अब डिजिटल हस्ताक्षर के जरिए जारी होंगे ड्राइविंग लाइसेंस

अब डिजिटल हस्ताक्षर के जरिए जारी होंगे ड्राइविंग लाइसेंस

स्मार्ट चिप कंपनी ने एक अक्टूबर से प्रदेशभर के आरटीओ में काम करना बंद कर दिया। ऐसे में परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस कार्ड और गाडिय़ों के रजिस्ट्रेशन कार्ड बनना बंद हो गए। करीब एक लाख से ज्यादा कार्ड प्रदेशभर में पेंडिंग हैं। इस स्थिति में मप्र सरकार ने केरल और राजस्थान की तर्ज पर अब डिजिटल हस्ताक्षर के जरिए लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन कार्ड दिए जाने का निर्णय लिया है। परिवहन विभाग ने केरल व राजस्थान मॉडल को यहां लागू करते हुए यह कवायद की है। अब जब तक कार्ड प्रिंट के लिए नई कंपनी नहीं आ जाती लोगों को डिजिटल लाइसेंस जारी किए जाएंगे जो पीडीएफ के तौर पर आप अपने मोबाइल पर रख सकते हैं। यह कार्ड पूरे प्रदेश में कहीं भी मान्य किया जाएगा। मप्र में अभी सिर्फ लर्निंग लाइसेंस का पीडीएफ ही उपलब्ध कराया जाता है।

सीएम का मजाक उड़ाने पर युवा कांग्रेस अध्यक्ष पर केस दर्ज
लाड़ली बहना योजना का मजाक उड़ाते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव का भ्रामक वीडियो सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट करने वाले युवा कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष मितेंद्र सिंह के खिलाफ क्राइम ब्रांच में एफआईआर दर्ज की गई है। इस संबंध में भाजपा विधि प्रकोष्ठ के प्रदेश सह संयोजक अधिवक्ता अशोक विश्वकर्मा ने शिकायत की थी। क्राइम ब्रांच के मुताबिक अधिवक्ता विश्वकर्मा ने शिकायत की थी कि युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मितेंद्र सिंह द्वारा अपने एक्स अकाउंट पर प्रदेश की लाड़ली बहना योजना का मजाक उड़ाते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के खिलाफ भ्रामक वीडियो पोस्ट किया था। मुख्यमंत्री जैसे संवैधानिक पद आसीन व्यक्ति के प्रति इस प्रकार से मजाक उड़ाना राजद्रोह की श्रेणी में आता है। वीडियो में जिन शब्दों का चयन किया गया है वह यह है कि घर-घर में खौफ हो यह मप्र की शांति व्यवस्था बिगाडऩे और आमजन में खौफ पैदा करने का इरादा रखता है।

सीएम ने आईएएस पिथौड़े की किताब का विमोचन किया
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दिल्ली में गुरुवार को मप्र कैडर के आईएएस अधिकारी तरुण पिथौड़े की किताब मास्टर योर डेस्टिनी-लैसंस फ्रॉम लोहानी का विमोचन किया। पिथौड़े की यह किताब भारतीय रेल सेवा से रिटायर्ड चर्चित अधिकारी अश्विनी लोहानी की कार्यशैली पर आधारित है। विमोचन के दौरान अश्विनी लोहानी भी मौजूद थे। किताब में लोक प्रशासन और प्रबंधन से जुड़े कई आयामों पर व्यवहारिक ढंग से पिरोया गया है। भोपाल कलेक्टर रह चुके तरुण पिथौड़े वर्तमान में केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में बतौर निदेशक पदस्थ हैं। उनकी यह पुस्तक अश्वनी लोहानी के करियर के दौरान सार्वजनिक प्रशासन और प्रबंधन में किए गए उल्लेखनीय कार्यों पर आधारित है। पिथौड़ की यह छठवीं किताब है।

प्रो. अर्पण भारद्वाज विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु बने
राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने उज्जैन के विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु पद पर प्रो. अर्पण भारद्वाज की नियुक्ति की है। प्रो. भारद्वाज केमिस्ट्री के प्राध्यापक हैं और वर्तमान में उज्जैन के ही माधव साइंस कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य हैं। वे उच्च शिक्षा विभाग में अतिरिक्त संचालक रह चुके हैं। उनकी यह नियुक्ति 4 साल के लिए होगी। हाल ही में इंदौर के देवी अहिल्याबाई होल्कर विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. रेणु जैन का कार्यकाल खत्म होने के बाद 27 सितंबर को नए कुलपति के रूप में डॉ. राकेश सिंघई की नियुक्ति की गई थी। इसके बाद प्रदेश में कुलगुरु के पद पर यह दूसरी नियुक्ति है।