पांच दर्जन आईएफएस अफसरों का अपने विभाग से मोहभंग

प्रदेश के एक चौथाई भारतीय वन सेवा के अफसर ऐसे हैं, जिन्हें अब नौकरी के कई सालों बाद अपने विभाग का काम पसंद नहीं आ रहा है। यही वजह है कि यह अफसर अन्य विभागों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। स बात यह है कि यह अफसर वन विभाग का काम छोड़ अन्य सभी तरह के काम कर रहे हैं। वर्तमान में इस सेवा के 234 आईएफएस हैं इनमें से करीब 60 अफसर अन्य जगहों पर पदस्थ हैं। यह संख्या के मान से करीब एक चौथाई से अधिक होते हैं। इनमें से तीन दर्जन अफसर ऐसे हैं जो विभाग के अनुषंगी उपक्रमों में काम कर रहे हैं तो पांच अफसर लंबे समय से दूसरे विभागों में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ हैं। खास बात यह है कि इनमें से कोई अफसर स्व-सहायता समूहों का गठन करा रहे हैं तो कुछ सरकारी योजनाओं की शोध रिपोर्ट तैयार करने मेें लगे हुए हैं। खास बात यह है कि वन विकास निगम और लघु वनोपज संघ में अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक स्तर के 16 अफसर प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ हैं, जबकि इन दोनों ही संस्थाओं में न तो इनके बैठने की जगह है और न ही वहां इतने अमले की आवश्यकता है। गौरतलब है कि विभाग में 11 पीसीसीएफ, 64 अतिरिक्त पीसीसीएफ और 40 से अधिक सीसीएफ के पदों का निर्माण कर दिया गया, जिसकी वजह से उनके लिए काम ही नहीं बचा है, जिसकी वजह से उनका अपने ही मूल विभाग से मोह भंग हो गया है।
दूसरे विभागों में लंबे समय से पदस्थ अफसर
1. अखिलेश अर्गल, एपीसीसीएफ : अर्गल 2008 से वन विभाग से दूर हैं। वे 2015 से स्कूल ऑफ गुड गवर्नेंस में संचालक के पद पर प्रतिनियुक्ति पर हैं। यहां सरकारी योजनाओं पर शोधकार्य कर रहे हैं।
2. एलएम बेलवाल, पीसीसीएफ : बेलवाल एपीसीसीएफ से पीसीसीएफ बन चुके हैं, लेकिन मूल विभाग लौटना नहीं चाहते। वे 2009 से गैर वनीय काम कर रहे हैं। अभी आजीविका मिशन में सीईओ हंै। यहां महिला स्व-सहायता के विषय पर काम कर रहे हैं।
3. हेमवती बर्मन, एपीसीसीएफ : हेमवती 2013 से पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में प्रधानमंत्री आवास के राज्य कार्यक्रम अधिकारी पद पर पदस्थ हैं। वे जल ग्रहण और ग्रामीण रोजगार को बढ़ावा देने का काम कर रही हैं।
4. विभाष कुमार ठाकुर, एपीसीसीएफ : ठाकुर 2013 से अपने विभाग से कटे हुए हैं। पंचायत विभाग में सेवाएं देने के बाद अब रेशम संचालनालय की गतिविधियों को बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं।
5. महेंद्र सिंह धाकड़, एपीसीसीएफ : धाकड़ 2013 से दूसरे विभागों में अच्छी कुर्सी की तलाश में रहे हैं। फिलहाल मत्स्य महासंघ में प्रबंध संचालक हैं।
इन्होंने भी गैर वन कार्य किए पसंद
पीसीसीएफ स्तर के अधिकारी विनय कुमार बर्मन बीज विकास निगम में हैं। बर्मन और बेलवाल दिसंबर में रिटायर हो रहे हैं। इधर, एपीसीसीएफ असित गोपाल ने स्वच्छ भारत मिशन को पसंद किया। आरके यादव और प्रशांत जाधव प्रशासन अकादमी में नवनियुक्त प्रशासनिक अफसरों को प्रशासन के गुर सिखा रहे हैं। जसवीर सिंह चौहान मध्यान्ह भोजन बंटवा रहे। रमेश कुमार श्रीवास्तव और चितरंजन त्यागी आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग में हैं। इधर, सीसीएफ स्तर के कैप्टन अनिल कुमार खरे मंत्रालय में फाइलें निपटा रहे हैं। सुदीप सिंह राजधानी परियोजना, आशीष कुमार वर्मा एनवीडीए और सत्यानंद उद्यानिकी में सेवाएं दे रहे हैं। प्रकाश उन्हाले दिल्ली स्थित भवन में अपर आवासीय आयुक्त की भूमिका में पदस्थ है।
इनका कहना है
प्रतिनियुक्ति पर गए अफसरों को हम आवश्यकता होने पर बुला लेते हैं। जिस विभाग में प्रतिनियुक्ति पर गए, उसे दिक्कत नहीं है तो अतिरिक्त पीसीसीएफ के अफसरों को भेजने में कोई परेशानी नहीं, लेकिन निचले स्तर या फील्ड के अफसरों को प्रतिनियुक्ति पर भेजने में सोचना पड़ता है।
– आरके गुप्ता, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक