चार दशक बाद होंगी भर्तियां.
बिजली विभाग में अधिकारियों-कर्मचारियों की कमी का खामियाजा तीनों बिजली कंपनियों के साथ ही उपभोक्ताओं को भी उठाना पड़ रहा है। इसको देखते हुए सरकार ने बिजली विभाग में नई भर्तियां करने का निर्णय लिया है। मप्र की मध्य, पूर्व व पश्चिम क्षेत्र बिजली वितरण कंपनियों को 20 हजार से अधिक नए पद मिलेंगे। ऊर्जा विभाग ने इसका खाका खींच लिया है। इंतजार है तो बस कैबिनेट से मंजूरी मिलने का। इसके बाद इन पदों पर भर्तियां शुरू होंगी। इसका सीधा फायदा 1.80 करोड़ बिजली उपभोक्ताओं को होगा। इन अधिकारी, कर्मचारी की भर्तियां होने के बाद बिजली कटौती व बिलों में गड़बड़ी जैसी शिकायतों की सुनवाई में तेजी आएगी। गौरतलब है कि कंपनियों को ये पद करीब 40 साल बाद मिलने जा रहे हैं, जो युवाओं को रोजगार देने में भी मदद करेंगे। प्रदेश में अभी 100 यूनिट में से करीब 27 यूनिट बिजली चोरी हो जाती है। इसी में कुछ यूनिट बिजली तकनीकी लॉस में बर्बाद हो रही है। जिसकी कई वजहों में से एक मैदान में पर्याप्त सक्षम और नियमित अधिकारी, कर्मचारियों का नहीं होना भी है। वर्तमान में प्रदेश की बिजली व्यवस्था 3 कंपनियां संभाल रही हैं। इनमें करीब 1.80 करोड़ बिजली उपभोक्ता है, इनमें से 1.25 करोड़ घरेलू उपभोक्ता हैं। कंपनियों को हर महीने करीब 5 हजार करोड़ का राजस्व मिलता है, जिसमें 3 हजार करोड़ आम उपभोक्ता देते हैं और 2 हजार करोड़ रुपए सरकार की सब्सिडी होती है। विशेषज्ञों का कहना है कि इन उपभोक्ताओं की कई समस्याएं और काम होते हैं, जो कम से कम समय में पूरे नहीं होते।
नए ओएस सेटअप का खींचा खाका
सूत्रों के मुताबिक यह बात मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के संज्ञान में आई तो उन्होंने कहा कि जब उपभोक्ता बढ़ रहे हैं तो अधिकारी, कर्मचारियों की संख्या भी उसी अनुपात में बढऩी चाहिए, इसमें कोई आपत्ति नहीं है। इसके बाद ही ऊर्जा विभाग ने नए ओएस सेटअप का खांका खींचा है। प्रदेश में 1956 से मप्र विद्युत मंडल बिजली वितरण से जुड़े काम देख रहा था। 2000 में जब छत्तीसगढ़ अलग हुआ तो राज्य विद्युत मंडल अस्तित्व में आया। क्षेत्रफल की दृष्टि से बिजली आपूर्ति व्यवस्था के लिए तत्कालीन सरकार ने जून 2002 में बिजली कंपनियों का गठन किया और जुलाई 2005 में इन कंपनियों ने पूरी तरह काम संभाला। तब ऑर्गेनाइजेशन स्ट्रक्चर (ओएस) बने और उसी में स्वीकृत पद पहले दोनों प्रदेशों में फिर मप्र की बिजली कंपनियों में विभाजित किए गए। बिजली कर्मियों को भविष्य निधि खाते की बकाया राशि ब्याज के साथ मिलेगी। यह ब्याज दरें तय कर दी हैं। मध्यप्रदेश विद्युत मंडल कर्मचारी भविष्य निधि न्यास के वित्तीय वर्ष 2024-25 में सेवारत, दिवंगत व सेवानिवृत होने वाले कार्मिकों के भविष्य निधि खाते की शेष राशि पर 9.50 प्रतिशत और वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर से भुगतान किया जाएगा। यह निर्णय न्यास की 91वीं बैठक में लिया गया।
सुविधाएं बढ़ेंगी, इन कामों में आएगी तेजी
बिजली विभाग में अधिकारियों-कर्मचारियों की भर्ती के बाद सुविधाएं बढ़ेंगी और कामों में तेजी आएगी। केंद्र व राज्य की योजनाएं कम से कम समय में जमीन पर उतारी जा सकेंगी। मीटर व ट्रांसफार्मर के नए कनेक्शन लेने में लगने वाला समय और कम हो जाएगा। करोड़ों रुपए की वसूली संबंधी प्रकरणों के निपटारे में आसानी होगी। शहर की नई बसाहट, ग्रामीण क्षेत्रों के टोले-मजरे में बिजली पहुंचाने में कम समय लगेगा। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर का कहना है कि उपभोक्ताओं की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए सीएम ने नए ओएस लागू करने की मंशा जताई थी। नए ओएस के तहत 2 हजार से अधिक नए पद स्वीकृत कर चुके हैं। अब वितरण कंपनियों के लिए नया ओएस तैयार कर रहे हैं।