महिलाएं पार्टी की सदस्य बनकर भाजपा को दें मजबूती: वीडी शर्मा.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने भोपाल में बूथ पर पहुंचकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मन की बात कार्यक्रम को सुना और चाय पर चर्चा कर महिलाओं सहित विभिन्न वर्ग के लोगों को भाजपा की सदस्यता दिलाई। शर्मा ने अरेरा मंडल, वार्ड 45 के बूथ क्रमांक 160 पर महिलाओं से चाय पर चर्चा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महिलाओं को आर्थिक सशक्त बनाया है। महिला भाजपा का सदस्य बनकर नरेंद्र मोदी को और मजबूती दें। बहनों व युवाओं सहित हर वर्ग को साथ लेकर भाजपा मध्यप्रदेश में सदस्यता में इतिहास रचेगी। शर्मा ने मन की बात कार्यक्रम के बाद बहनों के साथ पौधारोपण किया।
490 डॉलर प्रति टन होगा न्यूनतम बासमति का निर्यात मूल्य: चौहान
बासमती के अलावा देश में पैदा होने वाले दूसरे प्रकार के सफेद चावल को अब दूसरे देशों में एक्सपोर्ट किया जाएगा। चावल उत्पादक किसानों की मांग पर केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने ये फैसला लिया है। केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसकी जानकारी दी है। शिवराज ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में एक और किसान हितैषी फैसला लिया है। गैर-बासमती चावल के निर्यात को खोलने और न्यूनतम निर्यात मूल्य के मूल्य निर्धारण को मंजूरी मिली है। गैर-बासमती सफेद चावल के लिए 490 डॉलर प्रति टन न्यूनतम निर्यात मूल्य तय किया गया है। परबॉइल्ड और ब्राउन चावल पर शुल्क 20त्न से घटकर 10त्न हो गया है। चावल उत्पादक किसान अब न्यूनतम निर्धारित मूल्य से अधिक कीमत पर ही अपनी उपज निर्यात कर सकेंगे।
कमलनाथ बोले, फॉरेस्ट गार्ड से रिकवरी का फरमान वापस लें
मप्र के वन विभाग में 6592 वन रक्षकों को ग्रेड पे के हिसाब से ज्यादा वेतन दिए जाने के मामले में 165 करोड़ की रिकवरी निकाले जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सवाल उठाया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा है कि ऑडिटर जनरल (एजी) ऑफिस, ग्वालियर हर साल ऑडिट करता है। तो वन विभाग में एजी ग्वालियर ने कैसा ऑडिट किया? उन्होंने लिखा है कि जो वेतन वन रक्षकों को दिया, वह वेतन वन रक्षकों ने स्वीकार किया। ऐसे में अगर गलती की है, तो सरकार ने की है। मैं मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि इस तुगलकी फरमान को तत्काल वापस वापस लिया जाए।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा, विकसित मप्र का वादा करने वाली भाजपा सरकार अब अशिक्षित मध्य प्रदेश बना रही है। राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा जारी एक रिपोर्ट में वर्तमान शैक्षणिक सत्र में सरकारी स्कूलों में कक्षा पहली के नामांकन की गंभीर स्थिति उजागर हुई है। प्रदेश के 5,000 से अधिक सरकारी स्कूलों में इस शैक्षणिक (2024- 25) सत्र में कक्षा पहली में एक भी छात्र का नामांकन नहीं हुआ है। 5,500 सरकारी स्कूलों में शून्य नामांकन की स्थिति है। लगभग 25,000 सरकारी स्कूलों में केवल एक या दो छात्रों का नामांकन हुआ है। मप्र के गरीब परिवारों के लाखों बच्चे, जो पढ़-लिखकर बड़े अधिकारी बनने का सपना देखते हैं, उन्हें इस सरकार ने शिक्षा से वंचित कर दिया है। प्रचार-प्रसार की चकाचौंध में डूबी भाजपा सरकार ने इन बच्चों के भविष्य को अंधेरे में धकेलने का पाप किया है।