जिंदा को बताया मरा और अविवाहितों को बना डाला विवाहित.
भोपाल/मंगल भारत। सरकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए शुरु की गई समग्र आईडी लोगों के लिए भारी मुसीबत बनती जा रही है। इसकी वजह है जिम्मेदारों द्वारा इनमें बड़े स्तर पर छेड़छाड़ करना। प्रदेश में ऐसे हजारों मामले हैं जिनमें बड़े स्तर पर लापरवाही की गई या फिर उनमें जानबूझ कर छेड़छाड़ कर दी गई। हालत यह है कि जिंदा को मरा तो कुंवारी लड़कियों को विवाहित तक बता दिया गया है। ऐसे ही करीब साढ़े तीन हजार मामले अकेले सागर में ही सामने आ चुके हैं। इनमें कई तरह की बड़ी-बड़ी गलतियों को कर दिया गया है, जिससे अब संबधित लोग उसमें सुधार के लिए हैरान परेशान घूम रहे हैं। इनमें अकेले 79 लोग तो ऐसे हैं, जो जिंदा हैं और कामकाज भी कर रहे हैं, लेकिन उन्हें मृत बताकर आईडी तक बंद कर दी गई है। इसकी वजह से उन्हें सरकारी योजनाओंं का लाभ मिलना बंद हो गया है। वहीं बहुत सी लड़कियों की संख्या ऐसी है, जिन्हें आईडी में विवाहित घोषित कर दिया गया है। अब उनकी शादी में घरवालों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अभी तक जिले में 31 लाख 79 हजार 551 समग्र आईडी बनी हैं। जिसमें से हजारों में इस तरह की गड़बडिय़ां सामने आ रही हैं। इस गड़बड़ी की मुख्य वजह उसमें सुधार या परिवर्तन कराने के दौरान गलत जानकारी भरना बताया जा रहा है। समग्र आईडी में नाम परितर्वन कराना, उसमें नया नाम या पता जुड़वाने के लिए ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम सचिव और नगरीय क्षेत्र में वार्ड मेंबर का अनुमोदन जरूरी है। शहर और ग्रामीण क्षेत्र के अधिकांश लोग एमपी आनलाइन या दूसरे आपरेटर के माध्यम से यह काम करवाते हैं। जहां पर जाकर अपनी जानकारी आनलाइन कार्य करने वाले को देते हैं, लेकिन आनलाइन अपडेट के दौरान ही गलत जानकारी भर दी जाती है।
परिवर्तन पर है रोक
उल्लेखनीय है कि सात अप्रैल से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने समग्र आईडी में विभिन्न जानकारियों को संशोधित करने के दौरान विवाहित से अविवाहित दर्ज करने वाली प्रक्रिया को पूरी तरह से बंद किया जा चुका है। इसकी वजह से उसमें सुधार भी नहीं हो पा रहा है।
राशन, पेंशन सहित अन्य लाभ मिलना बंद
इयी तरह से जिय परकोटा निवासी राजेश को मृत घोषित कर उसकी समग्र आईडी बंद कर दी गई। उसे अब शासन की ओर से राशन, पेंशन सहित अन्य योजनाओं का लाभ मिलना बंद हो गया। अब राजेश खुद को जिंदा साबित करने के लिए नगर निगम से लेकर वार्ड मेंबर और कलेक्टर कार्यालय तक के चक्कर काट रहा है।
पिता को ही ससुर बना दिया
खुरई के आवासीय कालोनी में रहने वाली कीर्ति की समग्र आईडी में अविवाहित की जगह विवाहित दर्ज कर दिया गया है। इतना ही नहीं समग्र आईडी में उसके पिता को ही ससुर बना दिया गया। 16 अप्रैल को खुरई में आयोजित सामूहिक कन्यादान विवाह योजना में जब उसने शादी के लिए आवेदन किया, तो समग्र आईडी में गड़बड़ी की जानकारी पता लगी। इसके बाद कीर्ति ने नगर पालिका खुरई से लेकर विधायक और कलेक्टर तक से गुहार लगाई, लेकिन उसका विवाह नहीं हो पाया।