्रियों को जिले का प्रभार देने सीएम की संगठन नेताओं से एक दौर की बैठक पूर्व में हो चुकी है पर लोकसभा चुनाव के चलते यह मामला टाल दिया गया था। माना जा रहा है कि बजट सत्र के पहले ही मंत्रियों को जिलों के प्रभार आवंटित कर दिया जाएगे। कैबिनेट की बैठकों में प्रदेश में 15 दिन या अधिक समय के लिए तबादलों पर बैन भी हट सकता है। इसमें जिला और राज्य स्तर पर कर्मचारियों के तबादले मंत्री और मुख्यमंत्री कार्यालय की सहमति से किए जा सकेंगे। इसके अलावा मंत्रियों को प्रभार के जिले सौंपने और एसीएस व एडीजी स्तर के अफसरों द्वारा की जाने वाली संभागीय समीक्षा बैठकों व उनकी रिपोर्ट पर कार्यवाही भी तेज हो सकेगी।
इन मुद्दों पर हो सकती है चर्चा
जानकारी के अनुसार, मंगलवार को होने वाली मोहन कैबिनेट बैठक में जल संसाधन, लोक निर्माण विभाग, नगरीय विकास और आवास विभाग समेत अन्य विभागों के करोड़ों रुपए नए प्रोजेक्ट मंजूर करने और पूर्व में रुके व अटके प्रोजेक्ट को शुरू करने पर हरी झंडी मिल सकती है। विधानसभा के मानसून सत्र पर भी चर्चा हो सकती है। खास करके मोहन सरकार का फोकस जुलाई में पेश होने वित्त बजट रहेगा।सीएम द्वारा विधायकों और मंत्रियों को विभागों से संबंधित कार्यों को लेकर निर्देश दिए जा सकते है। विधानसभा और लोकसभा चुनाव में गेम चेंजर साबित हुई लाड़ली बहना योजना का भी रिव्यू किया जा सकता है। चूकी बीते दिनों सीएम ने बाकी बचे नामों को जोड़ने और राशि बढ़ाने की बात कहीं थी। लोकसभा चुनाव के बाद बड़ा प्रशासनिक फेरबदल किया जा सकता है। संभावना है कि प्रदेश के कई आईएएस, आईपीएस अफसरों को इधर से उधर किया जा सकता है। वही कर्मचारियों किसानों और युवाओं को लेकर भी कोई फैसला लिया जा सकता है।89 दिन बाद कल होगी मोहन कैबिनेट की बैठक.