प्रदेश में सहकारी संस्थाओं के हवाले होगी उज्ज्वला की गैस एजेंसी

प्रदेश में कृषि सहकारी संस्थाओं के रूप में काम करने वाली संस्थाओं को अब आर्थिक रूप से समृद्ध करने के लिए राज्य सरकार के प्रस्ताव पर केन्द्र ने उन्हें उज्ज्वला गैस ऐजेंसी का काम देने पर सहमति प्रदान कर दी है। वर्तमान में प्रदेश में इस तरह की करीब 4587 प्राथमिक कृषि सहकारी संस्थाएं (पेक्स) कार्यरत हैं। प्रदेश के सहकारिता विभाग द्वारा भेजे गए प्रस्ताव को लेकर बीते दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और सहाकारिता राज्यमंत्री विश्वास सारंग ने केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से चर्चा की थी। सूत्रों की माने तो इस प्रस्ताव को सैद्धांतिक सहमति मिल गई है। इस पर अमल के लिए जल्द ही केंद्र सरकार निर्देश जारी कर सकती है। खास बात यह है कि इन सहकारी संस्थाओं को सिलेंडर की रिफिलिंग का काम भी सौंपा जाएगा। गौरतलब है कि सहकारिता विभाग द्वारा प्राथमिक कृषि सहकारी संस्थाओं के जरिए दैनिक उपयोग की सामग्री की बहुद्देशीय दुकान खोलने की तैयारी भी की जा रही है। इन दुकानों पर पतंजलि उत्पाद भी बेंचने पर विचार चल रहा है। अभी उज्ज्वला गैस कनेक्शन और रीफिलिंग का काम निजी एजेंसियों के पास है। पार्टी का मानना है कि सरकार गैस कनेक्शन मुफ्त दे रही है तो श्रेय मिलने के साथ ही रीफिल से होने वाला मुनाफा भी सहकारी संस्थाओं के खाते में जाए। प्रदेश में लगभग 36.20 लाख परिवारों के पास उज्ज्वला कनेक्शन है। बीपीएल के लगभग 72 लाख परिवारों को उज्ज्वला कनेक्शन बांटने का लक्ष्य है। ऐसे में हर पेक्स संस्था की गैस एजेंसी खुलती है तो उसके पास तीन-चार गांवों के लगभग 1500 कनेक्शन आएंगे।
भाजपा नेता हैं संस्थाओं के प्रशासक
चुनाव न होने के कारण सभी प्राथमिक कृषि सहकारी संस्थाओं की समितियां भंग हैं। इनमें पूर्व अध्यक्ष को प्रशासक बनाया हुआ है। इनमें से अधिकांश भाजपा से जुड़े हुए हैं। गैंस एजेंसी का काम उनके हाथों में देकर पार्टी कहीं न कहीं अपने लोगों को खुश करने के मूड में है।
नेटवर्क बना पेक्स की ताकत
निजी गैस एजेंसियां कस्बों या शहरों तक सीमित है। उज्ज्वला के गैस सिलेंडर सप्लाई में इनका कमजारे नेटवर्क बाधा साबित हुआ है। कई हितग्राहियों ने पहला सिलेंडर लेने के बाद रीफिल नहीं करवाया, क्योंकि वे गांव से दूर सिलेंडर लेकर शहर नहीं आ सकते। पेक्स संस्थाओं का नेटवर्क गांवों में फैला है और इसी के आधार पर उन्हें यह काम मिलने जा रहा है। उधर, सिलेंडर रीफिल की पूरी राशि एक साथ न दे पाने वालों को किस्त में देने का प्रस्ताव भी है।