खुद की दावेदारी के लिए मंत्री का विस्थापन चाहती हैं पद्मा शुक्ला

पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के रूप में वर्तमान मंत्री संजय पाठक से पराजित हो चुकीं पद्मा शुक्ला एक बार फिर विधायक का चुनाव लडऩे की तैयारी कर रही हैं। उनकी राह में सबसे बड़ी बाधा संजय पाठक ही हैं। वे अब भाजपा में हैं और वर्तमान में मंत्री भी हैं। वे उन मंत्रियों मेें शामिल हैं जिनका टिकट लगभग तय है। चुनाव हारने व संजय पाठक को पार्टी मेें लेकर विधायक का टिकट देकर मंत्री बनाए जाने के एवज में सरकार व संगठन ने पद्मा शुक्ला को समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष बनाते हुए उन्हें केन्द्रीय मंत्री पद का दर्जा दे दिया था। अब चुनावी साल है तो एक बार फिर पद्मा शुक्ला के मन मेंं विधायक बनने की इच्छा जागृत हो गई है। यही वजह है कि हाल ही में उन्होंने मुख्यमंत्री सीएम शिवराज सिंह चौहान से मिलकर कटनी जिले की विजयराधौगढ़ विस सीट से टिकट देने की मांग की है। उन्होंने इस दौरान कहा कि श्री पाठक को कांगे्रस के प्रभाव वाली सीट से प्रत्याशी बनाया जाए। उनका इस दौरान तर्क रहा कि वे एक बार विधायक के रूप में अपने क्षेत्र की जनता की सेवा करना चाहती हैं। गौरतलब है कि पद्मा 2013 में पाठक से 935 वोट से हारी थीं। तब पाठक कांग्रेस प्रत्याशी के रुप में सामने थे। पद्मा ने राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल, प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह और प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत से शिकायत की है कि गृह जिले में उनकी अनदेखी की जा रही है। मंत्री के प्रभाव में जिला प्रशासन न तो उनको सरकारी कार्यक्रमों में बुलाता है और न ही निमंत्रण पत्र पर उनका नाम होता है जबकि कैबिनेट मंत्री के प्रोटोकाल के हिसाब से उनको बुलाया जाना अनिवार्य है।