चेतन ने लोकायुक्त को दिया बयान ही दोहराया.
भोपाल/मंगल भारत। सेंट्रल जेल में बंद परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा, उसके सहयोगी चेतन सिंह गौर और शरद जायसवाल से ईडी की पूछताछ भी फार्म हाउस में मिली सोने व नगदी से भरी कार का राज पता करने में जुटी है। उसकी जांच भी इसके इर्दगिर्द ही बनी हुई है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि चेतन गौर ने ईडी के सामने भी वही बयान दोहराया है जो उसके द्वारा लोकायुक्त पुलिस को दिया गया था। ईडी की टीम चेतन के अलावा उसके दोनों साथियों से भी लगातार दो दिन से पूछताछ कर रही है। ईडी पहले दिन करीब छह घंटे और दूसरे दिन 7 घंटे तक पूछताछ कर चुकी है। बीते रोज ईडी की चार सदस्यीय टीम 11 बजे जेल पहुंच गई थी। पूछताछ का दौर शरद से दो घंटे सवाल-जवाब से शुरु हुआ था। इसके बाद चेतन से एक घंटे और फिर सौरभ से करीब डेढ़ घंटे तक पूछताछ हुई। शाम छह बजे तक शरद से दोबारा सवाल किए गए। इस दौरान ईडी ने अविरल कंस्ट्रक्शन कंपनी में सौरभ के निवेश, संपत्तियों की खरीद-फरोख्त और जयपुरिया स्कूल की बिल्डिंग निर्माण से जुड़ी जानकारी मांगी। शरद कंपनी का डायरेक्टर है। चेतन ने एक बार फिर से कहा है कि कार उसके नाम पर है, लेकिन डाउन पेमेंट सौरभ ने की थी और ईएमआई भी वही भरता था। सौरभ ने कहा कि कार से उसका कोई लेना-देना नहीं है, जबकि चेतन ने माना कि इसे सौरभ व उसके लोग ही इस्तेमाल करते थे।
अब एक साथ बिठा कर होगी पूछताछ
डी फिलहाल शरद और चेतन पर फोकस कर रही है। बुधवार और गुरुवार की पूछताछ में दोनों से सबसे ज्यादा सवाल हुए। ईडी ने कई दस्तावेज भी सामने रखे, ताकि आरोपों की पुष्टि हो सके। अब ईडी तीनों को साथ बैठाकर सवाल करेगी, क्योंकि जवाबों में कई विरोधाभास मिले हैं।
लोकायुक्त बढ़ाएगा अपनी जांच का दायरा
लोकायुक्त की टी जांच का दायरा बढ़ाने की तैयारी में दो दिन पहले पूछताछ कर चुकी लोकायुक्त की टीम अब अपनी जांच का दायरा बढ़ाने जा रही है। यही वजह है कि उसके द्वारा अब तक डेढ़ दर्जन लोगों को बयानों के लिए नोटिस दिए जा चुके हैं। इसके अलावा बरामद बेनामी संपत्तियों के दस्तावेजों से संबंधित और उनके मालिकों के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है। माना जा रहा है कि यह जानकारी मिलते ही इस मामले में कई और लोगों को भी आरोपी बनाया जा सकता है।