अगले माह से फिर प्रदेश में सक्रिय होंगे सहस्त्रबुद्धे

चुनावी साल होने के बाद भी अंदरूनी कलह के चलते भाजपा का शीर्ष नेतृत्व प्रदेश में अब तक नया प्रदेश प्रभारी नियुक्त नहीं कर सका है। लिहाजा बीते लंबे समय से प्रदेश में वर्तमान प्रभारी भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे की निष्कियता से पार्टी की गतिविधियों की सही रूप से निगरानी नहीं हो पा रही है। ऐसे में एक बार फिर अगले माह से सहस्त्रबुद्धे प्रदेश में सक्रिय होने जा रहे हैं। माना जा रहा है कि पार्टी चुनाव होने तक उनका प्रभार नहीं बदलेगी। बीते एक साल पहले भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद का अध्यक्ष नियुक्त होने के बाद से सहस्त्रबुद्धे की सक्रियता प्रदेश में लगभग समाप्त हो गई है। अब उन्हें एक बार फिर से प्रदेश में सक्रिय होने को कह दिया गया है। उन्हें पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के संभागीय दौरों के पहले वहां पहुंचकर संगठन को दुरुस्त करने का काम दिया गया है। शाह अगस्त में प्रदेश के संभागीय दौरे करने वाले हैं। सहस्त्रबुद्धे का प्रदेश दौरा एक जुलाई से शुरू हो रहा है। वे सबसे पहले भोपाल और होशंगाबाद संभाग की बैठकें लेंगे।
रामलाल कर रहे हैं संभागस्तर पर बैठकें
राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल ने गुरुवार को उज्जैन व शुक्रवार को इंदौर संभाग की बैठकें ली हैं। कांग्रेस की बढ़ती सक्रियता और कई जिलों में संगठन की सुस्त चाल के बाद रामलाल ने खुद संभागस्तर पर पहुंचकर बैठकें लेने का सिलसिला शुरू किया है। रामलाल का यह प्रवास भी शाह के संभागीय प्रवास के पहले की तैयारी के रूप में देखा जा रहा है।
खींचतान में टला नए प्रभारी का निर्णय
सूत्रों के अनुसार पार्टी मध्यप्रदेश का प्रभारी बदलना चाहती थी। सहस्त्रबुद्धे ने भी अपनी व्यस्तताओं के चलते असमर्थता जताई थी। भूपेंद्र यादव, ओमप्रकाश माथुर और अनिल जैन के नाम चर्चा में थे। इसमें प्रदेश के नेता भूपेंद्र यादव को प्रभारी बनाना चाहते थे, लेकिन केंद्रीय नेतृत्व इसके लिए राजी नहीं था। चूंकि, सहस्त्रबुद्धे अक्टूबर 2014 से प्रदेश के प्रभारी के रूप में काम कर रहे थे और प्रदेश के स्थानीय समीकरणों पर उनकी पकड़ अच्छी बन गई है। राज्य व केन्द्र मेें एक राय न होने की वजह से फिलहाल नए प्रभारी के मामले को टाल दिया गया है।