दुकान बंद तो जगह-जगह बिकने लगी शराब

आम लोगों को पता लेकिन पुलिस व आबकारी विभाग बना हुआ है बेसुराग.

मंगल भारत। मनीष द्विवेदी। प्रदेश सरकार ने राज्य के 19 धार्मिक शहरों में शराब बिक्री पर रोक लगा दी है। जिससे इन शहरों में अब शराब की दुकानें बंद हो चुकी हैं। इसका असर यह हुआ कि अब घरों से लेकर दुकानों तक में शराब बिकना शुरु हो गई है। अहम बात यह है कि ऐसे शहरों में जाने वाले पर्यटकों और अन्य लोगों को आराम से मनपसंद शराब मिल जाती है, लेकिन पुलिस और आबकारी महकमे को इसकी जानकारी तक नहीं है। इससे दोनों विभागों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। दरअसल दोनों ही विभागों के जिम्मेदार सरकार की मंशा पर इस मामले में पलीता लगा रहे हैं। अगर बात बुंदेलखंड अंचल के राम राजा की नगरी ओरछा और पीतांबरा पीठ के स्थल दतिया की ही मैदानी स्थिति देख ली जाए तो हकीकत सामने आ जाती है। उप्र की सीमा से सटे इन दोनों शहरों में मप्र के अलावा उप्र में बिकने वाली शराब आसानी से मिल जाती है। इसके लिए आपको थोड़ी से अधिक कीमत चुकानी होती है। हालत यह है कि ओरछा में बस स्टैंड की चाय की दुकान से लेकर गलियों तक में शराब उपलब्ध हो जाती है, तो दतिया में रेस्टोरेंट से लेकर घरों तक से अवैध शराब को बेचा जा रहा है। झांसी से ओरछा की ओर जाते समय सीमा पर ओरछा तिगेला पर शराब की दुकान है। स्थानीय लोगों ने बताया कि ओरछा की सीमा पर यह दुकान पहले से है। यहां पर शाम को भीड़ होती है। हालांकि वहां पड़ौसी दुकानदार ने बताया के बंदी के बाद भी ओरछा में ही शराब मिल जाती है। तो कोई 7-8 किलोमीटर दूर यहां क्यों लेने आएगा। उसका कहना है कि आप होटल में रुकेंगे तो वहां पर काम करने वाले लडक़े को बोल दें, वह पांच मिनिट में शराब ले आएगा। ओरछा पहुंचकर आप जरा पूछताछ करेंगे तो आपको अवैध शराब बिक्री के ठिकाने पता चल जाएंगे। यहां पर पुराने बस स्टैंड के पास कुएं के सामने चाय-नाश्ते की दुकान से शराब बिकती है। लेकिन वह परिचितों को ही शराब देता है। इसी तरह से कई दुकानों पर ठंडे पेय की तरह बीयर मिल जाती है। इसी तरह से होटलों और लाजों में तो वहां काम करने वाला स्टाफ आसानी से शराब उपलब्ध करा देता है। अंतर इतना है कि दुकानदार उसे पेपर में लपेट कर देता है।
गली में महिलाएं बेंचती है शराब
ओरछा में केवल दुकानों से ही नहीं बल्कि गली-गली शराब बिक रही है। होटल निरामय के पीछे गली में बने मकान से महिला बीयर बेंचती है। उसके पास दो कीमत की बीयर मिलती है, जिसमें से एक की कीमत 130 और दूसरी की कीमत 170 बताई जाती है। इसी तरह से कस्बे के सीमाई इलाके में खुद की बनाई गई कच्ची शराब भी आसानी से मिल जाती है।
दतिया में होटल से बिकती है शराब: इसी तरह से दतिया की बात की जाए तो यहां पर बस स्टैंड पर होटल से शराब की बिक्री होती है। यह बात अलग है कि वहां सिर्फ परिचितों या फिर रिक्शा वालों की मदद से ही शराब मिलती है। इसी तरह से यहा पर शराब की अवैध बिक्री के लिए कई नए तरीके भी खोज लिए गए हैं। शहर के पंडाजी मढिय़ा के पास की एक गली से बड़ी मात्रा में देसी शराब बेची जाती है। यहां पर बाहरी लोगों को तो मना कर दिया जाता है, लेकिन अगर स्थानीय हैं तो आसानी से मिल जाती है। यहां पर शराब बोतल में नहीं बल्कि रसभरी के नाम से टेट्रा पैक में बेंची जाती है। यह शराब उप्र से आती है।