सार्वजनिक वितरण प्रणाली में गड़बड़ी को रोकने की कवायद

अब आपका चेहरा दिलाएगा राशन.

भोपाल/मंगल भारत। सार्वजनिक वितरण प्रणाली में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए सरकार जो भी कदम उठाती है उसका तोड़ ढूंढ लिया जाता है। इसको देखते हुए सरकार ने फर्जीवाड़ा रोकने के लिए एक फुलप्रूफ प्लान बनाया है। इसके तहत अब सार्वजनिक वितरण प्रणाली में गड़बड़ी को रोकने के लिए उपभोक्ता परिवारों की फेस आईडी बनाई जाएगी। जिससे जब उपभोक्ता राशन दुकान पर जाएगा तो फेस आईडी एप उसका चेहरा देखकर उसे राशन दिलाएगा। गौरतलब है कि मप्र में सार्वजनिक वितरण प्रणाली में गड़बड़ी के कारण पात्र हितग्राहियों को राशन नहीं मिल पाता है। ऐसे में गड़बड़ी को रोकने के लिए विभाग अब उपभोक्ता परिवारों की फेस आईडी बनाने की तैयारी कर रहा है। यह प्लान अभी शुरुआती चरण में है और ई-केवायसी का कार्य पूरा होने के बाद फेस आईडी एप को लेकर प्रक्रिया तेज होगी।
फेस आईडी एप रोकेगा गड़बड़ी
अधिकारियों का कहना है कि ई-केवायसी के बाद सभी हितग्राहियों का डाटाबेस विभाग के पास रहेगा तो फेस आईडी बनाने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। फेस आईडी एप के लिए भारत सरकार से सब्सक्रिप्शन लेकर काम किया जाएगा। यह प्रक्रिया आने वाले कुछ महीनों में शुरू हो जाएगी। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में फिलहाल लगभग 25 हजार दुकानों के माध्यम से प्रतिमाह करीब 1.23 करोड़ परिवारों को राशन मिलता है। जबकि 1.31 करोड़ परिवारों के कार्ड बने हैं। उचित मूल्य की दुकानों से गेहूं, चावल मुख्य रूप से मिलते हैं। विशेष जरूरत वाले परिवारों को शक्कर और नमक भी मिलता है। गौरतलब है कि पीओएस मशीनों की शिकायतें सामने आती रहती हैं। शहरी क्षेत्र में पीडीएस विक्रेता ज्यादा गड़बड़ी करते हैं। ग्रामीण क्षेत्र में इंटरनेट कनेक्टिविटी, डिवाइस की अनुपलब्धता, जागरूकता में कमी बड़ी समस्या है। इससे निपटने के लिए विभाग को चरणबद्ध तरीके से काम करना होगा। प्रदेश के सभी 55 जिलों में फेस आईडी से राशन वितरण की प्रक्रिया लागू हुई तो राशन चोरी, बिचौलियों की भूमिका समाप्त होगी।
फर्जी राशन कार्डों पर लगेगा अंकुश
सार्वजनिक वितरण प्रणाली में फेस आईडी एप लागू होने के बाद कई बदलाव देखने को मिलेंगे। फेस आईडी बनने के बाद हितग्राहियों को किसी पर्ची या अन्य दस्तावेज की आवश्यकता नहीं होगी। आधार से लिंक उनका चेहरा ही उनकी पहचान होगा। चेहरे से पहचान होने पर फर्जी राशन कार्डों पर अंकुश लगेगा और डुप्लीकेट होने की संभावना खत्म हो जाएगी। राशन वितरण में पारदर्शिता होगी और पहचान पुख्ता होम पर डीलर एवं उपभोक्ता के बीच की मिलीभगत की शिकायतों पर भी लगाम लगेगी। नकली आधार नंबर या फिंगरप्रिंट के जरिए किसी और का राशन किसी दूसरे उपभोक्ता को देना संभव नहीं होगा। जानकारी के अनुसार ई-केवायसी के साथ फैमिली आईडी की सुविधा को उत्तरप्रदेश एवं हिमाचल में शुरू किया जा चुका है। उम्र के कुछ जिलों में फेस आईडी सहित पंजीयन कराए गए हैं। उम्र में परिवार की आईडी के लिए सरकार के अधिकृत पोर्टल पर डिटेल भरकर जमा कराया जा रहा है। इसके बाद जो आईडी नंबर जनरेट होता है, उसके आधार पर ही राशन मिलता है। आयुक्त-खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति कर्मवीर शर्मा का कहना है कि ई-केवायसी की प्रक्रिया का कार्य जल्द ही पूरा हो जाएगा। भविष्य की हमारी प्लानिंग है कि भारत सरकार से एप सब्सक्रिप्शन लेकर फेस आईडी तकनीक से राशन वितरण हो। इसके लिए प्रारंभिक तैयारियां की जा रही है।