चुनावी साल में अफसरों की बेबाकी पर सरकार हुई असहाय

प्रदेश में यह साल चुनावी होने की वजह से अब आम कर्मचारियों की तरह सरकार के वरिष्ठ अफसर भी मौके बे मौके पर मुखर होने लगे हैं। उनकी यह मुखरता सरकार के लिए मुसीबत बनती जा रही है। इस वजह से अब सरकार के सामने दोहरी मुसीबत खड़ी होने लगी है। यह सरकार के वरिष्ठ व आला अफसर आए दिन फेसबुक, ट्विटर और अखबारों में लेख लिखकर अपनी भावनाओं का प्रदर्शन कर सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहे हैं। खास बात यह है कि सरकार भी चुनावी माहौल को देखते हुए चुप्पी साधने पर मजबूर बनी हुई है।

  1. सरकार के रणनीतिकारों का मानना है कि अगर इस माहौल में अफसरों से सवाल-जवाब किया गया तो सरकार को नुकसान हो सकता है। बीते दो साल में प्रदेश के आधा दर्जन से अधिक आईएएस अफसर राज्य एवं केंद्र सरकार की कार्यप्रणाली एवं योजनाओं पर सवाल खड़े कर चुके हैं। आईएएस दीपाली रस्तोगी नौकरशाहों की कार्यशैली पर सवाल उठाकर चर्चा में हैं। हाल ही में आईएएस भास्कर लक्षकार ने भी अफसरों के स्वभाव पर कटाक्ष किया है। पूर्व आईएएस डीडी अग्रवाल ने फेसबुक पर ऐसी ही पोस्ट की थी, जो अप्रत्यक्ष रूप से सरकार के मुखिया के खिलाफ नजर आ रही थी। इसे विवाद होने के बाद में हटा दिया था।
    दो अफसरों को दिए गए थे नोटिस
    पिछले साल तक ऐसे अफसरों पर कार्रवाई की गई थी। दो अफसरों ने अपने विचार व्यक्त किए थे, उन्हें हटाकर नोटिस दिए गए। हालांकि ये अफसर नोटिस का जवाब देकर बरी हो गए। अब सरकार नोटिस देने से भी बच रही है।
    किसने क्या लिखा क्या कहा
    दीपाली रस्तोगी : अंग्रेजी अखबार में लिखे लेख में नौकरशाहों की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए लिखा ‘अच्छा आईएएस अधिकारी वही माना जाता है, जो नेता की इच्छा के अनुरूप काम करे।’
    अजय गंगवा : बड़वानी कलेक्टर रहते हुए फेसबुक पर गांधी-नेहरू परिवार की तारीफ की थी। साथ ही फेसबुक पर ही मोदी की नीतियों का विरोध करने वाली एक पोस्ट को लाइक कर दिया था। इसके बाद उनसे कलेक्टरी छीन ली गई थी।
    भास्कर लक्षकार : असफरों के स्वभाव पर कटाक्ष करते हुए अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट किया है कि ‘वो अफसर ही क्या, जो छोटी-मोटी बातों पर सहमत हो जाए।’ इससे पहले वे गायक सोनू निगम से जुड़े विवाद पर एक धर्म को लेकर अपनी राय लिख चुके हैं।
    सीबी चक्रवती : नरसिंहपुर कलेक्टर रहते हुए फेसबुक पर लिखा था ‘अगर कथित बुद्धिजीवियों ने भ्रष्टाचार से घृणा की होती तो अब तक भ्रष्टाचार कम हो चुका होता।’
    शोभित जैन – 2000 बैच के आईएएस अफसर शोभित जैन ने सोशल मीडिया पर मौजूदा राजनीति को लेकर कटाक्ष किया है। उन्होंने फेसबुक पेज पर लिखा है कि राजनीति लोगों को मूर्ख बनाने की कला है, जो जितना बड़ा झूठ बोलता है, उसके जीतने की संभावना बढ़ जाती है। एक अन्य पोस्ट में लिखा है। युग की विडंबना है कि मगरमच्छ और भेडि़ए अब मछलियों और मेमनो को नैतिकता का पाठ पढ़ाते हैं। जैन स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव हैं।